Saturday, April 20, 2024

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Ram Mandir

मंदिर निर्माण एक धार्मिक घटना ही नहीं, संस्कृति का पुनर्जागरण है

जन्मभूमि से इतनी दिक्कत क्योंकि विदेशियों की फेंकी हुई बोटियों पर पलने वाले कुत्तों की दशकों की मेहनत पर ये एक झटके में पानी फेर देता है।

‘क्यों बताई मुहूर्त की तारीख? क्यों हो रहे शामिल?’ – राम मंदिर भूमि पूजन का मुहूर्त बताने वाले को मौत की धमकी

अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन से ठीक एक दिन पहले इस पूरे कार्यक्रम की एक तरह से नींव रखने वाले पुजारी को मौत की धमकी मिली है।

‘इंशाअल्लाह, न कभी भूलेंगे, न माफ करेंगे’: भूमि पूजन से पहले जामिया वाली लदीदा ने दिखाई नफरत

जामिया में लदीदा के जिहाद के आह्वान के बाद हिंसा भड़की थी। अब उसने भूमि पूजन से पहले हिंदुओं के प्रति नफरत दिखाते हुए पोस्ट किया है।

4-5 अगस्त को घरों में दीप जलाएँ, अखंड रामायण पाठ करें, मंदिर के लिए बलिदान हुए पूर्वजों को याद करें: CM योगी आदित्यनाथ

राम मंदिर भूमिपूजन के ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए CM योगी आदित्यनाथ ने 4-5 अगस्त को घरों में दीप जलाने और अखंड रामायण पाठ की अपील की है।

‘शुभ कार्य पर असुर बाधा पैदा करते हैं, दिग्विजय सिंह वही कर रहे’: कॉन्ग्रेस सांसद ने भूमि पूजन के मुहूर्त को बताया था अशुभ

कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर राम मंदिर भूमि पूजन की तारीख को अशुभ बताते हुए भ्रामित करने की कोशिश की।

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वाले इकबाल अंसारी को भूमि पूजन का पहला कार्ड, कहा- एक समुदाय के नहीं, सबके हैं राम

इकबाल अंसारी के पिता हाशिम बाबरी मस्जिद के मुद्दई थे। उनके इंतकाल के बाद इकबाल ने कानूनी लड़ाई जारी रखी थी।

जानिए, अयोध्या के भव्य राम मंदिर के लिए कैसे किया जा सकता है दान

राम मंदिर दान के लिए ट्रस्ट ने एक वेबसाइट बनाई है। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम से भी दान किया जा सकेगा। पढ़िए डिटेल,

‘राम का अस्तित्व रामायण की वजह से’: कॉन्ग्रेस MP ने ‘राम’ को बताया काल्पनिक, पात्रा ने कहा- यही दावा करके देखिए ‘अल्लाह’ के लिए

अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन करते हुए कॉन्ग्रेस नेता ने जवाब दिया, “रामायण की वजह से राम का अस्तित्व है। हालाँकि, इस निष्कर्ष पर पहुँचना अभी बाकी है कि राम इतिहास या साहित्य की रचना है या नहीं।

‘अयोध्या में भूमि पूजन के दिन बंगाल में पूर्ण लॉकडाउन तृणमूल कॉन्ग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता दर्शाती है’

‘‘यह सच है कि कोविड-19 के कारण कोई बड़ा उत्सव नहीं होगा, लेकिन बुधवार को पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का निर्णय तृणमूल सरकार की सांप्रदायिक मानसिकता को दर्शाता है।”

कारसेवकों का नरसंहार कब, कितने मरे, किसने मरवाया? देश के मीडिया संस्थानों के लेख से सब कुछ गायब

आधी जानकारी ही दबा दी गई है। इसका एक मतलब यह भी है कि मुख्यधारा मीडिया के लिए हिंदुओं की जान का कोई मूल्य ही नहीं है।

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