Saturday, October 12, 2024
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कुख्यात नक्सली विनोद मिश्रा के खिलाफ NIA ने दायर की चार्जशीट, रिश्तेदार वामपंथी आतंकी प्रमोद मिश्रा के साथ मगध क्षेत्र में बैन CPI (माओवादी) को दोबारा कर रहा था खड़ा

दरअसल, यह मामला (RC-26/2023/NIA) केस में प्रतिबंधित संगठन के दो शीर्ष नक्सली नेताओं- प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव की गिरफ़्तारी से शुरू हुआ था। बिहार पुलिस ने 10 अगस्त 2023 को विनोद मिश्रा के घर से ही प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार किया था। उस वक्त विनोद मिश्रा फरार हो गया था। इस मामले में तब पुलिस ने टेकारी थाना में मामला दर्ज किया था।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) को मगध क्षेत्र में फिर से खड़ा करने के मामले में कुख्यात नक्सली विनोद मिश्रा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। एजेंसी ने शनिवार को बताया कि विनोद मिश्रा नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य और उत्तर क्षेत्र ब्यूरो प्रमुख प्रमोद मिश्रा उर्फ ​​सोहन दा उर्फ ​​बनवारी जी उर्फ ​​बीबी जी उर्फ ​​बाबा का करीबी और रिश्तेदार है।

बिनोद कुमार मिश्रा को भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत पूरक आरोपपत्र में नामित किया गया है। NIA ने अपने एक बयान में कहा कि उसकी जाँच से पता चला है कि आरोपित विनोद मिश्रा ने मगध क्षेत्र (बिहार के गया और औरंगाबाद क्षेत्र) में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित और मजबूत करने की कोशिश की।

इसके अलावा, इसके लिए उसने अपनी नापाक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए अपने घर पर कई बैठकें भी आयोजित की थी। उसने नक्सल नेताओं और कैडरों को अपने घर में आश्रय दिया और उन्हें रसद आदि की सहायता भी प्रदान की थी। इसके अलावा, ये सभी भारत विरोधी विध्वंसक गतिविधियों में शामिल थे। विनोद मिश्रा गिरफ्तार प्रमोद मिश्रा का रिश्तेदार है।

एनआईए ने कहा, “जाँच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपित और अन्य संदिग्ध सीपीआई (माओवादी) की भारत विरोधी विचारधारा का प्रचार करने में लगे हुए थे और मगध क्षेत्र में संगठन को पुनर्जीवित करने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कैडर की भर्ती और लेवी एकत्र करने की प्रक्रिया में भी थे। इसका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना था।”

दरअसल, यह मामला (RC-26/2023/NIA) केस में प्रतिबंधित संगठन के दो शीर्ष नक्सली नेताओं- प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव की गिरफ़्तारी से शुरू हुआ था। बिहार पुलिस ने 10 अगस्त 2023 को विनोद मिश्रा के घर से ही प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार किया था। उस वक्त विनोद मिश्रा फरार हो गया था। इस मामले में तब पुलिस ने टेकारी थाना में मामला दर्ज किया था।

इन नक्सली नेताओं की गिरफ़्तारी के समय उनके पास से विभिन्न नक्सली साहित्य, हस्तलिखित पत्र और सात मेमोरी कार्ड जब्त किए गए थे। जब्त किए गए मेमोरी कार्ड में नक्सली गतिविधियों से संबंधित विभिन्न तस्वीरें, पत्र, पत्राचार और साहित्य शामिल थे। इस मामले को एनआईए ने अक्टूबर 2023 में अपने हाथ में ली और प्रमोद मिश्रा समेत तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

इन आरोपितों में प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव उर्फ ​​अंकुश उर्फ ​​लवकुश के साथ विनोद मिश्रा भी शामिल था। फरवरी 2024 में एजेंसी ने प्रमोद मिश्रा और सीपीआई (माओवादी) के सब-जोनल कमिटी सदस्य अनिल यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अब तक गिरफ्तारी से बच रहे विनोद मिश्रा को 20 मार्च 2024 को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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