Sunday, May 26, 2024
Homeदेश-समाजबंगाल में 20 साल से नहीं बनी सड़क, 'पगली' ने रोप डाले धान, लहलहाई...

बंगाल में 20 साल से नहीं बनी सड़क, ‘पगली’ ने रोप डाले धान, लहलहाई फसल पर हर कोई हैरान: आखिर पागल कौन – महिला या सरकार?

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 की निर्माणाधीन लेन पर मानसिक तौर से विक्षिप्त एक महिला ने धान की फसल उगा डाला है। ये महिला कौन है और कहाँ से आई है, इसके बारे में किसी को पता नहीं है। हालाँकि, उसकी क्रिएटिव सोच से हर कोई हैरान है।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के निर्माणाधीन लेन पर धान की फसल लहलहा रही है। आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि ये फसल मानसिक तौर से विक्षिप्त एक महिला ने उगाई है। लगभग 50 साल की इस महिला ने यहाँ धान उगा डाला है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदकी खुले आसमान के नीचे रहने वाली ये महिला खुद को पूरी दुनिया की मालकिन कहती है। ये एक तरह से सच भी लगता है, क्योंकि उसके सिर पर छत के तौर पर अनंत नीला आकाश है। घर के तौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के स्वामित्व वाली विशाल भूमि है।

इसी जगह पर ये महिला प्लास्टिक के एक टुकड़े के नीचे रात गुजारती है। यहाँ रहने वाले भी इसका नाम नहीं जानते। स्थानीय लोग इसे ‘पागल’ कहते हैं। पता पूछने पर ये कहती है, “मैं पूरी दुनिया का मालिक हूँ।” हालाँकि, इसके धान की रोपाई को अतिक्रमण का नाम दिया गया।

जिस जगह धान की रोपाई की गई है, वह राष्ट्रीय राजमार्ग 34 दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल को जोड़ने वाली सड़कों में से एक है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की पहल पर सड़क परिवहन मंत्रालय की आवंटित धनराशि से राष्ट्रीय राजमार्ग के दो और लेन के विस्तार का काम कई साल पहले शुरू हुआ था।

इसके लिए जमीन का अधिग्रहण करीब दो दशक पहले किया गया था। अधिग्रहीत भूमि पर काम शुरू किया गया था, लेकिन बीते कुछ वक्त से यहाँ का काम रुका हुआ था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, अब थोड़ी-सी बारिश में इस इलाके में पानी भर जाता है।

मानसून के दौरान यहाँ अच्छा खासा पानी जमा हो जाता था। पानी के उतरते ही इस विक्षिप्त महिला ने यहाँ धान के बीज बो दिए। इस फसल के लिए उसने नेशनल हाईवे के किनारे पड़े गोबर को खाद के तौर पर इस्तेमाल किया है। इसको देखकर राहगीर हँसते थे, लेकिन किसी ने उसे ऐसा करने नहीं रोका।

रोपाई के कुछ दिन बाद वहाँ हरियाली छा गई। सड़क के बीच के एक बड़े इलाके में फैले धान के पौधों को देखकर स्थानीय लोग भी हैरान रह गए। धान के खेत को लेकर ये महिला बेहद संवेदनशील है। वो खुद ही धान की कटाई करती है और किसी को इसे छूने तक नहीं देती है। महिला सुबह से शाम तक अपना वक्त इस मैदान में बिताती है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, “पागल ने उन धान के पौधों पर पक्षियों को भी फटकने नहीं दिया।” उसका आधे से अधिक धान पक चुका है। महिला ने कुछ धान काट लिए हैं और अभी कुछ बाकी है। नेशनल हाईवे पर एक दिव्यांग महिला की कलाकारी देखकर हर कोई हैरान है। पूछने पर वह बुदबुदाती है, “यह दुनिया मेरी है, ज़मीन मेरी है, चावल मेरा है।”

पास में ही मोबाइल दुकान चलाने वाले नूर सलीम कहते है, “ये विक्षिप्त औरत पाँच साल पहले यहाँ आई थी। बहुत पूछने के बावजूद कोई उसका नाम नहीं जान सका। मुझे यह भी नहीं पता कि यह कहाँ से आई है, लेकिन हम सभी उसे प्यार से ‘पगली’ कहकर बुलाते हैं।”

इस सड़क से थोड़ा नीचे एक मस्जिद है। इस औरत को लेकर इसके इमाम मुफ्ती हबीबुर रहमान बताते हैं, “कोई भी सेहतमंद शख्स इस तरह नहीं सोच सकता। इस महिला ने कई लोगों के मुकाबले अधिक परिपक्व बुद्धि दिखाई है। मेरी राय में वह मानसिक रूप से असंतुलित नहीं है। स्थिति, तनाव या किसी बीमारी के कारण उसकी याददाश्त गायब हो गई है।”

विक्षिप्त औरत को लेकर स्थानीय होटल के मालिक रूबेल शेख ने कहा, “जब कोई कुछ देता है तो ये लेती नहीं है। केवल हमारे होटल में दोपहर का भोजन करती है। यह मछली और मांस भी नहीं खाना चाहती। सिर्फ सब्जियाँ खाती है। इसे कोई लालच नहीं। किसी से कोई नाराजगी नहीं है। उसका व्यवहार अलग है।”

इस मामले को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी सुबीर मिश्रा कहते हैं कि सरकार की अधिग्रहित जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण अवैध है। वो ये भी कहते हैं, “लेकिन यह (चावल की खेती) हमारी आँखों के सामने हुई है। मुझे बताएँ कि क्या कहूँ! सच कहूँ तो हम भी प्रभावित हैं। यह ऐसा है, जैसे हम भ्रम में पड़ गए हैं।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सेलिब्रिटियों का ‘तलाक’ बिगाड़े न समाज के हालात… इन्फ्लुएंस होने से पहले भारतीयों को सोचने की क्यों है जरूरत

सेलिब्रिटियों के तलाकों पर होती चर्चा बताती है कि हमारे समाज पर ऐसी खबरों का असर हो रहा है और लोग इन फैसलों से इन्फ्लुएंस होकर अपनी जिंदगी भी उनसे जोड़ने लगे हैं।

35 साल बाद कश्मीर के अनंतनाग में टूटा वोटिंग का रिकॉर्ड: जानें कितने मतदाताओं ने आकर डाले वोट, 58 सीटों का भी ब्यौरा

छठे चरण में बंगाल में सबसे अधिक, जबकि जम्मू कश्मीर में सबसे कम मतदान का प्रतिशत रहा, लेकिन अनंतनाग में पिछले 35 साल का रिकॉर्ड टूटा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -