Friday, March 29, 2024

विषय

Media Hypocrisy

बिहारी पत्रकारों, नीतीश कुमार की काहिली को डिफेंड कर रहे हो? इसी बाढ़ में डूब क्यों नहीं जाते?

बाढ़ सरकारी महकमे के अफसरों और नेताओं के लिए उत्सव है। ये वो समय है जब राहत पैकेज के रूप में भ्रष्टाचार का पैकेज आता है। आखिर लगभग पंद्रह साल से सत्ता में रही पार्टी इस समस्या का कोई हल ढूँढने में विफल क्यों रही है? अगर कोसी द्वारा अपने पुराने बहाव क्षेत्र में वापस आने वाले साल को छोड़ दिया जाए, तो बाकी के हर साल एक ही समस्या कैसे आ जाती है?

खानदानी सेलेब्स के पाँव पर लोटने वाली मीडिया को कंगना ने दिखाया आइना, इस बेचैनी का कारण क्या?

बॉलीवुड में अच्छा रूतबा रखने वाले सेलेब्स ने मीडिया को न जाने कितनी बार ज़लील किया लेकिन मजाल है कि किसी पत्रकार ने उफ़ तक किया हो! सुदूर पहाड़ी कस्बे से आई एक सेल्फ-मेड महिला ने आइना क्या दिखा दिया, गिरोह के गठन की ज़रूरत आन पड़ी!

‘NDTV के झाँसे में न फँसें’- गोदरेज के असहिष्णुता राग पर Infosys के पूर्व डायरेक्टर की सलाह

"सामजिक अस्थिरता, हेट क्राइम्स, बढ़ती असहिष्णुता, महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार और जाति-धर्म से सम्बंधित हिंसा हमारे देश में अनियंत्रित हो चले हैं। सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए अगर इन्हें नियंत्रित नहीं किया गया तो आर्थिक विकास पर बुरा असर पड़ेगा।"

मुगलों ने हमें अमीर नहीं बनाया DailyO, भ्रामक तथ्यों के लेख लिखकर स्वरा भास्कर को मसाला मत दो

राणा सफ़वी ने अपने लेख में भारत की जीडीपी के आँकड़े दिखा कर मुग़लों को महान साबित करने की कोशिश की है लेकिन उनकी चालाकी पकड़ी गई। हमारे घर में घुस कर हमारे मंदिर तोड़ने वाले मुग़लों की चापलूसी करने वाले कल को जलियाँवाला नरसंहार को भी सही ठहरा सकते हैं।

‘1984 का सिख दंगा RSS का रचा हुआ’ – The Caravan के संपादक का झूठ और लंदन में छीछालेदर

कारवाँ के कार्यकारी सम्पादक विनोद के. होज़े ने लंदन में भारत-विरोधी प्रेज़ेंटेशन दिया। उन्होंने दावा किया कि हिंदुस्तान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि "सैकड़ों ईसाईयों की हत्या हो रही है।" और "1984 का सिख हत्याकांड भी आरएसएस का रचा हुआ था।"

‘जय श्री राम के नारे से माहौल दूषित हुआ’ – इंडिया टुडे की इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर पड़ी लताड़

क्या किसी कार्यक्रम में 'जय श्री राम' का नारा लगने से माहौल दूषित हो जाता है? क्या 'जय श्री राम' बोलना आसपास के वातावरण को बिगाड़ देता है? सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इंडिया टुडे से ऐसे कई सवाल पूछे।

‘जय श्री राम’ कत्ल का नारा! हिन्दूफ़ोबिया से ग्रसित सिर्फ BBC नहीं, Western Media की लम्बी फेहरिस्त

1. हिंदू अपराध करे तो पूरा हिंदुस्तान 'लिंचिस्तान', Pak के मजहब वालों का पाप ढकने के लिए उन्हें 'एशियन' बताना 2. खुले में शौच के लिए हिन्दू धर्म शास्त्र ज़िम्मेदार 3. हिंदुओं पर स्टोरी के लिए मानव-माँस खाते अघोरियों को दिखाना - हिन्दूफ़ोबिया से ग्रसित अंतरराष्ट्रीय मीडिया को समझने के लिए ये तो बस कुछ उदाहरण हैं। इनके कारनामों की लिस्ट बहुत लंबी है।

Fact Check: वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर लगा प्रतिबन्ध? ‘गिरोह विशेष’ के झूठ की खुली पोल

कई पत्रकारों व 'गिरोह विशेष' ने इसे मीडिया पर सरकार द्वारा हमला के रूप में प्रचारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने ऐसा दिखाने की कोशिश की कि सरकार मीडिया से डर गई है और पत्रकारों को मंत्रालय में नहीं घुसने दे रही है। लेकिन, इनके झूठ की पोल खुल गई।

डियर सेकुलरों, जिन्हें बाँधकर गौ माता की जय बुलवाया गया, वे ‘सिर्फ़ 25 लोग’ नहीं… बल्कि गौ तस्कर थे

मीडिया संस्थानों ने भी गौ तस्करी के इस मामले को इस प्रकार पेश किया जैसे गायों को वाहनों के जरिए ले जाने वाले लोग 'निर्दोष पशु व्यापारी' थे, जिन्हें कुछ गौ रक्षकों ने पकड़कर प्रताड़ित किया।

सबा नकवी और ट्रिब्यून वालो, जब से तुम पैदा हुए हिन्दुओं का इतिहास तभी से शुरू नहीं होता

रामायण और राम के नए विशेषज्ञ पैदा हुए हैं, जो झूठ की खेती से उपजे मक्कारी भरे फ़सल को दिखा कर हमें यह बता रहे हैं कि 'श्री' ग़लत है और 'सिया' सही है। अब हिन्दुओं को इनसे सीखना पड़ेगा कि शिव को 'महादेव' कहना है या 'भोलेनाथ'। ग़लत इतिहास बताने वाले ट्रिब्यून के लेख का भंडाफोड़।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe