सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के विरुद्ध उठे यौन प्रताड़ना मामले की जाँच के लिए न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में तीन सुप्रीम कोर्ट जजों का विशेष जाँच पैनल बनाने का निर्णय लिया है। यह आरोप एक बर्खास्त महिला कनिष्ठ कोर्ट असिस्टेंट ने लगाए हैं और गोगोई ने आरोपों में जरा भी सच्चाई होने से साफ इंकार किया है। जस्टिस गोगोई ने यह भी शंका जताई कि इन आरोपों के पीछे कोई बड़ी ताकतें हैं।
सभी 27 जजों ने किया पैनल का समर्थन, कोई अंतिम तिथि नहीं
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता में दूसरे क्रमांक के जस्टिस बोबडे के अलावा पैनल में जस्टिस एनवी रमण और इंदिरा बनर्जी भी शामिल हैं। मंगलवार को इस पैनल ने आरोप लगाने वाली महिला और सुप्रीम कोर्ट के महासचिव संजीव कालगाओंकर को नोटिस जारी की और शुक्रवार को मामले की पहली सुनवाई के लिए अपने समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने पैनल के गठन का समर्थन किया है और एकमत से मामले की तस्वीर साफ करने पर जोर दिया है। उस पैनल को कोई अंतिम तिथि नहीं दी गई है, यानि कि पैनल को मामले की तह तक जाने के लिए जितना भी समय चाहिए, उसके पास होगा।
वकीलों ने किया था जाँच का अनुरोध, पैनल ने अभियोगी के रिकॉर्ड भी मँगाए
गत 20 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने जस्टिस बोबडे को ही इस मामले से जुड़े निर्णय लेने का जिम्मा सौंपा था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के अनुसार माना जा रहा है उन्होंने ऐसा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन की अंदरूनी जाँच सुप्रीम कोर्ट के जजों के पैनल से कराए जाने की माँग के जवाब में किया था। जस्टिस बोबडे और रमण ने मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
पैनल ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव कालगाओंकर को अपने साथ कोर्ट से बर्खास्त अभियोगी कर्मचारी महिला के सभी रिकॉर्ड लाने का निर्देश दिया है, जिनमें उनके 4 साल के सुप्रीम कोर्ट कार्यकाल के दौरान की सभी नियुक्तियों की जगहों के अभिलेख भी होंगे।
अधिवक्ता बैंस को मुहैया कराई सुरक्षा, साजिश के साक्ष्यों को माना गंभीर
इसके अलावा न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता उत्सव बैंस को भी सुना। बैंस ने हलफनामा दे कर दावा किया था कि जस्टिस रंजन गोगोई को फँसाने के लिए एक बहुत बड़ी कॉर्पोरेट साजिश की जा रही है, जिसमें शामिल होने के लिए उन्हें भी बड़ी रकम की पेशकश की गई थी। उन्होंने दावा किया था कि उनके पास इसके सबूत भी हैं।
आज बैंस खंडपीठ के सामने अपने सबूत सीलबंद लिफाफे में लेकर प्रस्तुत हुए। पीठ ने उनके द्वारा पेश सबूतों को गंभीर माना और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर भी निर्देश जारी किए। इसके अलावा कोर्ट ने एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) बनाने की भी बात की, जिसकी निगरानी वह स्वयं करेगा। जागरण की विशेष संवाददाता माला दीक्षित ने यह भी ट्वीट किया कि अदालत ने सीबीआई डायरेक्टर, दिल्ली पुलिस आयुक्त और डायरेक्टर आईबी को 12.30 पर चैम्बर में बुलाया है।
सीजेआई के ख़िलाफ़ साज़िश मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर, दिल्ली पुलिस आयुक्त और डायरेक्टर आईबी को 12.30 पर चैम्बर मे बुलाया। कोर्ट ने कहा आरोप लगाने वाले वकील उत्सव द्वारा सील बंद लिफ़ाफ़े मे दी गई सामग्री गंभीर। कोर्ट मामले मे 3 बजे फिर करेगा सुनवाई।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) April 24, 2019