घाटी में मोबाइल इंटरनेट बंद: 24 घंटे में 4 आतंकी ढेर, रियाज नाइकू ने जान बचाने के लिए खोदी जो सुरंग वही कब्र बना

हिजबुल का टॉप आतंकी रियाज नाइकू का उत्तराधिकारी कौन?

हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू को मारकर सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की कमर तोड़ दी है। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद रियाज घाटी में आतंक का बड़ा चेहरा बन गया था। मूसा के मारे जाने के बाद रियाज ने घाटी में मारे गए आतंकियों को गन सैल्यूट की परंपरा शुरू की थी।

जानकारी के मुताबिक रियाज ने अपने घर तक जाने-आने के लिए सुरंग बना रखी थी। इसकी जानकारी बहुत ही गिने-चुने लोगों को थी, क्योंकि वह किसी पर भरोसा नहीं करता था। सेना ने विस्फोटक से वह घर उड़ा दिया और जो सुरंग उसने जान बचाने के लिए खोदी थी, उसी में उसकी कब्र बन गई। रियाज के सुरंग की खोज के लिए इलाके के आसपास खेतों और रेलवे ट्रैक की खुदाई की गई और सुरंग ढूँढी गईं।

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ANI के मुताबिक खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “रियाज रमजान के महीने में कश्मीर में बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में था। वह गुट में स्थानीय आतंकवादियों को भर्ती करना चाहता था। सुरक्षाबलों के हाथ एक रिकॉर्डिंग लगी, जिसमें एक आतंकवादी यह कहते हुए सुना गया कि नाइकू खुद कोई बड़ा ऑपरेशन करेगा। इससे इलाके में नाइकू की मौजूदगी के बारे में पहली सूचना मिली।”

नाइकू जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का चेहरा था। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भट्ट कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का प्रमुख था। अब रियाज के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में हिजबुल का करीब-करीब खात्मा हो गया है। यह सूचना मिलने पर कि नाइकू इलाके में छिपा हुआ है, उसके खात्म के लिए सुरक्षाबलों ने मंगलवार (मई 5, 2020) देर रात अपना अभियान शुरू किया।

रियाज के मारे जाने के बाद भी सेना ने उसकी पहचान सुनिश्चित करने में साढ़े पाँच घंटे लगाए, क्योंकि वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। सबसे पहले उसके शरीर के निशानों को देखा गया, फिर पुलिस ने, उसके बाद सीआरपीएफ ने, फिर सेना ने, उसके बाद आईबी ने और अंत में स्थानीय लोगों से उसकी पहचान कराई गई। उसके बाद रियाज के मारे जाने की सूचना सार्वजनिक की गई।

मुठभेड़ में हिजबुल कमांडर के मारे जाने की सूचना घाटी में फैलते ही सोशल साइट पर इसको लेकर दुष्प्रचार शुरू हो गया है। कश्मीर घाटी में सक्रिय शरारती और राष्ट्र विरोधी तत्व इंटरनेट की विभिन्न सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर लोगों को भड़काते हुए उन्हें मुठभेड़ स्थलों पर जमा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह देख प्रशासन ने एहतियात के तौर पर घाटी में इंटरनेट मोबाइल सेवा निलंबित कर दी है।

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इस दौरान कश्मीर में वॉयस कॉलिंग को भी बंद कर दिया गया है, ताकि घाटी में किसी भी घटना को लेकर किसी भी तरह की अफवाह ना फैलने पाए। इस ऑपरेशन को जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के सुरक्षाबलों के द्वारा एक साथ चलाया गया। कर्नल अमन आनंद ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में 4 आतंकियों को मार गिराया गया है।

दक्षिणी कश्मीर के हिजबुल कमांडर रियाज नायकू ने जनवरी 2018 में पंचायत चुनाव लड़ने वालों पर एसिड हमले करने की धमकी दी थी। धमकी भरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट हो गई थीं।

वीडियो में उसने कहा था कि चुनाव में हिस्सा में लेने वाले लोगों को गोली से नहीं मारेंगे बल्कि ऐसी सजा देंगे जिससे उन्हें गलती का अहसास हो। चुनाव में वे ही लोग हिस्सा लेते हैं जो घर वालों पर बोझ होते हैं। यदि उन्हें गोली से मार दिया गया तो एसआरओ के तहत नौकरी मिल जाएगी और आर्थिक मदद भी। इस वजह से ऐसी सजा देनी है जिससे वे अपनी गलती का अहसास कर सकें। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया