Wednesday, May 1, 2024
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‘गलवान में भारत-चीन के बीच टकराव’: सेना ने ‘द हिंदू’ को पढ़ाया पत्रकारिता का पाठ

सेना ने कहा, ''लेख उन स्रोतों से प्रेरित प्रतीत होता है जो पूर्वी लद्दाख में मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए चल रही प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं।''

अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द हिंदू’ में रविवार (23 मई 2021) को प्रकाशित “गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मामूली टकराव” शीर्षक से छापे गए लेख पर भारतीय सेना ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सेना ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कहा कि मई 2021 के पहले सप्ताह में पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ऐसी कोई ‘मामूली टकराव’ नहीं हुआ है।

सेना ने द हिंदू के आर्टिकल को लेकर कहा, ”यह स्पष्ट किया जाता है कि मई 2021 के पहले सप्ताह में पूर्वी लद्दाख में #गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ऐसी कोई मामूली झड़प नहीं हुई है।”

‘द हिंदू’ के लेख पर सेना नाराज, दी नसीहत

सेना ने ‘द हिंदू’ के आर्टिकल पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह लेख जिस सोर्स के जरिए लिखा गया है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि वे पूर्वी लद्दाख में विवादित मुद्दों के समाधान के लिए चल रही कोशिशों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। सेना ने कहा, ”लेख उन स्रोतों से प्रेरित प्रतीत होता है जो पूर्वी लद्दाख में मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए चल रही प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं।”

इसके साथ ही आर्मी ने मीडिया के लोगों से भी अनुरोध किया है कि अगर वे भारतीय सेना के बारे में कुछ लिख रहे हैं तो सेना के ही अधिकृत सोर्स के जरिए स्थितियों को स्पष्ट करें, न कि किसी तीसरे पक्ष से मिले गैर प्रमाणित इनपुट के आधार पर खबर बनाएँ। सेना ने कहा, ”मीडिया पेशेवरों से अनुरोध किया जाता है कि वे भारतीय सेना से जुड़ी घटनाओं पर वास्तविक संकोस्करण/स्थिति को वे भारतीय सेना के अधिकृत स्रोतों से ही स्पष्ट करें न कि तीसरे पक्ष से अप्रमाणित इनपुट पर रिपोर्ट को आधार बनाकर।”

क्या लिखा था द हिंदू ने

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने रविवार (23 मई 2021) को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से आर्टिकल छापा था कि इसी साल (2021) मई के पहले सप्ताह में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी स्थित नो-पेट्रोलिंग जोन में भारतीय और चीनी सैनिकों आमना-सामना हुआ था। हालाँकि, दोनों पक्ष जल्दी ही अलग हो गए थे।

‘द हिंदू’ के मुताबिक अधिकारी ने उसे जानकारी दी, “पिछले साल नो-पेट्रोलिंग जोन बनाए जाने के बाद, दोनों पक्ष कभी-कभी इसकी जाँच करते हैं कि क्या दूसरे पक्ष ने सीमा पार की है। गश्ती दल अलग-अलग समय पर भेजे जाते हैं। एक दिन भारतीय और चीनी गश्ती दल एक साथ ही एक स्थान पर पहुँचे। उस दौरान दोनों के बीच मामूली टकराव हुआ, लेकिन वे जल्दी ही वापस लौट गए।”

बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई, 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की रात को हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि कई चीनी सैनिकों की भी मौत हो गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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