भारत से मणिपुर को अलग करने के लिए खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का संगठन सिख फॉर जस्टिस मणिपुर के तमिलों, मुस्लिमों और ईसाइयों को भड़काने में जुटा था। ये जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के बाद सामने आई है। गृह मंत्रालय ने पन्नू के खालिस्तानी संगठन पर 5 साल के लिए बैन को बढ़ा दिया है। इससे पहले SFJ कोल आतंकी संगठन घोषित करते हुए बैन साल 2020 में लगा था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, खुफिया नोट में कहा गया है कि सिख फॉर जस्टिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ धमकियों सहित आतंकी कृत्यों की योजना बनाई थी। इसके अलावा इसमें ये भी कहा गया कि ये संगठन अल्पसंख्यक समुदायों को दूसरे समुदायों के खिलाफ भड़काकर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बाँटकर अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाता है।
"Khalistan and Kuki Zo link"
— Asem (@MapariMeitei18) January 31, 2025
Lot of people didn't pay much attention to this video when it was released. Here Khalistani leader Gurpatwant Singh Pannun was seen saying SFJ will support INDEPENDENT MOVEMENT in various states including Manipur!!
But how this SFJ linked to Kuki Zo? pic.twitter.com/9LdKKzRxX1
आगे नोट में कहा गया कि आतंकी संगठन ईसाइयों को भड़काकर कहता है कि उनको अपना अलग देश बनाना चाहिए। इसी तरह मुस्लिमों को भड़काकर उर्दूस्तान बनाने को कहता है और तमिलों को उकसाकर द्रविड़स्तान बनाने को कहता है।
रिपोर्ट में ये भी जानकारी दी गई है कि कैसे सिख फॉर जस्टिस संगठन भारत में किसानों को भड़काने में शामिल था और कैसे वो दलित समुदायों को भड़काता है। SFJ दलितों को कहता था कि भारत सरकार ने उनका उत्पीड़न किया है इसलिए उन्हें अपना अलगाववादी अभियान शुरू करना चाहिए।
Sikhs for Justice, the banned pro-Khalistan org, is inciting Manipur Christians (KukiZos) to secede from India: Indian security agencies.
— Meiteilica (@Meiteilica) January 31, 2025
No surprises. Link between SFJ and NAMTA (KukiZo org) is well known. And "Separate Administration", "UT" are demands in that direction. pic.twitter.com/RU1ayHNMxg
गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस का उद्देश्य भारत के अल्पसंख्यकों को भड़काने और भारत में हिंसा कराना रहता है। संगठन को पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त है और वह आतंकवादियों, गैंगस्टरों तथा कश्मीरी अलगाववादियों के साथ संपर्क में रहता है। यह संगठन विदेशों में रह रहे सिखों को भी अपने उद्देश्यों के लिए प्रेरित करने का प्रयास करता है। इन्हीं सब बिंदुओं को देखते हुए सरकार ने इस संगठन पर एक्शन लेते हुए इस पर पाँच साल तक प्रतिबंध बनाए रखने का निर्णय लिया।