Friday, May 3, 2024
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‘आंतरिक मामलों में कर रहे थे हस्तक्षेप’: विदेश मंत्री S जयशंकर ने बताया कनाडा के 41 राजनयिकों को क्यों निकाला गया, कहा- वीजा शुरू करेंगे, लेकिन…

कनाडा के 41 डिप्‍लोमैट देश छोड़ चुके हैं। कनाडा ने अपने राजनयिकों को निष्कासित करने के भारत के कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। अभी का विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान उसी संदर्भ में आया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत से कनाडाई राजनयिकों के निष्कासन पर र‍व‍िवार (22 अक्टूबर, 2023) को सरकार के रुख को फिर साफ किया। उन्‍होंने दो-टूक कहा कि कनाडाई राजनयिक आंतरिक मामलों में लगातार हस्‍तक्षेप कर रहे थे। इसे लेकर चिंताएँ थीं। विदेश मंत्री ने रविवार को कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव-2023 के समापन समारोह में ये बातें कहीं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “इस समय भारत कनाडा संबंध कठिन समय से गुजर रहा है। हमें कनाडा की राजनीति में कुछ नीतियों से समस्या है, लोगों को यह समझने की जरूरत है… वीजा को लेकर लोगों को समस्या हो रही है क्योंकि हमारे राजनयिक कनाडा में काम करने में सुरक्षित नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही बेहतर होगी।”

बता दें कि जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्‍या को भारतीय एजेंटों के साथ जोड़ा था। हालाँकि, जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तल्‍खी बढ़ती गई थी। इसी तनाव के बीच भारत ने 41 कनाडाई राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया था। ये डिप्‍लोमैट देश छोड़ चुके हैं। अभी का विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान उसी संदर्भ में आया है।

इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-कनाडा के बीच चल रहे तनाव और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रही जंग के बारे में भी चर्चा की।

कनाडा ने अपने राजनयिकों को निष्कासित करने के भारत के कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उसने कहा था कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन किया है। वहीं भारत ने जोर देकर कहा था कि दो-तरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना वियना कन्वेंशन के प्रावधानों की तर्ज पर है। इसमें नियमों का कोई उल्‍लंघन नहीं हुआ।

इस मुद्दे पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि वियना कन्‍वेंशन में राजनयिक समानता प्रदान की गई है। अगर भारत कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति देखता है तो कनाडा के लोगों को वीजा जारी करना फिर से शुरू करने की संभावना है।

वहीं दुनिया के दूसरे हिस्सों में जारी संघर्ष को लेकर कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे संघर्ष की वजह से एक अस्थिरता बनी हुई है। हम रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ये अनुभव कर चुके हैं। युद्ध का प्रभाव अभी मिडिल ईस्ट में क्या हो रहा है? यह अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। अलग-अलग क्षेत्रों में छोटी-छोटी घटनाएँ हो रही हैं, उनका प्रभाव तो पड़ता ही है।

द्विध्रुवीय विश्व पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि बाइपोलर वर्ल्ड दुनिया का पुराना इतिहास है। अमेरिका और सोवियत संघ जब दो ध्रुव थे, उस समय भी द्विध्रुवीय दुनिया काफी दूर थी। मुझे नहीं लगता कि अमेरिका और चीन वास्तव में दो ध्रुव बन सकेंगे। मुझे लगता है कि बहुत सारी ताकतें हैं, जिनका खासा असर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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