Saturday, April 20, 2024

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अनुच्छेद 370

जब मस्जिदों से लगे नारे- ज़लज़ला आ गया है कुफ़्र के मैदान में, लो मुजाहिद आ गए हैं मैदान में

कश्मीर समिति दिल्ली के अध्यक्ष समीर चंगू का कहना है कि हमारा तो सबकुछ लुट गया। परिवार-रिश्तेदार और पड़ोसी सब। पीड़ा तो थी ही ज़बरदस्त गुस्सा भी था। लेकिन, हम उनकी तरह जवाब नहीं दे सकते थे। हमने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया।

‘मुर्गीघर की रखवाली लोमड़ी करे तो सतर्क रहने की ज़रूरत, हर आतंकी गतिविधि के पीछे होता है पाकिस्तान’

"पाकिस्तान में आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकानों में प्रशिक्षित किया जाता है। बच्चों और युवाओं को किताबों की जगह बंदूक दी जाती हैं, महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है, और अल्पसंख्यकों को सताया जाता है।"

ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन की बल्ले-बल्ले, 370 पर पाक राग अलापने वाली लेबर पार्टी को जनता ने नकारा

लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने हार कबूल करते हुए इस्तीफा दे दिया है। चुनाव से पहले उनसे कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुलाकात की थी। साथ ही आतंकी संगठन जेकेएलएफ ने लेबर पार्टी को चुनाव में समर्थन का ऐलान किया था।

हम क्रिमिनल नहीं नेता हैं, फिर भी कर रहे ऐसा सलूक: फ़ारूख़ अब्दुल्ला का दर्द-ए-लेटर

कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक पत्र ट्वीट कर अब्दुल्ला का दर्द सामने रखा है। साथ ही कहा है कि उन्हें संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने थरूर और अब्दुल्ला को जमकर सुनाई है।

राणा अयूब ने विदेशी पत्रकार को J&K में अवैध रूप से घुसाया, भारत-विरोधी प्रचार किया: देश के साथ गद्दारी!

विदेशी पत्रकार डेक्स्टर ने लिखा कि जब वो श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे, तो राणा अयुब ने उन्हें ‘विदेशियों के लिए पंजीकरण’ डेस्क पर जाने से रोक दिया। हवाई अड्डे पर हंगामा का लाभ उठाते हुए, वे दोनों बिना किसी रोक-टोक के और बिना पंजीकरण करवाए आराम से बाहर निकल गए।

370 हटने के बाद से J&K में घटा आतंक: 5 अगस्त से पहले और उसके बाद के आँकड़े हैं गवाह

जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने के बाद के 115 दिनों में जिहादियों ने 88 घटनाओं को अंजाम दिया। यह संख्या 370 हटने के पहले के 115 दिनों (12 अप्रैल, 2019 से 4 अगस्त, 2019 तक) में हुई ऐसी ही 106 घटनाओं के मुकाबले 17% कम है।

‘पगला गए हो क्या?’ दि प्रिंट के शिवम विज ने पहले फ़र्ज़ी बयान छापा, पकड़े जाने पर की बेहूदगी

दरअसल द प्रिंट और शिवम विज का सोचना यह है कि एक दशक पुरानी बात, जब समय और परिस्थितियाँ अलग थीं, उस समय की घटनाओं और परिस्थितियों का हवाला देते हुए आज के समय में वो अपने प्रोपेगेंडा को फैलाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

न हमने हॉर्स ट्रेडिंग की न गठबंधन तोड़ा, कॉन्ग्रेस तो अपने साथ पूरा अस्तबल ही ले गई: अमित शाह

केंद्र सरकार को लम्बे समय से कश्मीर के मामले पर घेरने वालों को जवाब देते हुए उन्होंने राज्य में लगे प्रतिबंधों पर कहा कि इन्टरनेट कभी भी 40 हज़ार लोगों की जान से ज्यादा कीमती नहीं हो सकता। उल्टे उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में खून की नदियाँ बहने के दावे करने वाले गुलाम नबी आज़ाद आज कहाँ हैं?

‘अगर इज़रायल ऐसा कर सकता है, तो हम भी कर सकते हैं… कश्मीरी पंडित तब जल्द घर लौटेंगे’

"मेरा मानना ​​है कि जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा। यह शरणार्थियों को वापस जाने की अनुमति देगा और अपने जीवनकाल में, आप वापस जाने में सक्षम होंगे... आप अपने घर वापस जा पाएँगे और आपको सुरक्षा मिलेगी, क्योंकि दुनिया में हमारे पास पहले से ही एक मॉडल है।"

…जब OpIndia की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में रखी गई और झूठ का किया गया पर्दाफाश

फर्जी वेबसाइट IndiaSpend की एक रिपोर्ट, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में कई लोग स्वास्थ्य सेवा तक नहीं पहुँच पा रहे। इसी फर्जी खबर की काट के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ऑपइंडिया की रिपोर्ट को...

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