पूरण कौर हरियाणा की रहने वाली महिला हैं। गरीब हैं। पति भी मेहनत-मजदूरी करने वाले हैं। लेकिन आमदनी इतनी ही कि घर चल जाता है किसी तरह से। सीमित आय के इस परिवार में किसी को सर्जरी/ऑपरेशन की जरूरत पड़ जाए तो सोचिए कहाँ जाएगा परिवार! पूरण कौर के साथ भी ऐसा ही हुआ। लेकिन उन्हें दिक्कत नहीं हुई। कारण है ‘आयुष्मान भारत योजना’।
‘आयुष्मान भारत योजना’ की वजह से ही पूरण कौर आज ढंग से देख पा रही हैं। वो भी बिना किसी ख़र्चे के। आइए जानते हैं उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी।
#AyushmanBharat योजना के कारण हरियाणा की पूरण कौर अपनी आंखों से दोबारा देख पा रही हैं इस खूबसूरत दुनिया को।मेहनत-मजदूरी करने वाले पति भजन सिंह ने कहा कांग्रेस व दूसरी पार्टियां सिर्फ बड़े-बड़े वायदे करती हैं, @BJP4India ही करती है लोगों की सहायता। @narendramodi @PMOIndia #PMJAY pic.twitter.com/et1DsgLfGA
— Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) February 7, 2019
वीडियो में आप सुन सकते हैं कि कैसे एक परिवार अपनी आपबीती बता रहा है। वो बता रहा है कि कैसे ‘आयुष्मान भारत योजना’ से उसकी जिंदगी बदल गई। वीडियो से यह भी स्पष्ट है कि आम आदमी को दलगत राजनीति से कोई मतलब नहीं है। और यह भी कि कैसे मोदी सरकार की योजनाओं से आम आदमी को लाभ हुआ है जबकि कॉन्ग्रेस ने वादों के अलावा कुछ नहीं किया।
अब कहानी सीमा की। यह बिहार से हैं। प्रेगनेंसी में दर्द से कराह रही सीमा को गहने बेचने की नौबत आ गई थी क्योंकि पति के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। यहाँ भी ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने अपना काम किया। सीमा का मुफ़्त में इलाज़ हुआ और उसने एक नया जीवन दिया।
अगर गरीब या मध्यम वर्ग के परिवार में बीमारी आ जाए, तो पूरी आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है। बिहार की सीमा पाठक के सामने भी डिलीवरी कराने के वक्त गहने बेचने की नौबत आई तो #AyushmanBharat योजना ही बनी सहारा। अब 2019 में @narendramodi जी के लिए घर-घर जाकर मांगेंगी वोट। @PMOIndia #PMJAY pic.twitter.com/JUGRCMKlmo
— Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) February 7, 2019
यह दोनों उदाहरण उस प्रचलित कहावत के मिथक को तोड़ता है कि केंद्र से चला एक रुपया गरीब तक पहुँचते-पहुँचते 10 पैसा रह जाता है। आम आदमी के हितों और उसके कल्याण के लिए चलाई जा रही ‘आयुष्मान भारत’ जैसी केंद्रीय योजनाएँ न सिर्फ चलाई जा रही है, बल्कि आम आदमी तक पहुँचाई भी जा रही है।