Tuesday, February 25, 2025
Homeदेश-समाजमहाकाल बनकर दुश्मन से टकराएँगे, जहाँ बनी है मस्जिद, मंदिर वहीं बनाएँगे… वात्सल्य ग्राम...

महाकाल बनकर दुश्मन से टकराएँगे, जहाँ बनी है मस्जिद, मंदिर वहीं बनाएँगे… वात्सल्य ग्राम की ‘दीदी माँ’ को पद्मभूषण: जानिए किन-किन हस्तियों को इस बार मिला है पद्म सम्मान

साध्वी ऋतंभरा को उनकी तपस्या, त्याग और समाजसेवा के लिए पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया है। पंजाब के लुधियाना के छोटे से गाँव में जन्मी ऋतंभरा का असली नाम निशा किशोरी है।

साध्वी ऋतंभरा को उनकी तपस्या, त्याग और समाजसेवा के लिए पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया है। पंजाब के लुधियाना के छोटे से गाँव में जन्मी ऋतंभरा का असली नाम निशा किशोरी है। उन्होंने 16 साल की उम्र में ही अध्यात्म का रास्ता चुना। हरिद्वार के संत स्वामी परमानंद गिरी से दीक्षा लेकर वह साध्वी ऋतंभरा बनीं।

राम मंदिर आंदोलन के दौरान उनके ओजस्वी भाषणों ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनके भाषण इतने लोकप्रिय थे कि उनके कैसेट्स बाजार में बेचे जाने लगे। उन्होंने ‘महाकाल बनकर दुश्मन से टकराएँगे, जहाँ बनी है मस्जिद, मंदिर वहीं बनाएँगे’ जैसे नारे दिए। यही नहीं, ईसाई मिशनरियों के खिलाफ बोलने पर कॉन्ग्रेसी दिग्विजय सिंह की सरकार ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया, फिर भी उनके हौसलों को नहीं तोड़ पाए।

राम मंदिर आंदोलन के बाद साध्वी ने वृंदावन में 2001 में वात्सल्य ग्राम की स्थापना की। यह अनाथ बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक ऐसा घर है, जहाँ हर परिवार में माँ, मौसी और भाई-बहन का वातावरण होता है। यहाँ बच्चे उन्हें दीदी माँ कहकर उन्हें बुलाते हैं। वो बालिका सैनिक स्कूल और आदिवासी बेटियों के लिए स्कूल जैसी कई संस्थाएँ भी संचालित करती हैं।

बता दें कि गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले शनिवार (25 जनवरी 2025) को भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। इस साल 139 हस्तियों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। घोषित नागरिक पुरस्कारों में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं।

लिस्ट के मुताबिक, भोजपुरी लोकगायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत), जस्टिस जगदीश खेहर, उसामु सुजुकी, नागेश्वर रेड्डी, कुमुदनी, रजनीकांत और एम टी वासुदेवन को पद्म विभूषण मिलेगा। साध्वी समेत 19 को पद्मभूषण और 113 हस्तियों को पद्मश्री मिलेगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘प्रीति जिंटा का ₹18 करोड़ का लोन माफ’: कॉन्ग्रेस का हिसाब बॉलीवुड हिरोइन ने किया दुरुस्त, बताया- 10 साल हो गए न्यू इंडिया कोऑपरेटिव...

रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि प्रीति का 18 करोड़ का लोन था, जिसे संकटग्रस्त न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ने माफ कर दिया।

बंगाली नव वर्ष पर 100 गाय काटने की कट्टरपंथियों ने दी धमकी, ‘पोहेला बोइशाख’ को इस्लामी जलसे में बदलने की कोशिशों पर युनुस सरकार...

ढाका के रमना पार्क में हर साल रमना बतमूल बरगद के पेड़ के नीचे पोहेला बोइशाख के मौके पर बड़ा सांस्कृतिक आयोजन होता है।
- विज्ञापन -