'हिन्दू टेरर' के कलंक से कलंकित और कॉन्ग्रेस की तुष्टीकरण एवम् साम्प्रदायिक नीतियों का शिकार बनी साध्वी प्रज्ञा के भोपाल से प्रत्याशी बनने, कन्हैया का बेगूसराय से लड़ने और राहुल-स्मृति ईरानी की कड़ी टक्कर इस चुनाव की हेडलाइन बने।
प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान देते हुए महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वो देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। हालाँकि प्रज्ञा ने अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी माँग ली थी।
आशुतोष को जज्बातों में बहता देखरक एंकर ने कहा, “मैं उस सोच की बात कर रहा, जो कत्ल करती है। चाहे वह सोच राजस्थान के शंभू रैगर की हो या दिल्ली में सिखों की हत्या की हो।” इस पर आशुतोष ने कहा, “जिनकी वो सोच है, वो श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1942 में चिट्ठी लिखते हैं, भारत छोड़ो आंदोलन को कुचल दिया जाए।”
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी है कि नेताओं के बयानों को अनुशासन समिति के पास भेजा गया और उन्हें दस दिन दिनों के भीतर जवाब देना है। इस मामले में उन्होंने शुक्रवार (मई 17, 2019) को तीन ट्वीट किए।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की बेंच ने मालेगाँव ब्लास्ट मामले की विशेष जाँच समिति (SIT) से जाँच कराने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। कोर्ट का कहना था वो अपनी इस याचिका को ट्रायल कोर्ट में ही दाखिल करें।
दिग्विजय के पैतृक क्षेत्र में भी आज छठे चरण के तहत मतदान हुआ, लेकिन भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर अपने गाँव में दिग्विजय वोट डालने के लिए नहीं गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर गुस्सा ज़ाहिर करते हुए पूछा कि सबको वोट देने की अपील करने वाले कुछ नेता ख़ुद मतदान क्यों नहीं करते?
यही नहीं इस फिल्म में समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद धमाकों के बाद हुई जाँच को किस तरह से जाँच एजेंसियों ने हिंदू संगठनों की तरफ मोड़ा उसे भी विस्तार से दिखाया गया है।
"उसकी वेशभूषा पर मत जाओ। सिर्फ़ इसलिए कि एक व्यक्ति संत की तरह दिखता है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह व्यक्ति संत ही है। यह मत भूलिए कि जब रावण सीता का अपहरण करने के लिए आया था, तो उसने भी एक संत की तरह कपड़े पहने हुए थे।"
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राज्य में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि नींद की कमी ने पीएम मोदी को मानसिक रोगी बना दिया है। बघेल ने साध्वी प्रज्ञा को चाकूबाज बताते हुए कहा कि वह शुरुआत से आदतन अपराधी और झगड़ालू प्रवृत्ति की रही हैं।
कुछ दिनों से ख़बरें चलाई जा रही थीं कि उमा और प्रज्ञा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और दोनों के बयानों के ग़लत मतलब निकाले जा रहे थे लेकिन आज इन अटकलों पर विराम लग गया। भोपाल से सांसद रहीं उमा ने प्रज्ञा सिंह के पाँव छुए और उन्हें टिका लगाकर खीर भी खिलाई।