Wednesday, June 26, 2024
Homeदेश-समाज'फ्री की रेवड़ी' पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से माँगा जवाब, बिहार में जातीय...

‘फ्री की रेवड़ी’ पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से माँगा जवाब, बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर रोक से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जातीय जनगणना के और आँकड़े प्रकाशित करने से रोकने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को नीतिगत फैसले लेने से नहीं रोका जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों से “फ्री की रेवड़ी” की राजनीति पर जवाब माँगा। कोर्ट ने कहा कि यह राजनीति देश के लिए हानिकारक है और इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए बिहार की जातीय जनगणना के आँकड़ों को जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

मुफ्त की रेवड़ियों पर सख्त हुई सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने ‘मुफ्त की रेवड़ी‘ वाले कल्चर पर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ ही, मध्य प्रदेश, राजस्थान और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब माँगा है। इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका कर्ता से पूछा कि वो सीधे यहाँ क्यों पहुँचे, तो याचिकाकर्ता भट्टूलाल जैन की ओर से कहा गया कि दो राज्यों में चुनाव हैं। दोनों राज्यों पर काफी कर्ज है, उसके बावजूद बड़े वादे किए जा रहे हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका को दूसरों मामलों के साथ जोड़ा जा सकता है, क्योंकि ऐसी याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में पहले से लंबित हैं, जिनपर सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों और चुनाव आयोग ने शुक्रवार तक जवाब माँगा है, साथ ही अगली सुनवाई के लिए 4 सप्ताह का समय भी दिया है।

बिहार की जातीय जनगणना के आँकड़ों को जारी करने की इजाजत

एक अन्य अहम मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जातीय जनगणना के और आँकड़े प्रकाशित करने से रोकने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को नीतिगत फैसले लेने से नहीं रोका जा सकता। जस्टिस संजय खन्ना और जस्टिस एस एन भट्टी की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई।

इसमें एक एनजीओ ने कहा है कि जातीय जनगणना के आँकड़ों को जारी करने से रोका जाए, क्योंकि इससे लोगों की निजी जानकारी बाहर आ जाएगी। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक नहीं लगाई, ये जरूर किया है कि बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है।

जदयू ने किया फैसले का स्वागत

वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जदयू ने स्वागत किया है। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि जातिगत जनगणना का समर्थन करने वालों के लिए ये खुशी का मौका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका श्रेय जाता है। उन्होंने ही पंचायत राज सिस्टम में महिलाओं और दलितों को आरक्षण भी दिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अयोध्या में बनेगा मंदिरों का म्यूजियम, ₹750 करोड़ होगा खर्च: टाटा संस ने ली निर्माण की जिम्मेदारी, योगी सरकार ने लगाई मुहर

टाटा संस ने कहा है कि वह CSR फंड से 650 करोड़ रुपए खर्च कर टेंपल म्‍यूजियम बनाएँगे। साथ ही आसपास इंफ्रा पर 100 करोड़ खर्च करेंगे।

पश्चिम से बन-ठन कर आई रोगग्रस्त वेश्या की हो रही पूजा… आपातकाल के खिलाफ आत्मदाह करने वाले प्रभाकर शर्मा, पत्र में लिखा था –...

जानिए कौन थे सर्वोदय कार्यकर्ता प्रभाकर शर्मा, जिन्होंने इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में आत्मदाह कर लिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस सरकार पर पशुबल के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे शासन में ज़िंदा रहने की बजाए वो कीड़ा-मकोड़ा बन कर मल-मूत्र में रेंगना पसंद करेंगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -