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Media Gang
जो पत्रकार निष्पक्षता का दावा करता है वह झूठा है, यह सिर्फ अपना एजेंडा आगे बढ़ाने का ज़रिया है: शेखर गुप्ता
"भारत के मुख्य न्यायाधीश, चुनाव आयुक्त, राष्ट्रपति यह सभी लोग हर पाँच साल बाद मतदान करते हैं। हर इंसान जो चुनाव के दौरान अपने संवैधानिक अधिकारों का सदुपयोग करता है। उसकी कोई न कोई राजनीतिक विचारधारा होती है।"
‘ट्रेनों में मोदी सरकार का गुणगान करेंगे 3000 भिखारी’: झूठा है दावा, AIR ने बताई हकीकत
कुछ मीडिया हाउस ने दावा किया था कि मोदी सरकार ऐसी योजना बना रही है, जिसमें करीब तीन हजार भिखारी ट्रेन में गाना गाने के लिए बहाल किए जाएँगे।
स्वतंत्रता के मायने: एक भारतीय को चाहिए ‘आजादी’ इन 8 तरह के लोगों से…
'हिन्दुओं से आजादी' भी इसी एक शब्द में समेट दी गई है, जो बार-बार, रूप बदल कर हमारे कानों तक पहुँचती है। साथ ही, 'केरल माँगे आजादी' जैसे संदर्भ भी इसी शब्द में सिमटे हुए हैं।
ऑड-ईवन बन गई कोर्ट की अवमानना: कभी लेफ्ट-लिबरल्स जताते थे अवमानना में सजा पर ख़ुशी, आज उनके समर्थक हैं नाराज
प्रशांत भूषण के मामले में तमाम वाम-उदारवादी वर्ग 'ऑड-इवन' की तर्ज पर इस बार SC के फैसले से नाराज नजर आ रहा है और प्रशांत भूषण को दोषी ठहराए जाने पर SC की गरिमा पर सवालिया निशान लगाते हुए नजर आ रहा है।
उतावले राजदीप ने चलाई प्रणब मुखर्जी की मौत की ‘ब्रेकिंग’ खबर, फिर फेक न्यूज बता कर ट्वीट किया डिलीट
राजदीप सरदेसाई ने आदतन उतावलेपन में प्रणब मुखर्जी की मौत की फेक न्यूज़ को 'ब्रेकिंग' बताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर डाली।
रवीश जी, आपका हर शो चुटकुला ही है, फिर कॉमेडी के लिए इतना परिश्रम काहे भाई!
भारत की पत्रकारिता में यह रवीश का सबसे बड़ा योगदान है। अच्छी योजनाओं और सरकारी कार्यों में भी, खोज-खोज कर कमियाँ बताई जाने लगी हैं। देखा-देखी बाकी वामपंथी एंकरों और पुराने चावल पत्रकारों ने भी, अपनी गिरती लोकप्रियता बनाए रखने के लिए, अपने दैनिक शौच से पहले और फेफड़ों से चढ़ते हर खखार (हिन्दी में बलगम) के बाद, मोदी और सरकार को गरियाना अपना परम कर्तव्य बना लिया है।
बबलू बबलू बबलू… 2+9 होता 5… ‘पीने लगे रवीश, राफेल-राम मंदिर से हिला संतुलन’ – लोगों ने लिए मजे
रवीश कुमार राफ़ेल के भारत पहुँचने से इतने बौखलाए हुए हैं कि प्राइम टाइम में बबलू बबलू बबलू करने लगे। लोग उन्हें 'पीकर' काम ना करने...
मैंने मोदी का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया था क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी – राजदीप सरदेसाई
राजदीप सरदेसाई अभिजात्य वर्ग वाली अपनी कुंठा को छुपाने में एक बार फिर नाकामयाब। उन्होंने कहा कि PM मोदी को जब अंग्रेजी नहीं आती थी तो...
‘क्या यही है रामराज्य’, ‘संघियों ने मारा’ चिल्लाने वाले, ‘कमालुद्दीन के बेटे’ के हत्यारा होने पर बिलबिलाए
इस बात से तो कोई इनकार नहीं कर रहा कि इस केस में बाकी आरोपित का हाथ नहीं था। लेकिन लोग केवल शाहनूर का नाम उजागर कर रहे हैं क्योंकि...
राष्ट्रपति भवन ने सोनिया के लिए बदला प्रोटोकॉल और बदल दी गई NDTV रिपोर्ट: वहीं के पत्रकार की किताब में खुलासा
"मेरी रिपोर्ट देखते ही राजदीप सरदेसाई ने बदलने का निर्देश दिया। और तो और, पीछे खड़े होकर अंत तक देखा कि मैं उनके बताए बदलाव कर रहा हूँ या नहीं।”