महाराष्ट्र के नागपुर में इस्लामी भीड़ की हिंसा के बीच एक महिला पुलिस अधिकारी निशाना बनी। उसके साथ छेड़छाड़ की गई। महिला पुलिस अधिकारी के कपड़े फाड़ने का प्रयास भी भीड़ ने किया। वह किसी तरह बच कर वहाँ से निकली। वहीं इस हिंसा में घायल हुए DCP निकेतन कदम ने बताया कि भीड़ में सैकड़ों लोग शामिल थे जिनके पास हथियार थे।
महाराष्ट्र टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार (17 मार्च, 2025) को इस्लामी हिंसा की भीड़ को रोकने के लिए एक पुलिस टीम पहुँची थी। इसमें एक महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल थीं। दंगाई भीड़ इसी बीच एक महिला अधिकारी को दबोच लिया। उन्होंने महिला अधिकारी के साथ छेड़छाड़ चालू कर दी।
भीड़ में शामिल लोगों ने उनको तरफ अश्लील इशारे किए, इसके बाद उनके कपड़े भी फाड़ने का प्रयास किया गया। भीड़ के चंगुल से किसी तरह वह बच कर निकलीं। उन्होंने अब इस विषय में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई है। यह मामला गणेश पेठ थाने में दर्ज किया गया है। छेड़छाड़ करने वाले दंगाइयों की अब तलाश चल रही है।
पुलिस इस मामले में CCTV फुटेज खंगाल रही है। इस बीच इस दंगे में घायल हुए पुलिस अधिकारी निकेतन कदम का भी बयान सामने आया है। उन्होंने बताया है कि दंगाई भीड़ में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे जिनके पास हथियार थे।
उन्होंने बताया कि एक गली से अचानक 100 लोगों की भीड़ आई थी और वह सभी हथियारबंद थे। DCP निकेतन कदम ने बताया कि उन्होंने भीड़ को रोकने का प्रयास किया तो कुछ लोग पीछे हटे लेकिन एक व्यक्ति ने उन पर हमला कर दिया। उसने कुल्हाड़ी निकेतन कदम के हाथ पर मार दी। इसमें वह घायल हो गए।
DCP कदम ने कह़ा है कि पुलिस ने हमला करने वालों की पहचान चालू कर दी है। जल्द ही उन आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी। DCP कदम से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने भी बातचीत की है और उनका हाल जाना है।
गौरतलब है कि सोमवार को इस्लामी कट्टरपंथी भीड़ ने कुरान जलाने की अफवाह के नाम पर नागपुर में काफी उत्पात मचाया था। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया था और पार्किंग में खड़ी गाड़ियाँ भी जला दी थीं। इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने भी जानकारी दी थी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें तीन डीसीपी शामिल हैं। पाँच आम नागरिक भी घायल हुए, जिनमें से तीन को अस्पताल से छुट्टी मिल गई, लेकिन एक अभी भी आईसीयू में है। उन्होंने खुलासा किया कि हिंसा वाली जगह से पत्थरों से भरी एक ट्रॉली मिली और तेज धार वाले हथियारों का इस्तेमाल हुआ। कुछ खास (हिंदुओं) घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया, जिससे साफ है कि यह सब पहले से प्लान था।