Thursday, July 10, 2025
Homeदेश-समाजअमेठी के उस मंदिर में गूँजा 'हर हर महादेव का नारा', जिसे मुस्लिमों ने...

अमेठी के उस मंदिर में गूँजा ‘हर हर महादेव का नारा’, जिसे मुस्लिमों ने कर किया था बंद: 20 साल बाद हुई पूजा, दलित जेठूराम ने 120 साल पहले कराया था निर्माण

मंदिर पहले पुजारी गणेश तिवारी और उनके परिवार की देखरेख में था, लेकिन दो दशक पहले उन्हें मजबूरी में पलायन करना पड़ा। इसके बाद मंदिर पर मुस्लिमों ने अतिक्रमण कर लिया और पूजापाठ बंद हो गई।

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के औरंगाबाद गाँव में स्थित 120 साल पुराने पंच शिखर शिव मंदिर में 20 साल बाद पूजा-अर्चना संपन्न हुई। प्रशासन की सख्ती और भारी पुलिस सुरक्षा के बीच रविवार (16 फरवरी 2025) को मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-पूजन हुआ। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूँज उठा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मंदिर दलित (अनुसूचित वर्ग) के जेठूराम द्वारा 120 वर्ष पूर्व बनवाया गया था, लेकिन बीते 20 सालों से मुस्लिमों द्वारा अतिक्रमण कर इसे बंद करवा दिया गया था। ग्रामीणों ने पंच शिखर शिव मंदिर की मुक्ति के लिए प्रशासन से गुहार लगाई थी, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए मंदिर को पुनः भक्तों के लिए खोल दिया गया।

पूजा-अर्चना संपन्न होने के बाद श्रद्धालुओं ने इसे सनातन धर्म की विजय बताया। मंदिर परिसर और आस-पास पीएसी सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। सीओ मुसाफिरखाना अतुल सिंह और तहसीलदार स्वयं मौके पर उपस्थित रहे।

भाजपा के जिला मंत्री अतुल सिंह ने कहा कि यह हिंदू समाज की धार्मिक आस्था की जीत है। वहीं, एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने कहा कि वर्षों बाद अपने मंदिर में पूजा कर गर्व महसूस हो रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर पहले पुजारी गणेश तिवारी और उनके परिवार की देखरेख में था, लेकिन दो दशक पहले उन्हें मजबूरी में पलायन करना पड़ा। इसके बाद मंदिर पर मुस्लिमों ने अतिक्रमण कर लिया और पूजापाठ बंद हो गई। अब प्रशासन की कार्रवाई से मंदिर भक्तों के लिए पुनः खुल गया है। धार्मिक संगठनों और हिंदू समाज ने इस फैसले का स्वागत किया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अमेठी और उसके आसपास के क्षेत्रों में ऐसे कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, जो विभिन्न कारणों से बंद पड़े हैं या अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं। स्थानीय लोगों की माँग है कि प्रशासन अन्य मंदिरों को भी मुक्त कराए और धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अमित शाह का रिटायरमेंट प्लान! इस साहस के पीछे छिपा है 1986 हरिद्वार कुंभ मेले वाला इतिहास, स्वामी वामदेव के चरण दबाकर सीखी सनातन...

प्रत्येक सुबह वामदेव अपने शिष्य को एक हस्तलिखित पर्ची देते थे। उस पर्ची को रोज़ अलग-अलग संतों के पास लेकर जाना होता था। उसमें अमित शाह के लिए सिफ़ारिश होती थी। इस तरह अमित शाह रोज़ किसी न किसी नए संत के साथ समय व्यतीत करते थे, भंडारे में खाते और दक्षिणा इकट्ठा किया करते थे।

भारतीय UPI तकनीक अपनाने वाला पहला देश बना नामीबिया, किया ₹6680+ करोड़ का व्यापार: PM मोदी बोले- हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी,...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (9 जुलाई 2025) को नामीबिया पहुँचे। यहाँ उन्हें नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया।
- विज्ञापन -