सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिता का नाम बिगाड़ कर फरवरी 2023 में उनका अपमान करने वाले कॉन्ग्रेस नेता पवन खेड़ा को राहत देने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की शिकायतों को रद्द करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बार-बार माफी माँग करके कार्रवाई से नहीं बच सकते।
दरअसल, पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका लगाई थी कि उत्तर प्रदेश और असम में उनके खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मामलों को रद्द करके उन्हें राहत दी जाए। पवन खेड़ा के खिलाफ ये मामले प्रधानमंत्री मोदी का नाम ‘नरेन्द्र गौतम दास मोदी’ कहने पर लिखवाई गईं थी।
A bench of Justices BR Gavai and Sandeep Mehta noted Khera's repeated apologies in other defamation matters, and said an offence cannot be wished away.#SupremeCourtofIndia @Pawankhera @INCIndia @PMOIndia
— Bar & Bench (@barandbench) January 4, 2024
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दरअसल, खेड़ा ने भारतीय कारोबारी अडानी समूह के खिलाफ आए हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होंने सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए यह बात कही थी। उन्होंने पीएम मोदी के दिवंगत पिता दामोदर दास की जगह पर कारोबारी गौतम अडानी का नाम लगाया था।
इस पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने असम और उत्तर प्रदेश में कई जगह पर FIR दर्ज करवाई थी। इसके बाद 23 फरवरी 2023 को उन्हें गुवाहाटी पुलिस ने दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से एक विमान से उतार कर गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने इससे राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर 23 फरवरी 2023 को ही सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई से अंतरिम राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज शिकायतों को एक साथ करके उन्हें लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाने में ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद अगस्त 2023 में उन्हें लखनऊ के स्थाने कोर्ट से इस मामले में जमानत मिल गई थी।
पवन खेड़ा ने इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने भी यही याचिका रखी थी कि उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया जाए। हालाँकि, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी ऐसा करने से मना कर दिया था। इस निर्णय को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर 4 जनवरी 2024 को सुनवाई हुई है।