राँची के हिंदपीढ़ी से कोरोना संदिग्धों को लाने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला किया गया। लोगों ने एंबुलेंस में भी तोड़-फोड़ की। स्थानीय लोगों को समझाने गए डीसी और एसपी को भी बैरंग लौटना पड़ा।
दरअसल सोमवार (अप्रैल 13, 2020) को हिंदपीढ़ी के तीन और लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। उन्हीं लोगों के संपर्क में आए लोगों को लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम हिंदपीढ़ी गई थी। जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया।
विरोध इतना बढ़ गया कि लोगों ने देखते ही देखते कोरोना संदिग्धों को लाने गई चार एंबुलेंस और उसकी सुरक्षा में कई पीसीआर वैन और स्वास्थ्य कर्मियों पर ईंट-पत्थरों से हमला करना शुरू कर दिया। एक एंबुलेंस को तोड़ दिया गया। हिंदपीढ़ी के लोगों का आक्रामक रूप देख कर एंबुलेंस ड्राइवर अनिल और भेंगरा ने थाने में जाकर अपनी जान बचाई। वहीं, पुलिस बल को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े।
जानकारी के मुताबिक इस घटना को हिंदपीढ़ी के कुर्बान चौक के पास अंजाम दिया गया। वहँ के लोगों ने लाइट बुझाकर कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुँचाने के लिए गई टीम पर हमला बोला। स्थानीय लोगों का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग की टीम रात के वक्त संदिग्ध को ले जाने क्यों आई है। इसके लिए कोई वक्त निर्धारित होना चाहिए। हिंदपीढ़ी में रात भर माहौल तनावपूर्ण रहा। घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी गई है।
इस घटना को लेकर राँची के सिविल सर्जन वीबी प्रसाद का कहना है कि राज्य में 13 अप्रैल को 5 नए कोरोना संक्रमित मिले थे, जिसमें से 3 हिंदपीढ़ी इलाके के थे। इस बात का पताल चलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रशासन की सुरक्षा में हिंदपीढ़ी गई थी, जहाँ असामाजिक तत्वों ने उन पर हमला बोल दिया, जिसमें एक एंबुलेंस को भी क्षति पहुँची है। उन्होंने आगे बताया कि 3 पॉजिटिव लोगों में से एक ही फिलहाल अस्पताल पहुँच सका है। जबकि 2 अभी भी हिंदपीढ़ी में ही है। 14 अप्रैल की सुबह दोनों पॉजिटिव मरीजो और जो लोग इनके संपर्क में आए हैं, उन्हें हॉस्पिटल और आइसोलेशन वार्ड में भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी राँची के हिंदपीढ़ी इलाके में स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर हमला किया जा चुका है। पिछले दिनों राँची में मलेशिया की एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। जिस घर से महिला मिली, उसके आसपास के घरों में रहने वालों के स्वास्थ्य की जाँच के लिए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम को वहाँ भेजा। टीम जैसै ही लोगों की जाँच करने पहुँची तो स्थानीय लोगों ने इनका विरोध किया। उन पर हमला करना शुरू कर दिया। उस समय भी स्वास्थ्य टीम को बैरंग ही लौटना पड़ा था। कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते पिछले तीन दिनों से पूरे हिंदपीढ़ी को सील कर दिया गया है।