Thursday, May 22, 2025
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‘… देख पाता तो द कश्मीर फाइल्स का पहला शो देखता’ : गीतकार संतोष आनंद ने बयां किया पुराना दर्द, कहा- ‘तब मेरे गाने तक से कश्मीर हटा दिया गया था’

संतोष आनंद ने बताया कि 1992 में सुपरहिट फिल्म 'तहलका' आई थी। इसका एक गाना था 'दिल दीवाने का डोला दिलदार के लिए …' इस गाने को उन्होंने ही लिखा था। उन्होंने बताया कि ये गाना असली नहीं है। इसके असली बोल थे, 'दिल दीवानों का डोला कश्मीर के लिए..हर देशभक्त ये बोला कश्मीर के लिए..मेरा रंग दे बसंती चोला कश्मीर के लिए।'

विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) की रिलीज के साथ ही जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से 1990 के दौरान पलायन के लिए मजबूर हुए कश्मीरी हिंदुओं की बात हर कोई कर रहा है, लेकिन प्रख्यात गीतकार संतोष आनंद (Santosh Ananad) ने खुलासा किया है कि 90 के दशक में आतंकवाद इस कदर अपने चरम पर था कि उनके गाने तक से कश्मीर का नाम हटा दिया गया था। वो कहते हैं कि कश्मीर में हुआ नरसंहार ऐसा सच है, जिसे न तो दबाया जा सकता है और न ही छुपाया जा सकता है।

प्रख्यात गीतकार और कवि संतोष आनंद ने यह बात मंगलवार (29 मार्च 2022) को प्रयागराज में कही। वो यहाँ कीडगंज में आयोजित ‘काव्य चकल्लस-2022’ के तहत हो रहे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में शामिल होने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि 1992 में सुपरहिट फिल्म ‘तहलका’ आई थी। इसका एक गाना था ‘दिल दीवाने का डोला दिलदार के लिए …’ इस गाने को संतोष आनंद ने ही लिखा था। उन्होंने बताया कि ये गाना असली नहीं है। इसके असली बोल थे, ‘दिल दीवानों का डोला कश्मीर के लिए..हर देशभक्त ये बोला कश्मीर के लिए..मेरा रंग दे बसंती चोला कश्मीर के लिए।’

संतोष आनंद कहते हैं कि उस वक्त घनघोर आतंकवाद था। उस दौरान कश्मीर का नाम लेना भी मुनासिब नहीं था। मेरे गाने को रोक दिया गया। इसकी न्यूज तक नहीं आई। वो बताते हैं कि उनके गाने को लेकर एक समाचार के वरिष्ठ संवाददाता ने बुलाकर दिखाया था कि एक पेज की खबर बनी थी, लेकिन पूरे पेज पर विज्ञापन लगा दिया गया। उन्होंने ये भी कहा कि वो एक राष्ट्रवादी विचारधारा वाले व्यक्ति हैं।

साभार: दैनिक जागरण

द कश्मीर फाइल्स का पहला शो देखता

संतोष आनंद द कश्मीर फाइल्स को सच बताते हुए कहा, “मैं व्हील चेयर पर हूँ और थिएटर में शो देखने नहीं जा सकता। लेकिन हाँ मैं इसकी कल्पना अवश्य कर सकता हूँ। फिल्म अच्छी है, तभी चर्चित है। अगर मैं जा सकता तो इस फिल्म का पहला शो देखता मैं।”

गौरतलब है कि प्रख्यात गीतकार संतोष आनंद शोर, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति और प्रेम रोग समेत कई फिल्मों के लिए गीत लिख चुके हैं। वो फिल्मों के लिए 109 गीत लिख चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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