वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञ डॉक्टर ली मेंग यान ने हॉन्कॉन्ग छोड़ दिया है। वे हॉन्गकॉन्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में कार्यरत थीं। WHO से सम्बद्ध लैब की को-डायरेक्टर ली मेंग यान ने चीन के डर से यह कदम उठाया है। उन्होंने कोरोना से जुड़े खुलासे को लेकर अपनी जान को खतरा बताया है।
यान ने आरोप लगाया था कि चीन को कोरोना वायरस संक्रमण और उससे उपजने वाले खतरों के बारे में पहले से पता था। ‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन’ के एडवाइजर प्रोफेसर मलिक पेरिस के पास भी इसकी जानकारी होने और कुछ नहीं करने की बात भी उन्होंने कही थी।
यान का कहना है कि चीन ने दुनिया को जब कोरोना के बारे में बताया, उससे काफ़ी पहले उसे इसके बारे में सब कुछ पता था। उन्होंने बताया था कि कोरोना पर उन्होंने जो शुरूआती रिसर्च किया था, उसे उनके आला अधिकारियों ने नज़रअंदाज़ कियाए वरना कई ज़िंदगियाँ बच सकती थीं।
हालाँकि, चीन दावा करता रहा है कि उसने वैश्विक समुदाय से समय पर सारी जानकारियाँ शेयर की। ली मेंग यान दुनिया की उन डॉक्टरों में से हैं, जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस का अध्ययन किया था। उन्हें दिसंबर 2019 में इस ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन वाले वायरस के बारे में कुछ साथियों ने बताया था।
Hong Kong Dr Li Meng Yan claims that this man, Professor Malik Peoria, knew of the dangers COVID19 presented yet said nothing. pic.twitter.com/HaEEhq6XaR
— KAG IN ’20 (@FrancoLexing1) July 10, 2020
9 जनवरी 2020 को WHO ने अपने बयान में कोरोना वायरस के मानवीय ट्रांसमिशन की बात नकार दी थी। साथ ही उसने ये भी कहा था कि इस वायरस के बारे में फिलहाल सीमित सूचनाएँ ही उपलब्ध हैं, जिससे इसके खतरे और इससे निपटने के तौर-तरीकों का अभी तक अंदाज नहीं लग सका है।
यान ने कहा, ‘मेरे सुपरवाइजर्स फील्ड के कुछ टॉप एक्सपर्ट्स हैं, जो रिसर्च में महामारी के शुरुआत में कर रही थीं, उन्होंने भी इसे नजरअंदाज किया, जिससे कई जानें बच सकती थीं।’ उनका आरोप है कि अचानक से सारे डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के बारे में बात करना ही बंद कर दिया था, जो शक पैदा करता है।
लगभग 6 महीने पहले WHO चीफ डॉ. टेड्रोस ऐडनम ने दावा किया था कि संस्था को चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण आपदा के बारे में बताया था। चीन में इस वायरस को लेकर आवाज उठाने वाले लोग या तो रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए या मार डाले गए।
इस बात का खुलासा न्यूजवीक की रिपोर्ट के जरिए भी हुआ था। इस रिपोर्ट का नाम ‘UN-China: WHO Mindful But Not Beholden to China’ है। दो CIA ऑफिशियल ने इस रिपोर्ट को कन्फर्म किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी (US) खुफिया एजेंसी CIA के पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि चीन के दबाव की वजह से ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने वक़्त रहते दुनिया के देशों के लिए कोरोना वायरस की चेतावनी जारी नहीं की।