बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान को बुधवार-गुरुवार (15-16 जनवरी 2025) की रात एक अज्ञात शख्स ने मुंबई के बांद्रा स्थित उनके घर में घुसकर चाकू मार दिया। उन्हें 6 घाव लगे हैं और वह अस्पताल में भर्ती हैं। हाई सिक्योरिटी वाले इस ऐक्टर के घर में इस तरह का वारदात होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे काला हिरण कांड से भी जोड़ रहे हैं।
यह मामला सितंबर-अक्टूबर 1998 का है। उस समय राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग राजस्थान के जोधपुर में हो रही थी। इस फिल्म के अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम कोठारी शूटिंग कर रहे थे। कहा जाता है कि उसी दौरान इन लोगों ने दो चिंकारा और तीन काले हिरण का शिकार किया था। इन्हें बिश्नोई समाज में पवित्र माना जाता है।
काला हिरण और चिंकारा के शिकार में सैफ
सलमान खान और सैफ अली खान सहित अन्य अभिनेता एवं अभिनेत्रियों पर 27-28 सितंबर 1998 की रात को हिरणों का शिकार करने का आरोप लगा। यह भी कहा गया था कि इन लोगों ने कांकाणी गाँव में 1 अक्टूबर 1998 को 2 काले हिरणों के शिकार किया था। काले हिरण को बिश्नोई समाज में बेहद पवित्र माना जाता है और वे इसकी पूजा करते हैं।
इसको लेकर बिश्नोई समाज ने इन अभिनेताओं पर दो मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा लगभग 20 साल तक चला और आखिर में इन सभी अभिनेताओं को आरोप से बरी कर दिया गया। हालाँकि, इस मामले के चश्मदीद गवाह रहे हीरालाल ने बताया पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि उन्होंने हिरण का शिकार करने वाले अभिनेताओं का पीछा किया था। बाद में पुलिस ने भी इन्हें पकड़ा था।
हीरालाल ने कहा था, “जिस दिन उन्हें पकड़ा गया उस रात वे सभी 3 बजे तक जेल में थे। उनके साथी, वन विभाग के लोग और सलमान खान जेल के अंदर थे। तब्बू, सोनाली बेंद्रे, सैफ अली खान को मिलाकर पाँच आदमी जेल में थे। इस बात के गवाह उनके परिवार के लोग हैं। अगर उन्होंने कोई शिकार नहीं किया तो उन्हें दो-तीन मुकदमों में सजा क्यों हुई? सलमान खान ने तीन हिरण मारे हैं।”
बिश्नोई समाज के लोगों ने कहा था, “हम सबने देखा था कि सलमान खान के हाथ में पिस्तौल थी। रात के 12 बजे हम सबने सलमान खान का पीछा किया था।” बिश्नोई समाज के एक और व्यक्ति ने बताया था कि दिन में ये अभिनेता फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने वहाँ हिरणों की टोली को देखा। इसके बाद शाम को आकर उनका शिकार किया।
इन सभी को घोड़ा फार्म हाउस में हिरण का मांस पकाते पकड़ा गया था। दरअसल, इस मामले में जोधपुर कोर्ट ने साल 2018 में सलमान खान को पाँच साल की सजा सुनाई थी। वहीं, सोनाली बेंद्रे, सैफ अली खान, नीलम कोठारी और तब्बू को बरी कर दिया था। इसके अलावा, कांकाणी हिरण शिकार मामले में सीजेएम ग्रामीण कोर्ट ने सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम कोठारी और तब्बू को बरी कर दिया था।
बुल्गारिया में जंगली सूअर का शिकार
इतना ही नहीं, साल 2018 में सैफ अली खान के लिए जंगली सूअर का शिकार करने पर बुल्गारिया सरकार ने एक्शन लिया था। इस मामले में इंटरपोल ने नोटिस जारी किया था। इसके बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सैफ अली खान का बयान दर्ज किया था। दरअसल, बुल्गारिया की सरकार ने इंटरपोल को एक जंगली सूअर के शिकार के मामले में सैफ अली खान का बयान लेने को कहा था।
सैफ अली खान का बयान गवाह के तौर पर दर्ज किया गया है। इस मामले में बुल्गारिया की पुलिस ने एक एजेंट को गिरफ्तार किया था। उस एजेंट ने सैफ अली के लिए जंगली सूअर का शिकार किया था। शिकार के लिए जरूरी लाइसेंस और परमिट नहीं लिए गए थे। बुल्गारिया पुलिस इस मामले की जाँच कर रही थी और सैफ अली खान को इसमें गवाह बनाया गया था।
सैफ अली के अब्बा मंसूर अली भी काला हिरण मारने के दोषी
सैफ अली खान के अब्बा और पटौदी के नवाब रहे क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी ने भी साल 2005 में काले हिरणों का शिकार किया था। उन्होंने हरियाणा के झज्जर में हिरणों का शिकार किया था। जिस दिन मंसूर अली खान ने हिरणों को मारा था, उस दिन 5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस था। तब झज्जर के SHO ने पटौदी और उनके शिकारी टीम के 6 सदस्यों को पकड़ा था।
इनकी गाड़ियों से एक मादा काला हिरण और खरगोश के शव बरामद किए गए थे। पुलिस ने उनके पास .22 बोर की राइफल भी बरामद की थी। यह राइफल मंसूर अली खान की बेटी और सैफ खान की बहन सोहा अली खान के नाम पर पंजीकृत थी। बाद में साल 2009 में गुड़गाँव के डीएम ने इस लाइसेंस को रद्द कर दिया था।
इस मामले में फरीदाबाद की विशेष पर्यावरण अदालत ने जनवरी 2015 में सभी 6 लोगों को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। हालाँकि, सैफ अली खान के अब्बा मंसूर अली खान पटौदी का इससे पहले ही साल 2011 में मौत हो गई थी। इसके बाद दोषियों में से मंसूर अली खान का नाम हटा दिया गया था।