गुजरात एटीएस ने पत्थलगड़ी आंदोलन के लिए आदिवासियों को बरगलाने गुजरात पहुँचे 3 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए तीनों नक्सलियों में एक महिला भी शामिल है। एटीएस ने इनके पास से नक्सली प्रवृत्तियों को बढ़ाने वाली कई साहित्य सामग्रियों के साथ मोबाइल और एक लैपटॉप भी जब्त किया है।
गुजरात एटीएस का आरोप है कि तीनों गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों में जाकर लोगों को भड़का रहे थे। तीनों पर राजद्रोह और आपराधिक षडयंत्र की धारा लगाई गई है।
गिरफ्तार नक्सलियों की पहचान बिरसा सुइल औरेया, सामू सुइल औरैया और बबीता कच्छप के रूप में हुई है। सामू और बिरसा को आदिवासी बहुल तापी जिले के व्यारा तालुक से गिरफ्तार किया, जबकि बबीता को महीसागर जिले के संतरामपुर तालुक से गिरफ्तार किया गया।
तीनों झारखंड में अलग-अलग मामलों में वांछित हैं। बिरसा सुईल औरेया के खिलाफ हाफ मर्डर, गैंगरेप सरीखे 20 मामले झारखंड के खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
इसमें से बबीता कच्छप पत्थलगड़ी आंदाेलन की मास्टरमांइड बताई जा रही है। राँची-खूँटी के आसपास के इलाकों में पत्थलगड़ी के दौरान यूसुफ पूर्ति के साथ बबीता कच्छप पत्थलगड़ी की मास्टरमाइंड थी। बबीता की गिरफ्तारी के बाद संगठन के अब बड़े नेताओं में यूसुफ पूर्ति ही बचा है। सामू औरेया और बिरसा औरेया दोनों भाई बताए जा रहे हैं।
खूँटी पुलिस लंबे समय से बबीता की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। बबीता के ऊपर यहाँ के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। इसमें असंवैधानिक पत्थलगड़ी करवाने, देशद्रोह सहित अन्य मामले शामिल हैं। खूँटी जिले के भंडरा में एसपी सहित दर्जनों जवानों को बंधक बनाने में भी बबिता शामिल थी।
इसके अलावा मुरहू में असंवैधानिक बैंक खोलने और पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के आवास से गार्डों को अगवा कर उनका हथियार लूटने में भी उसकी संलिप्तता सामने आई थी।
इसके अलावा जिले के विभिन्न प्रखंडों में हुई पत्थलगड़ी में भी शामिल होने में उसकी संलिप्तता भी बताई जाती रही है। पत्थलगड़ी के कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद से बबीता की गिरफ्तारी के लिए खूँटी पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी। पर उसे सफलता नहीं मिल सकी। पत्थलगड़ी के मास्टरमाइंड यूसुफ पूर्ति के हर अभियान में बबिता कच्छप उनके साथ थी।
एटीएस ने दावा किया कि जाँच करने पर उन्हें जानकारी सही लगी और आरोपितों के आवास की तलाशी लेने पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का लिट्रेचर मिला। उनके फोन और लैपटॉप पर भी लिट्रेचर पाया गया।
गुजरात एटीएस अब गुजरात में इनके लिंक की जाँच कर रही है। गुजरात एटीएस ने इन तीनों लोगों पर आईपीसी की धारा-124-ए लगाई है। आईपीसी की धारा-124-ए राजद्रोह से संबंधित है और इसके तहत आजीवन कारावास का भी प्रावधान है। इसके अलावा इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी यानी आपराधिक षडयंत्र रचने का भी आरोप लगाया गया है।