Thursday, June 19, 2025
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किसी की ऊँगलियाँ गायब, किसी को घसीटते हुए ले गए आतंकी… 15 महीने बाद हमास की कैद से मुक्त हुईं इजरायल की बहादुर बेटियाँ रोमी, डोरोन और इमीली: परिवार देख कभी रोईं… कभी हँसी

तीनों लड़कियों को देखते ही जहाँ उनके परिजन भावुक हो उठे, तो वहीं उन्हें अपने घर वापस लौट यकीन नहीं हो पाया कि वो लोग आजाद हैं। अस्पताल ने उन्हें अच्छा महसूस कराने के लिए दवाइयों के लिए प्रसाधन सामग्री और मेकअप के सामान दिए। लड़कियाँ अपने घरवालों से मिलकर कभी रोती दिखीं तो कभी खिलखिलाकर हँसती।

हमास-इजरायल के बीच सीजफायर ऐलान के बाद रविवार (20 जनवरी 2025) को गाजापट्टी से इजरायल की तीन लड़कियों को रिहा किया गया। 24 साल की रोमी गोनेन, 28 साल की इमीली डामरी और 31 साल की डोरोन।

15 महीने हमास की कैद में रहने वाली तीनों लड़कियों को सबसे पहले प्रारंभिक चिकित्सा जाँच के लिए आईडीएफ द्वारा तैयार बेस कैंप में रखा गया। बाद में उन्हें हाशोमर अस्पताल ले जाया गया।

लड़कियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सैंकड़ों इजरायली जुटे। वहीं अपने बच्चियों को वापस पाकर जहाँ उनके परिजन भावुक हो उठे, तो वहीं उन लड़कियों को अपने घर वापस लौटने का यकीन नहीं हो पाया कि वो लोग आजाद हैं।

अस्पताल ने उन्हें अच्छा महसूस कराने के लिए दवाइयों के लिए प्रसाधन सामग्री और मेकअप के सामान दिए। वहीं अस्पताल के बाहर खड़े लोगों ने उनका उत्साह बढ़ाने के लिए खूब गाने गए। सरजमीं पर वापस लौटने के बाद लड़कियाँ कभी तो हमास की कैद को याद कर रोती दिखीं तो कभी वापस लौटने की बात सोचकर खिलखिलाती।

इजरायली पीएम के कार्यालय से तीनों की तस्वीर और वीडियोज साझा किया गया है। इनमें एक फोटो इमीली की भी है जिसमें वो हाथ दिखाकर सबका अभिवादन कर रही थीं, लेकिन उनकी तस्वीर में सिर्फ दो उंगलियाँ दिख रही है।

फोटो साभार: टाइम्स ऑफ इजरायल

सवाल करने पर पता चला कि 7 अक्तूबर 2023 को जब इजरायल पर हमास ने हमला किया था तब आतंकियों ने उनके घर में घुसकर कुत्ते को गोली मारी थी। वहीं जब वह कुत्ते के पास झुकीं तो उनके भी हाथ में गोली लगी। इसके बाद उन्हें कैद कर लिया गया।

इसी तरह रोमी ने भी अपने घर लौट सभी का धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्होंने छुड़ाने में मदद की। रोमी की माँ ने भी अपनी और अपनी बेटी की आखिरी बातचीत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी झाड़ियों के पीछे छिपकर उन्हें कॉल करके कह रही थी- “मम्मी मुझे गोली मार दी गई है। मैं बच नहीं पाऊँगी।” इसके बाद कॉल पर कुछ सुनाई नहीं पड़ा क्योंकि गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हो गई थी।

डोरोन को भी 7 अक्तूबर को ही हमास ने अपना बंधक बनाया था। आखिरी बार डोरोन ने अपने घरवालों को वॉयस मैसेज भेज कहा था- “उन्होंने मुझे पकड़ लिया है।” इसके बाद वह कैद कर ली गईं। परिवार को पता तब चला जब उन्होंने एक वीडियो देखी जिसमें अन्य कैदियों के साथ वह दिख रही थीं।

हमास का हमला और बंधक बने लोग

गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच 41 दिन युद्धविराम का समझौता हुआ है। यह समझौता 19 जनवरी से 1 मार्च तक के लिए लागू होगा। इस दौरान इजरायल 735 फिलिस्तीनियों को रिहा करेगा। वहीं हमास भी अपनी कैद से अमेरिकी नागरिक समेत इजरायली बंधकों को छोड़ेगा। अनुमान है कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को 251 लोगों को बंधक बनाया था जिसमें 91 को अब भी हमास ने बंधक बना रखा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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