Wednesday, April 24, 2024

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इतिहास

गोलियों से भूना, मन नहीं भरा तो बम विस्फोट किया: 32 परिवारों के खून से अबोहर में खालिस्तानियों ने खेली थी होली

पूरी घटना में 22 लोग मौके पर खत्म हो गए, 10 ने अस्पताल में दम तोड़ा, कइयों ने पसलियाँ गँवा दीं, कुछ की अंतड़ियाँ बाहर आ गईं, किसी के पाँव...

केरल का सिंह, जिससे काँपते थे टीपू और ब्रिटिश: अंग्रेजों ने बताया स्वाभाविक सरदार, इतिहासकारों ने नेपोलियन से की तुलना

केरल में उन्हें सिंह कहा जाता है। इतिहासकार उनकी तुलना नेपोलियन से करते हैं। दुश्मन अंग्रेजों ने उन्हें 'स्वाभाविक नेता' बताया। मैसूर की इस्लामी सत्ता उनसे काँपती थी।

हिंदू बेईमान, मुसलमान महान और योद्धा: भारत को लेकर विंस्टन चर्चिल की सोच, जिसने मारे 40-45 लाख निर्दोष लोग

विंस्टन चर्चिल भारत के आदिवासियों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कराना चाहता था। चर्चिल ने एक आतंरिक मेमो भेजा था, जिसमें...

मसूद की फौज दर्रे में घुसती और दो टुकड़े कर डालते मराठा: शिवा नाई, बाजी और शिवाजी के विशालगढ़ पहुँचने की गाथा

"मेरे बहादुरों। हमारे राजा जब तक गढ़ न पहुँच जाए, तब तक एक भी शत्रु इस दर्रे से होकर नहीं गुजरना चाहिए। मराठी आन की लाज हमारे हाथों में है। हर हर महादेव!"

100 साल पहले देवी अन्नपूर्णा की जो अद्वितीय मूर्ति वाराणसी के मंदिर से चुराई गई थी, वो स्वदेश आने को तैयार

"इस मूर्ति का एक सदी पहले यहाँ आने में जो गलती हुई, उसका प्रायश्चित तो नहीं हो सकता, परन्तु यह किया जाना आज सटीक एवं महत्वपूर्ण है।"

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक और विलियम डेलरिम्पल को ‘टोरंटो लिटरेचर फेस्टिवल’ में मंच देने पर भारतीय दूतावास पर फूटा लोगों का गुस्सा

कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा 27-29 नवंबर को होने वाले तीन दिवसीय जेएलएफ टोरंटो लिटरेचर फेस्टिवल के लिए देवदत्त पटनायक और विलियम डेलरिम्पल जैसे विवादास्पद ‘इतिहासकारों’ को आमंत्रित करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

धर्मराज, उनका दीवान और वो दीवार… त्रावणकोर में खोदी गई थी हिन्दुओं और ईसाइयों के नरसंहारक टीपू सुल्तान की ‘कब्र’

जानिए कैसे एक दीवार की मदद से त्रावणकोर के महान राजा धर्मराज राम वर्मा और राजा केशवदास पिल्लई की जोड़ी ने टीपू सुल्तान को कई बार भगाया।

नेहरू से मतभेद, कॉन्ग्रेस में बढ़ता मुस्लिम तुष्टीकरण… ‘पंजाब केसरी’ ने ऐसे बढ़ाया हिन्दू महासभा को

जब उनका पंडित मोतीलाल नेहरू से राजनैतिक मतभेद हो गया तो उन्होंने 'नेशनलिस्ट पार्टी' का गठन किया और पुनः असेम्बली में पहुँच गए।

अब पेठा भी हुआ मुगलों का! वामपंथियों के अनुसार हम भारतीय सिर्फ घास-फूस खाते थे

"शाहजहाँ ने अपने रसोइयों को ताजमहल की तरह कुछ शुद्ध और श्वेत बनाने का आदेश दिया और इस तरह से पेठा का अवतरण हुआ।"

अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान को समर्पित संग्रहालय बनवाएगी मोदी सरकार, ASI ने शुरू किया काम

यहाँ कई मंदिर भी थे, जिसे इस्लामी आक्रांताओं ने ध्वस्त कर दिया। कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद के लिए मुख्यतः इन्हीं ध्वस्त मंदिरों के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था।

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