उस भूल के लिए अब सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गॉंधी को बख्श दिया है। मोदी ने तो शायद आम चुनावों के नतीजों के बाद ही माफ कर दिया हो। लेकिन, क्या वे कॉन्ग्रेसी और वामपंथी राहुल गाँधी को कभी मन से माफ कर पाएँगे जिनके सपने में वे आज भी शपथ लेते रहते हैं?
"कॉन्ग्रेस पार्टी भले ही दस साल आगे की सोच रखने का दावा करती हो मगर सच्चाई यह है कि इस पार्टी के लोग अगले दस मिनट में क्या कर डालेंगे, इसका किसी को कोई अंदाज़ा नहीं। हकीकत यह है कि आप आने वाले समय में एक वेब सीरीज बना सकते हैं कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी जनता से दूर होती चली गई।"
1996 और 2005 का हरियाणा विधानसभा चुनाव - दोनों बार ओम प्रकाश चौटाला हार गए। दिलचस्प कि दोनों बार चौटाला बतौर मुख्यमंत्री चुनाव लड़ रहे थे। आखिर दोनों उन्हें हराया किसने - रणदीप सुरजेवाला ने। लोग उन्हें जाइंट किलर कहने लगे। लेकिन फिर वो राहुल गाँधी के करीबी हुए और इतिहास गवाह है कि...
"आगामी विधानसभा चुनावों में राहुल गाँधी टिकट वितरण की प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि इस संदर्भ में राज्य के नेताओं के परामर्श से पार्टी ही बेहतर निर्णय ले सकती है।"
बाबा रामदेव ने कहा कि अगर देश का कानून तोड़ेंगे तो चिदंबरम जैसा हाल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून के शिकंजे में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी भी हैं। चिदंबरम के बाद अब जेल जाने का नंबर राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी का है।
“कॉन्ग्रेस ने 370 को हटाने का विरोध किया। आज भी राहुल गाँधी जो बयान देते हैं उसकी पाकिस्तान में तारीफ होती है। उनके बयान को पाकिस्तान अपनी याचिका में शामिल करता है। कॉन्ग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए कि उनके बयान का उपयोग भारत के खिलाफ हो रहा है।”
आम आदमी को रिजर्व बैंक या उसी कार्यशैली का कुछ पता नहीं होता। इसलिए, उसे मूर्ख बनाना आसान होता है कि देखो मोदी रिजर्व बैंक को लूट रहा है। जबकि राहुल गाँधी ये नहीं बता पाएँगे कि 2013-14, 14-15, 15-16 और उसके पहले भी रिजर्व बैंक ने सरप्लस भारत सरकार को दिया या नहीं। दिया तो कितने प्रतिशत दिया।
राहुल गाँधी ने प्रणब मुखर्जी को बधाई देने के लिए यहाँ तक कि एक ट्वीट भी नहीं किया है। हाल ही में एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को मैगसेसे अवॉर्ड मिला था, तब राहुल ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी थी।
पीसी चाको ने शीला दीक्षित को पत्र लिखकर कहा कि पार्टी संगठन का फैसला वो अकेले नहीं कर सकती हैं। इसलिए शुक्रवार (जुलाई 12, 2019) को जो उन्होंने ब्लॉक पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी, उसे महासचिव प्रभारी के तौर पर वे (पीसी चाको) अयोग्य करार देते हैं।
कॉन्ग्रेस ने राहुल गाँधी को 'ग़लत डेटा' उपलब्ध कराने के लिए प्रवीण चक्रवर्ती को दोषी ठहराया था। पार्टी का मानना है कि ग़लत डेटा की वजह से ही उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में हार का सामना करना पड़ा। कॉन्ग्रेस ने संदेह जताया कि प्रवीण चक्रवर्ती मोदी सरकार का गुप्तचर था।