Friday, May 17, 2024

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कॉन्ग्रेस क्या तो बचाए… अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन, RaGa को या फिर इंदिरा गाँधी की नाक?

प्रियंका गाँधी के जन्मदिन की सुबह दैनिक भास्कर अख़बार के पहले पन्ने पर ही इंदिरा गाँधी के साथ उनकी तुलना करते हुए कॉन्ग्रेस के नेता जी द्वारा लिखी गई प्रशंसा तो यही बता रही है कि ट्विटर पर आधी रात को किए गए उनके मन्त्र जाप का असर प्रियंका गाँधी पर जल्द ही होने वाला है।

वामपंथियों की फालतू नारेबाजी, और बर्बाद होता JNU: राहुल कँवल पढ़ें ‘इंडिया टुडे’ की 40 साल पुरानी रिपोर्ट

1981 का एक ऐसा समय था, जब जेएनयू को 46 दिनों के लिए बंद किया गया था। आज फ़र्ज़ी 'स्टिंग ऑपरेशन' कर के वामपंथियों को बचाने वाले 'इंडिया टुडे' ने तब JNU को वामपंथी अराजकता का गढ़ बताया था, जहाँ छात्र फालतू वाद-विवाद में लगे रहते हैं। पत्रिका ने कहा था कि जेएनयू केवल रुपए डकारता है।

बालासाहब को हत्यारा और नौकर बताने वाले अर्बन नक्सल को रिहा करो: CM उद्धव से NCP विधायक ने कहा

अपनी किताब में उसने दावा किया कि हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए बालासाहेब ने दलितों की हत्या तक करवा दी थी। सुधीर ने अपनी इस किताब में 1974 के वर्ली दंगे का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि इस दौरान मराठवाड़ा की दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ था।

1984 सिख विरोधी दंगों पर SIT की जाँच पूरी, सीलबंद रिपोर्ट SC में: फँस सकते हैं कई कॉन्ग्रेसी नेता!

1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। दंगों में सिख समुदाय के हज़ारों लोग मारे गए थे। कुछ वरिष्ठ राजनेताओं, जिनमें से कई कॉन्ग्रेस पार्टी से थे, उन पर हिंसा भड़काने और हमले का आरोप लगाया गया था।

मुस्लिमों को ख़ुश करने के लिए इंदिरा ने पागल महिला के सामने टेके थे घुटने: दे दिया था दिल्ली का महल

एक ज़माने में फ़िरोज़शाह तुगलक जब शिकार पर निकलते थे तो इसी महल में ठहरते थे। 1993 के बाद इस मालचा महल को लेकर कई जनश्रुतियाँ प्रचलित हुईं, जिनमे कहा गया कि इस महल में रहने वाली विलायत बेग़म ने हीरे को पीसकर निगल लिया और आत्म-हत्या कर ली।

‘वीर सावरकर थे भारत के महान सपूत’ – पढ़ें वो खत जिसे इंदिरा गाँधी ने खुद लिखा था

पत्र में इंदिरा गाँधी ने न केवल सावरकर को "भारत का विशिष्ट पुत्र" बताया था, बल्कि यह भी कहा था कि उनका ब्रिटिश सरकार से निर्भीक संघर्ष स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में अपना खुद का महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

जेपी जन्मदिन पर: उनकी अव्यवहारिक क्रांति के चेले आज भी प्रयोग के मूड में रहते हैं

जेपी ने अव्यवहारिक राजनीति की, वे ऐसी मसीहाई भूमिका में आ गए थे, जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और अपने ही लोगों के खिलाफ लड़ाई को एक ही तराजू में तौल रहे थे। उन्हें उम्र के उस अंतिम पड़ाव में जरा भी भान नहीं हुआ कि जो लोग उनकी पालकी उठा रहे हैं, उनकी मंशा क्या है?

इसरो के जनक विक्रम साराभाई की जन्मशती पर भी नेहरू की चाटुकारिता से बाज नहीं आए कॉन्ग्रेसी

12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे साराभाई की उपलब्धियों को इस मौके पर हर कोई याद कर रहा है। इंटरनेट सर्च ईंजन गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें याद किया है। लेकिन जयराम रमेश को इस मौके पर भी नेहरू ही याद आए।

इंदिरा गाँधी ने पाकिस्तान को लौटाई थी हजारों एकड़ जमीन: जरदारी का खुलासा

जरदारी ने कहा, "हम ईस्ट पाकिस्तान की जंग हारे थे। मैं इस पर नहीं जाना चाहता। इसके बहुत से मसले हैं, लेकिन हमारा आधा अंग टूट चुका था। इसी तरह आज कश्मीर का हमारा आधा अंग टूट चुका है।"

इंदिरा, आपातकाल और RSS: जब सुप्रीम कोर्ट के जज ने याद किया संघ का योगदान

कुछ दिनों पहले ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस के टी थॉमस आरएसएस को आपातकाल से मुक्त कराने वाला बता चुके हैं। संघ के तृतीय वर्ष शिविर में उन्होंने कहा- "अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा।”

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