IAS अधिकारी सोमेश उपाध्याय ने शताब्दियों तक भारत पर राज करने वाले इस्लामी अक्रांताओं को लेकर ट्विटर पर टिप्पणी की। इससे भन्नाया लिबरल और इस्लामी गैंग उन पर टूट पड़ा।
उपाध्याय ने ट्वीट किया कि जब ऑक्सफोर्ड की स्थापना हुई थी तब हमारे सुल्तान मकबरा बनाने में लगे थे। लेकिन इस्लामी कट्टरपंथियों और लिबरल्स को यह सच हजम नहीं हुआ।
Oxford University was established around the time when Sultans out here were busy investing in their own Tombs.
— Somesh Upadhyay, IAS (@Somesh_IAS) July 20, 2020
It is all about the choices we make..
माहिर अब्बास ने लिखा, “सुल्तानों और मुग़लों ने देश में तमाम मदरसे बनवाए थे, जिनसे उस वक्त के बेहद शिक्षित और बुद्धिजीवी लोग निकले थे।” लेकिन अब्बास यह लिखना भूल गया कि इन्हीं सुल्तानों ने दुनिया के सबसे बड़े और प्राचीन शैक्षणिक केंद्र ‘नालंदा’ को ध्वस्त कर दिए थे। आज की तारीख में उसी मदरसे से इस्लामी आतंकवादी निकलते हैं।
Oxford University was established around the time when Sultans out here were busy investing in their own Tombs.
— Somesh Upadhyay, IAS (@Somesh_IAS) July 20, 2020
It is all about the choices we make..
टीए रिज़वी ने ट्वीट का कहा कि सुल्तानों ने ताजमहल, लाल किला और क़ुतुब मीनार भी बनवाए।
Oxford University was established around the time when Sultans out here were busy investing in their own Tombs.
— Somesh Upadhyay, IAS (@Somesh_IAS) July 20, 2020
It is all about the choices we make..
एक इस्लामी कट्टरपंथी ने कॉन्ग्रेस को सुल्तान बता दिया।
Oxford University was established around the time when Sultans out here were busy investing in their own Tombs.
— Somesh Upadhyay, IAS (@Somesh_IAS) July 20, 2020
It is all about the choices we make..
कुछ लिबरल्स ने यहाँ तक कह दिया कि इस आलोचना के बाद सोमेश उपाध्याय की पदोन्नति पक्की है।
Promotion assured https://t.co/nO7lMBZK4B
— Madhavan Narayanan (@madversity) July 22, 2020
कुछ सोमेश उपाध्याय पर जातिगत टिपण्णी करने से भी बाज नहीं आए।
Dear @Naveen_Odisha ji!
— Ashok Swain (@ashoswai) July 22, 2020
Please don’t allow your this Brahmin officer from Bihar to engage in anti-muslim propaganda. It neither reflects well on you nor Odisha. He also criticizes India’s PM who is busy in building statues & temples while Indians are starving & dying. https://t.co/zJsCOdhfP3
एक व्यक्ति ने उनके ‘ब्राह्मण होने’ पर ही आलोचना शुरू कर दी।
Oxford University was established when Brahmin Upadhyays were busy inflicting atrocities on Dalits & taking away their right to education.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) July 22, 2020
It’s all about entrenched bigotry which continues even today in India’s civil services.. https://t.co/oiNgicbZGf
Somesh really thought he said something here, didn’t he? Guess all that famed Brahmin intelligence is hyped up bullshit. https://t.co/nBM8Mn5EmV
— albert chomu (@BucketheadCase) July 22, 2020
एक स्वघोषित इतिहासकार ट्विटर पर ही सोमेश को इतिहास का पाठ पढ़ाने लगीं।
When Oxford University was started in 11th/12th century there were no Sultans in India so maybe cremation ghat would be more likely.
— Rana Safvi رعنا राना (@iamrana) July 22, 2020
And once they came the madrasa at Qutub complex and Hauz Khas were comparable to the best in the world.
(Madrasa means college by the way) https://t.co/KQ28r24lHM
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय की स्थापना भले उस वक्त न हुई हो जब भारत पर मुग़ल शासकों का राज था। लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि मुग़ल शासक भारत को लूटने में ज़रूर व्यस्त थे। महमूद गज़नवी ने 1024 AD में पहली बार भारत पर हमला किया और सोमनाथ मंदिर को लूटा। इसके ठीक पाँच साल बाद ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। इसके बाद 1175 एडी में महमूद गोरी ने भारत पर हमला किया था।
इसके बाद स्वघोषित इतिहासकार ने क़ुतुब परिसर में बने मदरसे का ज़िक्र किया। जबकि यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में इस बात का उल्लेख है कि 20 ब्राह्मण मंदिरों से निकले सामान की मदद से 2 मंदिर बनाए गए थे। हालांकि इसे कुछ इस तरह कहना ज्यादा बेहतर होगा ‘हिन्दू मंदिरों को तोड़ कर।’
ब्रिटिश पुस्तकालय के अनुसार दक्षिणी दिल्ली स्थित क़ुतुब परिसर की शुरुआत कुतुब-उद्दीन-एबक ने कराई थी। जिसे दिल्ली का पहला सुल्तान कहा जाता था। पहले यह राय पिथौड़ा मंदिर की जगह थी जिसे 27 हिन्दू और जैन मंदिर के अवशेषों से बनाया गया था। वहाँ की मस्जिद पर हिन्दू सभ्यता से जुड़ी कई तरह की नक्काशी और नमूने मिल जाते हैं। इससे यह बात साफ़ होती है कि उसका निर्माण मंदिर के अवशेषों से ही हुआ था और उसके ऊपर अरबी भाषा में क़ुरान से जुड़ी चीज़ें लिख दी गईं।
इतना कुछ होने के बाद सोमेश उपाध्याय ने एक बार फिर ट्वीट किया। तंज कसते हुए कहा वही लिबरल और बुद्धिजीवी जो खुद को अभिव्यक्ति की आज़ादी का पुरोधा कहते नहीं थकते, कितनी दमदारी से अपने अधिकार का सदुपयोग कर रहे हैं।