Friday, April 19, 2024
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बे-बस कॉन्ग्रेस ने MLA अदिति सिंह को फिर दी घुड़की, महिला विंग की महासचिव पद से हटाया

बीते साल पार्टी के मना करने के बावजूद जब अदिति सिंह ने विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया था, तब कॉन्ग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उस वक्त भी रायबरेली की विधायक ने इस नोटिस का ठेंगा दिखा दिया था।

मजदूरों की मदद के नाम पर ​कॉन्ग्रेस की बस सियासत की अपने ट्वीट से हवा निकाल देने वाली पार्टी MLA अदिति सिंह को महिला विंग के महासचिव पद से हटाने की खबरें आ रही है। इसका सीधा मतलब है कि उनके खिलाफ कार्रवाई पर दो टूक फैसला लेने का कॉन्ग्रेस आलाकमान हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

बीते साल पार्टी के मना करने के बावजूद जब अदिति सिंह ने विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया था, तब कॉन्ग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उस वक्त भी रायबरेली की विधायक ने इस नोटिस का ठेंगा दिखा दिया था।

कॉन्ग्रेस के सूत्र ने ANI को बताया, “विधायक अदिति सिंह को कॉन्ग्रेस महिला विंग की महासचिव के पद से निलंबित कर दिया गया है।” कॉन्ग्रेस विधायक अदिति सिंह ने उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के बसों के लिए हो रही राजनीति पर सवाल उठाया था। अपनी ही पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि कोरोना की आपदा के समय इतनी ‘ओछी राजनीति’ करने की क्या आवश्यकता थी? 

उन्होंने बताया कि प्रियंका गाँधी द्वारा भेजे गए 1000 बसों की सूची में से 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियाँ और 68 वाहन बिना कागजात के हैं। उन्होंने अपनी पार्टी से सवाल दागा कि अगर इतनी संख्या में बसें थीं तो उन्हें पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाया गया?

बता दें कि सिंह के खिलाफ एक शिकायत पहले से ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। पार्टी ने उनकी सदस्यता खत्म करने की माँग कर रखी है। अदिति कॉन्ग्रेस की महिला शाखा ‘प्रियदर्शिनी’ की राष्ट्रीय प्रभारी हैं। उन्हें इसकी कार्रवाई के बारे में सूचित किया गया है। फिलहाल इस पर अभी तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था। राज्य की विधानसभा के इस विशेष सत्र का कॉन्ग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने बहिष्कार किया था। कॉन्ग्रेस के बहिष्कार के बावजूद अदिति सिंह ने सदन में पहुँच कर सभी को चौंका दिया था। सदन में अदिति ने कहा था कि वो एक पढ़ी-लिखी विधायक हैं और यहाँ विकास पर चर्चा हो रही है, इसलिए उन्होंने आना जरूरी समझा। 

इसके लिए अदिति सिंह को नोटिस भेजा गया था। अदिति सिंह ने पार्टी के कारण बताओ नोटिस का उन्होंने मजाक भी उड़ाया था। अदिति का कहना था कि उन्हें नोटिस मिला ही नहीं है। उनके अनुसार पार्टी नेता ने मीडिया में नोटिस दिया होगा। नवंबर में अदिति की विधायक की सदस्यता खत्म करने को लेकर भी यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को नोटिस दिया गया था।

अदिति पार्टी की पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी और महासचिव प्रियंका गॉंधी की बेहद करीबी बताई जाती रही हैं। लेकिन, पिछले कुछ समय से वो कई बार पार्टी लाइन से अलग विचार जाता चुकी हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का भी समर्थन किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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