Monday, June 9, 2025
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200+ बंकर तबाह, 450 IED डिफ्यूज, 31 ढेर… 21 दिन में 1200 वर्ग किमी का नक्सल पहाड़ ध्वस्त: अमित शाह ने दोहराया 31 मार्च तक लाल टेरर का सफाया करने का संकल्प

यह ऑपरेशन 21 अप्रैल 2025 को चालू हुआ था। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सली मारे हैं। इनमें 16 महिला नक्सली और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं। इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर ₹1 करोड़ 72 लाख का इनाम रखा गया था। इस ऑपरेशन के चलते 1200 स्क्वायर किलोमीटर का इलाका नक्सलमुक्त हो गया है।

छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चलाया गया नक्सल विरोधी अभियान पूरा हो गया है। इस अभियान में गुफाओं में छुपे नक्सलियों को मार गिराया गया है। इन पर संयुक्त रूप से ₹1 करोड़ से अधिक का इनाम था। इस सफल ऑपरेशन की गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रशंसा की है। उन्होंने फिर स्पष्ट किया है कि 31 मार्च, 2026 तक देश नक्सलमुक्त हो जाएगा।

कर्रेगुट्टा पहाड़ पर यह ऑपरेशन 21 अप्रैल 2025 को चालू हुआ था। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सली मारे हैं। इनमें 16 महिला नक्सली और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं। इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर ₹1 करोड़ 72 लाख का इनाम रखा गया था। इस ऑपरेशन के चलते 1200 स्क्वायर किलोमीटर का इलाका नक्सलमुक्त हो गया है।

नक्सलियों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ पर 200 सुरंगों और बंकरों में अपना ठिकाना बना रखा था। वहाँ से यह अपनी कार्रवाइयों को अंजाम देते थे। सुरक्षाबलों ने यह सुरंगे भी तबाह कर दी। यहाँ उन्होंने 4 हथियार फैक्ट्रियाँ बना रखी थीं। उनको भी सुरक्षाबलों ने तहस नहस कर दिया है।

इस पहाड़ को नक्सलियों ने काफी और दुर्गम बना कर रखा था। उन्होंने यहाँ आसपास 400 से अधिक IED लगा रखीं थीं। इन्हें डिफ्यूज करके जवान आगे बढ़े। कुछ धमाके भी हुए, जिसके चलते 18 जवान घायल हुए। इन जवानों का इलाज चल रहा है।

यहाँ सुरक्षाबलों को 2 टन से अधिक विस्फोटक और बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद हुए हैं। अब यहाँ से नक्सली भाग गए हैं। इस ऑपरेशन की प्रशंसा देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी की है। उन्होंने 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य दोहराया है।

उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “नक्सल मुक्त भारत के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 नक्सलियों को मार गिराया। जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहाँ आज शान से तिरंगा लहरा रहा है।”

उन्होंने बताया, “कुर्रगुट्टालू पहाड़ PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC & CRC जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का Unified Headquarter था, जहाँ नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे।”

गृह मंत्री ने बताया है कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान किसी भी सुरक्षाबल को जीवन का नुकसान नहीं हुआ। इस ऑपरेशन की प्रशंसा पीएम मोदी ने भी की है। उन्होंने लिखा, “सुरक्षा बलों की यह सफलता बताती है कि नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में हमारा अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में शांति की स्थापना के साथ उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”

लगातार मारे जा रहे नक्सली

गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 का समय सुरक्षाबलों को नक्सलियों का सफाया करने के लिए दिया है। इसे लिए लगातार ऑपरेशन हो रहे हैं। 2024 में सुरक्षाबलों ने 290 नक्सली मारे थे। वहीं 2025 में यह संख्या लगभग 130 पहुँच चुकी है। सैकड़ों की संख्या में नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।

वर्ष 2025 में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़ी सफलताएँ हाथ लगी हैं। अब तक कई ऐसे ऑपरेशन छत्तीसगढ़ में हो चुके हैं, जिनमें एक दर्जन से ज्यादा नक्सली एक साथ मार गिराए गए हों। एक रिपोर्ट बताती है कि अब तक 2025 के भीतर छत्तीसगढ़ में 120 से अधिक नक्सली मार गिराए गए हैं।

2025 के पहले दिन से ही सुरक्षाबलों ने नक्सलियों पर शिकंजा कसना चालू कर दिया था। 2 जनवरी, 2025 को बीजापुर में हुई मुठभेड़ में 5 नक्सली मारे गए थे। उसके बाद यह सिलसिला चलता ही रहा। 16 जनवरी को हुई एक मुठभेड़ में 18 नक्सली मार गिराए गए थे।

21 जनवरी, 2025 को गरियाबंद पहाड़ी पर हुई एक मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे। इनमें नक्सलियों का टॉप कमांडर चलापति भी था। चलापति ₹1 करोड़ का इनामी नक्सली था। उसके साथ ही एक-दो और भी बड़े कमांडर मारे गए थे।

इस वर्ष की सबसे बड़ी मुठभेड़ 9 फरवरी को हुई थी। नेशनल पार्क क्षेत्र में हुए ऑपरेशन के दौरान यहाँ 31 नक्सली मार गिराए गए थे। यह ऑपरेशन महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सुरक्षाबलों ने मिलकर किया था। यह हमला नक्सलियों की एक मीटिंग पर हुआ था। इसी तरह के बड़े ऑपरेशन के चलते नक्सलियों की अब कमर टूट गई है।

सुरक्षाबल अब उन इलाकों में घुस रहे हैं, जहाँ पहले नक्सली एकक्षत्र राज कर रहे थे। उन्हें ग्रामीणों से मिलने वाला समर्थन भी अब कम हो चुका है। दुर्गम इलाकों में चौकियाँ बनाने के चलते सुरक्षाबल उनकी हर एक मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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