Thursday, May 2, 2024
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‘जय श्री राम’ से चिढ़ी कॉन्ग्रेसी हीरोइन, इस्लामी मुल्क क़तर से लगा रही एक्शन की गुहार: कह रही – ये लोकतंत्र की मौत है, सेक्युलर देश की मौत है

डिसूजा का क़तर के आगे मदद के लिए हाथ फैलाना कई लोगों को नागवार गुजरा और उन्होंने इसे देशद्रोह बताया। उन्होंने कहा कि इससे वह एक भारतीय की सुरक्षा को क़तर में खतरे में डाल रही हैं।

कॉन्ग्रेस की नेता एंड्रिया डिसूजा, जो कि ट्विटर पर खुद को ‘रिया रिवील्ड‘ बताती हैं, एक व्यक्ति के ‘जय श्री राम’ लिखने से भड़क गई। उसके एक ट्वीट के जवाब में एक व्यक्ति ने ‘जय श्री राम’ लिखा तो वह इसे इस्लामोफोबिया बता कर उसे गिरफ्तार करने के लिए क़तर के विदेश मंत्रालय के पास दौड़ गई।

खुद को महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस में मानवाधिकार मामलों की सचिव और AICWA की पदाधिकारी बताने वाली डिसूजा ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को शक्ति प्रदर्शन बता डाला। उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में कुछ भी धार्मिक नहीं था भले ही यह वैदिक रीति रिवाज से हुई हो।

डिसूजा ने ट्विटर पर लिखा, “राम का जन्म किसके लिए ख़ुशी की बात नहीं होगा? लेकिन दुख की बात है और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह राम मंदिर की आड़ में शक्ति का खुला प्रदर्शन है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक नहीं है। जिस विषय की नींव में किसी कमजोर व्यक्ति को अपमानित करने की बात हो, वह धार्मिक नहीं है।

आगे उन्होंने लिखा, “भले ही इस भीड़ में मेरा धर्म, गाँव, परिवार और पूरे देश की जनता शामिल हो। मेरी शिक्षा मुझे मानवता और धार्मिकता के साथ खड़े रहने के लिए कहती है। यह लोकतंत्र की मौत है, धर्मनिरपेक्ष देश और भारत के विचार की मौत है।” उनके इस ट्वीट के जवाब में एक व्यक्ति ने कई बार ‘जय श्री राम’ लिख दिया।

राम का नाम देखने से डिसूजा भड़क गईं। वह इतना क्रुद्ध हुईं कि उन्होंने कतरी विदेश मंत्रालय को ट्विटर पर टैग कर दिया और इस व्यक्ति के खिलाफ एक्शन लेने की बात की। डिसूजा का दावा था कि यह व्यक्ति कतर में रहता है और इसका ‘जय श्री राम’ लिखना इस्लामोफोबिया के अंतर्गत आता है। हालाँकि, उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया कि किसी हिन्दू का अपने भगवान का नाम लेना किस प्रकार से इस्लामोफोबिया है। इसके बाद डिसूजा ने इस व्यक्ति को एक लंबा चौड़ा पैराग्राफ लिख कर जवाब भी दे डाला।

डिसूजा ने लिखा, “जय सिया राम। जय माँ दुर्गा, जय श्री कृष्ण, हर-हर महादेव! एक हिंदू हूँ और मैं अपने देवताओं से प्रेम करती हूँ। मेरा धर्म मेरा निजी विषय है, इससे किसी को कोई मतलब नहीं। मैं कमजोरों को दबाने के लिए अपने भगवान का अपमान नहीं करती। मैं लोगों पर अत्याचार करने या लोगों की हत्या करने में अपने भगवान के नाम का उपयोग नहीं करती. केवल नकली हिंदू ही ऐसा करते हैं। और आप निश्चित रूप से एक नकली हिन्दू हैं।” हालाँकि, वह यह लिखते समय भूल गई कि हिन्दू कारसेवकों पर ही इस देश में अत्याचार हुए हैं चाहे वह गोधरा हो या 1990 में मुलायम सिंह का अयोध्या में गोली चलवाना।

डिसूजा का क़तर के आगे मदद के लिए हाथ फैलाना कई लोगों को नागवार गुजरा और उन्होंने इसे देशद्रोह बताया। उन्होंने कहा कि इससे वह एक भारतीय की सुरक्षा को क़तर में खतरे में डाल रही हैं। अक्षत देवड़ा नाम के एक व्यक्ति ने लिखा, “@RiaRevealed ने कतर में एक भारतीय कामगार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कतर के मंत्रालय को टैग करके देशद्रोह किया है। मुंबई पुलिस कृपया उनकी सुरक्षा के साथ कुछ होने से पहले उचित कार्रवाई करे।” अन्य लोगों ने भी यही बात कही।

एक यूजर ने उनके जवाब में लिखा, “केवल ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए? कहाँ गयी तुम्हारी तथाकथित धर्मनिरपेक्षता? और क्या तुम करोड़ों हिंदुओं को “इस्लामोफोबिक” कहोगी क्योंकि वह “जय श्री राम” का नारा लगाते हैं। मुझे लगता है कि तुम उस व्यक्ति को पसंद करोगी और प्यार करोगी जो “अल्लाह हू अकबर” कहेगा, भले ही वह हिंदू हो।”

गौरतलब है कि वामपंथी और लिबल पत्रकार, कथित एक्टिविस्ट और प्रोपगैंडा फैलाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद से बिलबिलाए हुए हैं। डिसूजा ने भी उसी सूची में अपनी जगह बनाई है जिसमें आरफा खानम शेरवानी जैसे लोग पहले ही शामिल हो चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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