Tuesday, October 8, 2024
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दाढ़ी नहीं कटाने पर यूपी पुलिस के SI इंतसार अली को किया गया सस्पेंड, 3 बार एसपी से मिल चुकी थी चेतावनी

रमाला थाने में इंतसार अली बतौर सब इंस्पेक्टर (एसआई) तैनात थे। उन्होंने बिना अनुमति पिछले कुछ समय से लंबी दाढ़ी रखी हुई थी, नतीजतन उन्हें पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और...

उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित रमाला थाने में इंतसार अली बतौर सब इंस्पेक्टर (एसआई) तैनात हैं। उन्होंने बिना अनुमति पिछले कुछ समय से लंबी दाढ़ी रखी हुई थी नतीजतन उन्हें पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और इसके बाद उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें कई बार दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेने का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने बिना किसी भी तरह की अनुमति लिए पिछले काफी समय से दाढ़ी रखी थी।    

कुछ समय पहले सब इंस्पेक्टर इंतसार अली पुलिस विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के बावजूद दाढ़ी रखने को लेकर सुर्ख़ियों का कारण बने थे। इंतसार अली मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं और उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती किए गए थे। गुज़रे तीन वर्षों से वह बागपत जिले में तैनात थे लेकिन लॉकडाउन से ठीक पहले उन्हें रमाला थाने में तैनात किया गया था। 

इस मुद्दे पर पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक सिंह ने एक समाचार समूह से बात करते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा, “पुलिस मैनुएल के दिशा-निर्देशों के अनुसार सिख समुदाय के पुलिसकर्मियों के अलावा किसी भी अन्य समुदाय का व्यक्ति पुलिस विभाग में तैनात रहते हुए दाढ़ी नहीं रख सकता है। इस आदेश में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सभी आते हैं। अगर पुलिस विभाग से जुड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति ऐसा करना चाहता है तो उसे सबसे पहले अनुमति लेनी होती है। इतने महत्वपूर्ण आदेश के बिना इंतसार अली बिना किसी भी तरह की आज्ञा लिए दाढ़ी रख रहे थे। इस मामले में कई बार शिकायत तक मिल चुकी थी। इस संबंध में उन्हें 3 बार चेतावनी दी गई और यहाँ तक की बात करने का भी प्रयास किया गया लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा हासिल नहीं हुआ। अनुशासनहीनता जारी रहने बाद उन पर यह कार्रवाई की गई है।”        

वहीं इस मुद्दे पर खुद इंतसार अली ने भी अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि वह अनुमति के लिए पिछले कई सालों से लगे हुए थे। उनके अनुसार वो एसपी और आईजी कार्यालय में भी अनुमति के लिए गए थे। हर जगह उनका पत्र लंबित पड़ा हुआ है और उनके निवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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