Tuesday, June 17, 2025
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लाल किले में ‘जय हिंद’ के दौरान लहराया भगवा, दिखी भारतीयता और वीरता: बोले अमित शाह- इतिहास से सीखे बिना महान राष्ट्र की रचना संभव नहीं

'जय हिंद' में मराठों का उदय, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय राष्ट्रीय सेना का उदय समेत भारत के इतिहास के प्रमुख प्रसंगों को जीवंत किया गया।

दिल्ली के लाल किले में ‘जय हिंद’ नाम से लाइट और साउंड शो का आयो​जन किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (10 जनवरी 2022) को इसका उद्धाटन किया। इस दौरान लाल किले में भगवा लहराता दिखा। इस शो में भारतीय इतिहास और ​वीरता को प्रदर्शित किया गया।

शो का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास को नई तकनीकों के माध्यम से युवा पीढ़ी के सामने रखने का संस्कृति मंत्रालय का यह प्रयास सराहनीय है। यह शो देश के समृद्ध इतिहास की जानकारी देने के साथ देशवासियों में राष्ट्रप्रेम की भावना को और मजबूत करेगा।

इस दौरान शाह ने कहा कि जो इतिहास से नहीं सीखते वे महान देश की रचना नहीं कर सकते। ‘जय हिंद’ लाल किले के इतिहास से लेकर 17वीं सदी से आजादी तक के संघर्षों व वीरता की कहानियों से लोगों को परिचित करवाता है। उन्होंने कहा, “इस शो में एक घंटे से भी कम के समय में शानदार तरीके से भारत का इतिहास समेटा गया। आजादी के अमृतवर्ष में ये कार्यक्रम हुआ। इस तरह के कार्यक्रम को देशभर में करना चाहिए।”

शाह ने स्वतंत्रता मिलने के बाद 75 वर्षों में देश द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि अगले 25 साल भारत के 130 करोड़ लोगों के सामूहिक प्रयासों ये भारत को दुनिया में शीर्ष पर देखने का है।

उन्होंने कहा, “यह देश सोने की चिड़िया रहा है। पूरी दुनिया के लोग यहाँ कला, विज्ञान, मेडिकल साइंस, अनेक भाषाएँ, यहाँ पर शासन की विधाएँ हर चीज को सीखने के लिए आते थे। तक्षशिला हो, नालंदा हो, वि​क्रमादित्य हो अनेक विद्यापीठ विश्वभर के विद्यार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। मुझे लगता है कि अब ज्यादा समय बिगाड़ने की जरूरत नहीं है। मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव से आजादी की शताब्दी तक एक 25 साल के कालखंड को अमृतकाल के नाम से हम सबके सामने सं​कल्पित कराया है। विश्व में सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य मोदीजी ने रखा है। ऊर्जा से देश आगे बढ़ रहा है। भारत सर्वप्रथम और भारत सबसे प्रथम का लक्ष्य है। देश भर के ऐतिहासिक स्थानों को लाल किले की तरह प्रेरणा स्थान होना चाहिए।”

इस कार्यक्रम के माध्यम से मराठों के उदय, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय राष्ट्रीय सेना का उदय, आईएनए के परीक्षणों समेत भारत के इतिहास के प्रमुख प्रसंगों को जीवंत किया गया। लाइट और साउंड शो में अंत में 400 साल के इतिहास को बेहतर तरीके से बताया और दिखाया गया है। यह भी बताया गया कि आज से 5000 साल पहले यहाँ कुछ दूर पांडवों की राजधानी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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