Wednesday, May 14, 2025
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‘सनातनियों की सुनेंगे, सनातनियों को चुनेंगे’: 2 दिन में कॉन्ग्रेस में शामिल होने के फैसले से पलटे भजन गायक कन्हैया मित्तल, लोगों से माँगी माफ़ी

उन्होंने कहा, "मैं टूटूँगा तो न जाने कितने और टूटेंगे। हम सब मिल कर राम के थे और राम के रहेंगे।" इसी के बाद कन्हैया ने दोबारा लोगों को डिस्टर्ब करने के लिए माफ़ी माँगी।

‘जो राम को लाए हैं’ वाला गाना गा कर सुर्खियाँ बटोरने वाले कन्हैया मित्तल ने महज 48 घंटों में कॉन्ग्रेस पार्टी ज्वाइन करने का अपना फैसला बदल दिया है। उन्होंने मंगलवार (10 सितंबर 2024) को एक वीडियो जारी कर के इसका एलान किया है। अब कन्हैया ने ‘सनातनियों के सुनेंगे, सनातनियों को चुनेंगे’ का नारा दिया है। कन्हैया ने लोगों से 2 दिन पहले दिए गए अपने उस बयान के लिए माफ़ी भी मांगी है जिसमें उन्होंने मन की बात करते हुए कॉन्ग्रेस ज्वाइन करने की बात कही थी।

मंगलवार को कन्हैया मित्तल ने अपनी सफाई में एक वीडियो जारी किया है। वीडियो की शुरुआत जय श्री राम से करते हुए कन्हैया मित्तल ने बताया कि पिछले 2 दिनों से उन्हें एहसास हुआ है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और तमाम सनातनी भाई-बहन उनको बहुत प्यार करते हैं। उन्होंने 2 दिनों से अपने चाहने को हुई परेशानी के लिए माफ़ी माँगी। कन्हैया ने आगे कहा, “जो मैंने अपने मन की बात कही थी कि मैं कॉन्ग्रेस ज्वाइन करने वाला हूँ, उसे मैं वापस लेता हूँ क्योंकि मैं नहीं चाहता कि किसी भी सनातनी का भरोसा टूटे।”

अपने बयाने में कन्हैया ने आगे कहा, “मैं टूटूँगा तो न जाने कितने और टूटेंगे। हम सब मिल कर राम के थे और राम के रहेंगे।” इसी के बाद कन्हैया ने दोबारा लोगों को डिस्टर्ब करने के लिए माफ़ी माँगी। इशारों ही इशारों में कन्हैया ने अपने 2 दिन पहले दिए गए बयान को गलती माना है। उन्होंने गलती का एहसास करवाने के लिए लोगों को धन्यवाद किया और आशा जताई है कि उनसे सब ऐसे ही जुड़े रहेंगे। अपने कैप्शन के तौर पर कन्हैया ने ‘सनातनियों के सुनेंगे, सनातनियों को चुनेंगे’ लिखा है।

पहले किया था कॉन्ग्रेस में शामिल होने का एलान

बताते चलें कि 8 सितंबर, 2024 को कन्हैया मित्तल ने एक वीडियो जारी करते हुए कॉन्ग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के संकेत दिए थे। यह वीडियो उन्होंने राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी से बनाया था। तब उन्होंने एक दोस्त से बातचीत का हवाला देते हुए कहा था कि सनातन की बात करने वाला एक ही दल न हो और ये आवाज सभी पार्टियों से उठे। तब कन्हैया ने कहा था कि भाजपा से उनका कोई मतभेद नहीं है और न ही उन्होंने यह निर्णय टिकट न मिलने की वजह से लिया है।

तब कन्हैया मित्तल ने भाजपा से अपना रिश्ता केवल मंचों पर गाने तक ही सीमित बताया था। खुद को योगी आदित्यनाथ का शिष्य बताते हुए कन्हैया मित्तल ने कॉन्ग्रेस ज्वाइन करने के पीछे अपनी मंशा जनसेवा बताई थी। कन्हैया मित्तल ने तब कॉन्ग्रेस पार्टी में मौजूद सनातनियों को अलग नजर से न देखने की अपील भी की थी। उन्होंने तब यह भी दावा किया था कि वो नहीं चाहते कि सनातन की बात करने वाली सिर्फ एक ही पार्टी हो। कन्हैया मित्तल ने तब राहुल गाँधी और उनकी बहन प्रियंका के अयोध्या न जाने के निर्णय का बचाव भी किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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