Saturday, May 11, 2024

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समाजवादी पार्टी

गैंग रेप आरोपित सपा मंत्री के घर समेत दिल्ली से यूपी तक 22 ठिकानों पर CBI ने की छापेमारी

CBI द्वारा अवैध खनन के मामले में 11 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जा चुका है। सीबीआई ने हमीरपुर जिले की पूर्व कलेक्टर और आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, खनिक आदिल खान, भूवैज्ञानिक/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी के नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, राम आश्रय प्रजापति, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और रामअवतार सिंह के नाम प्राथमिकी में शामिल हैं।

राहुल के वायनाड जाते ही ‘टोंटी-चोर’ के भुट्टे पर मर-मिटा मीडिया

आज तक ने अखिलेश यादव की भुट्टे का भाव पता करने की इस मार्मिक घटना को सनसनी बनाकर साबित कर दिया है कि मीडिया को अपने केजरीवाल तलाशने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। वर्तमान राजनीति केजरीवालों से भरी पड़ी है।

पत्नी को भी नहीं जिता पाए ‘टोंटी-चोर’, UP में बुआ-बबुआ का गठबंधन टूटा, अकेले लड़ेगी BSP

बीजेपी अपने दम पर पूरे यूपी में 50% के करीब वोट और 64 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं सपा-बसपा मिलकर 15 सीटें और 40 फीसदी के आसपास वोट शेयर हासिल कर पाई। कुल मिलाकर पूरी तरह फेल हो गया उनका जातीय समीकरण। यही अब गठबंधन में टूट का कारण बन कर उभरा है।

सपा विधायक और UP सरकार में पूर्व मंत्री को गैंगरेप में हुई जेल

एक जाँच अधिकारी ने आरोपित के ख़िलाफ़ 2011 में हलफनामा दर्ज करवाया था, लेकिन सही प्रक्रिया फॉलो न करने के कारण उसे प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर दिया गया था। इसके बाद ये मामला उस समय सुर्खियों में आया जब दोबारा मनोज को 2012 में सपा से टिकट मिला और साथ ही उन्हें मंत्री भी बनाया गया।

मीडिया का सामना नहीं करेंगे कॉन्ग्रेस व सपा नेता, टीवी चर्चाओं में हिस्सा न लेने का निर्णय

कॉन्ग्रेस अकेली पार्टी नहीं है जो मीडिया से भाग रही है। समाजवादी पार्टी ने भी अपने सभी मीडिया पैनलिस्ट का मनोनयन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इसका अर्थ है कि सपा द्वारा जब तक नए पैनलिस्ट के नामों की घोषणा नहीं की जाती, तब तक पार्टी का पक्ष रखने के लिए मीडिया चैनलों पर नेता नहीं जाएँगे।

निराशाजनक हार के बाद अखिलेश यादव की बड़ी कार्रवाई, सभी प्रवक्ताओं की हुई छुट्टी

लोकसभा चुनाव में न केवल जातीय गणित फेल हुआ है, बल्कि वंशवादी राजनीति को भी भारी झटका लगा है। राजनीतिक परिवार से आने वाले अधिकांश उम्मीदवारों को इस बार हार का सामना करना पड़ा है।

वाराणसी में राड़ा होना तय: SP जुटा शालिनी यादव को मनाने में, नामांकन वापस न लेने से बढ़ीं तेज बहादुर की मुश्किलें

शालिनी यादव अब भी PM नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से उम्मीदवार हैं क्योंकि उन्होंने अभी तक अपना नामांकन वापस नहीं लिया है। माना जा रहा है कि शालिनी यादव का अपना जनाधार है, इसलिए SP के नए उम्मीदवार और BSF के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

आजम खान का ‘खाकी अंडरवियर’ छोटा था, बेटे ने ‘अनारकली’ के साथ करवा ली थू-थू

जयाप्रदा ने इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, “तय नहीं कर पा रही हूँ कि रोऊँ या हँसूँ, जैसा पिता वैसा पुत्र। अब्दुल्ला से यह उम्मीद नहीं थी। वह पढ़े-लिखे हैं। आपके पिता मुझे आम्रपाली कहते हैं, आप मुझे अनारकली कहते हैं; क्या यही समाज की औरतों को देखने का आपका नजरिया है?”

गेस्ट हाउस कांड भुला मैनपुरी में 24 साल बाद मुलायम से मिलने पर मायावती ने कहा: ‘जनहित में लेने पड़ते हैं कठिन फैसले’

"देश-आमहित में और पार्टी के मूवमेंट के हित में कभी-कभी हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं जिसको आगे रखकर ही हमने देश के वर्तमान हालातों के चलते हुए यूपी में एसपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।"

जया प्रदा की खाकी अंडरवियर ‘छोटी सी बात’, डिंपल यादव पर दिखने लगा ‘ससुराल’ का असर

रामपुर के प्रत्याशी और विवादित बयानों के ब्रांड अम्बैसडर बन चुके आजम खान के बचाव में बात करते हुए डिंपल यादव ने कहा कि बीजेपी जनता का असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह की बातें बना रही है। उनकी मानें तो मीडिया को इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

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