Monday, May 13, 2024
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‘अब जे भी बनारस आई…’: वाराणसी को ₹12110 करोड़ की 29 परियोजनाओं का PM मोदी ने दिया उपहार, कहा- सब बाबा की कृपा

पीएम मोदी ने डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर की दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर नई रेलवे लाइन का निर्माण, औडि़हार-जौनपुर सेक्शन रेलवे लाइन का दोहरीकरण, औडिहार-गाजीपुर सेक्शन रेलवे लाइन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण, भटनी-औडिहार सेक्शन रेलवे लाइन का विद्युतीकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग 56 वाराणसी-जौनपुर फोरलेन परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (7 जुलाई 2023) को गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी महोत्सव समारोह में हिस्सा लेने के बाद रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुँचे। यहाँ पर उन्होंने 12,110 करोड़ रुपए की लागत वाली 29 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

वाराणसी पहुँचकर प्रधानमंत्री ने मणिकर्णिका घाट पर पुनर्विकास मॉडल का निरीक्षण किया। इसके बाद हरिश्चंद्र घाट का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन भी थीं। यहाँ से वे जनसभा स्थल पर पहुँचे।

वाजिदपुर में जनसभा स्थल पर पहुँचकर पीएम मोदी ने सरकारी योजनाओं के 20 लाभार्थियों से बातचीत की और उनका कुशलक्षेम पूछा। वाजिदपुर स्थित जनसभा स्थल को पूरा परिसर वाटर प्रूफ है। जर्मन हैंगर से कवर है। इसलिए इसके अंदर बारिश में भी कोई परेशानी नहीं है।

वाराणसी में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने ₹12,110 करोड़ की 29 परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास, लाभार्थियों को PVC कार्ड वितरण, PM स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को ऋण वितरण व PM आवास योजना (ग्रामीण) के 4.51 लाख आवासों का गृह प्रवेश व चाबी वितरित किया। इसको लेकर यूपी सीएम के कार्यालय ने ट्वीट किया।

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “सावन महीने की शुरुआत हो, बाबा विश्वनाथ एवं माँ गंगा का आशीर्वाद हो और बनारस के लोगों का साथ हो तो फिर जीवन बिल्कुल धन्य हो जाता है। इस बार सावन में बाबा का दर्शन करने रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।”

पीएम मोदी ने भोजपुरी में शुरुआत करते हुए आगे कहा, “अब जे भी बनारस आई, ऊ खुश होके ही जाई। मुझे इस बात की ज्यादा चिंता नहीं होती की इतने सारे लोग आएँगे। बनारस में ये सब कैसे मैनेज होगा, काशी के लोग मुझे सीखा देते हैं। मुझे पता है कि काशी के लोग सब संभाल लेंगे। काशी के लोगों ने बाबा का दरबार ऐसा बना दिया कि यहाँ जो भी आता है, गदगद होकर जाता है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “ये बाबा की इच्छा ही थी कि हम निमित्त बन पाए। ये मेरा सौभाग्य है। आज काशी की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। हमने काशी की आत्मा को बनाए रखते हुए इसके नूतन काया का जो संकल्प लिया है, ये उसका विस्तार है। इसमें ट्रेन, रोड, पानी, शिक्षा, नगर विकास से जुड़े 12000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट हैं।”

अपने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से मुलाकात की। पहले की सरकारों में योजनाएँ दिल्ली में बैठकर बनाई जाती थीं और जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है, इसका उन्हें पता ही नहीं होता था। भाजपा सरकार में लाभार्थियों से संवाद की परंपरा शुरू की। इससे हर विभाग और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

पीएम मोदी ने कॉन्ग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “सही मायने में लोकतंत्र अभी है। पहले लोकतंत्र के नाम पर गिने-चुने लोगों के हित साधे जाते थे। गरीब की कहीं पूछ नहीं रहती थी। भाजपा सरकार सच्ची सामाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म का उदाहरण बन गई है। इससे कमीशन खाने वालों, दलाली करने वालों की दुकानें बंद हो गई हैं।” उन्होंने कहा कि दशकों तक शासन करने वालों के मूल में ही बेईमानी रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने योजनाएँ सिर्फ एक पीढ़ी को देखकर नहीं बनाई हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी ध्यान में रखकर ऐसी योजनाएँ बनाई गई हैं। इसका उदाहरण पक्का मकान है। पीएम आवास योजना महिलाओं के नाम पर मिल रही हैं। इसमें कई महिलाएँ तो ऐसी हैं, जिनके नाम पर पहली बार कोई प्रोपर्टी रजिस्टर्ड हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि 1.60 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड बँटना शुरू हुआ है। गंभीर बीमारी हो जाने पर एक परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है और परिवारों मेें बच्चों की पढ़ाई तक बंद हो जाती है। वह कर्ज के जाल में फँस जाता है। घर-जमीन बेचने के लिए बाध्य हो जाता है। इसको देखते हुए भाजपा सरकार ने आयुष्मान योजना शुरू की, ताकि उन्हें ऐसी स्थिति से ना गुजरना पड़े।

कॉन्ग्रेस शासन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश में तेज ट्रेनों को चलाने के लिए करीब 50 साल पहले राजधानी एक्सप्रेस चलाई गई थी। इतने सालों में भी राजधानी एक्सप्रेस सिर्फ 16 रूटों में चल पाई है। इसी तरह 30-35 साल पहले शताब्दी एक्सप्रेस चलाई गई। ये भी इतने सालों में सिर्फ 19 रूटों पर सेवा दे रही है। इससे अलग, 4 साल में वंदे भारत 25 रूट पर चलनी शुरू हो गई है।

इस दौरान वाराणसी समेत पूर्वांचल को 12,110 हजार करोड़ रुपकी परियोजनाओं की सौगात दिया। इनमें लगभग 1800 करोड़ रुपए की लागत वाली योजनाओं का उन्होंने शिलान्यास किया और करीब 10,000 करोड़ रुपए की लागत वाली योजनाओं का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि 35 लाख लोगों को स्वनिधि लोन दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सिपेट करसड़ा के वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर का लोकार्पण किया। इसमें 13.78 करोड़ रुपए से छात्रावास बन रहा है। इसके अलावा, इन योजनाओं में मणिकर्णिका घाट का कायाकल्प, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, तीन रेलवे ओवरब्रिज, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 10 मंजिला अंतरराष्ट्रीय छात्रावास, 96 सड़कों की मरम्मत और उनका निर्माण कार्य शामिल है।

इसके अलावा, पीएम मोदी ने डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर की दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर नई रेलवे लाइन का निर्माण, औडि़हार-जौनपुर सेक्शन रेलवे लाइन का दोहरीकरण, औडिहार-गाजीपुर सेक्शन रेलवे लाइन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण, भटनी-औडिहार सेक्शन रेलवे लाइन का विद्युतीकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग 56 वाराणसी-जौनपुर फोरलेन परियोजनाओं का लोकार्पण किया। 

पीएम ने जनकल्याणकारी योजना के लाभार्थियों से भी संवाद किया। इसके लिए वाराणसी सहित आसपास के जिलों से 14,000 लाभार्थी बुलाए गए थे। नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 41वीं बार वाराणसी के दौरे पर हैं। वे रात्रि यहीं विश्राम करेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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