Monday, November 25, 2024
HomeराजनीतिUP के हाथरस को लेकर बंगाल में निकाला मार्च, नादिया गैंगरेप में ढूँढा 'अफेयर'...

UP के हाथरस को लेकर बंगाल में निकाला मार्च, नादिया गैंगरेप में ढूँढा ‘अफेयर’ का एंगल: रेप पर ममता बनर्जी का ये कैसा भेद

पीड़िता के चरित्र पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जो सवाल खड़े किए गए हैं उनसे आहत होकर निर्भया की माँ ने कहा कि अगर सीएम ने ये सारी बातें कहीं हैं तो ये उनके पद के अनुरूप नहीं हैं। वहीं पीड़िता के पिता ने पूछा है कि आखिर ममता बनर्जी ऐसे सवाल कैसे कर सकती हैं।

पश्चिम बंगाल के नादिया में एक त़णमूल कॉन्ग्रेस नेता के बेटे की बर्थडे पार्टी में 14 साल की बच्ची का रेप होना, बाद में उसकी मृत्यु होना और बिन अटॉप्सी उसका देह संस्कार हो जाना…एक ऐसा मामला है जिसने सबके कान खड़े कर दिए हैं।

पीड़िता के परिवार का साफ कहना है कि उनके ऊपर टीएमसी नेता ने अंतिम संस्कार के लिए दबाव बनाया। पुलिस ने भी इस केस में टीएमसी नेता के बेटे को मुख्य आरोपित के तौर पर पकड़ा है। लेकिन बावजूद पूरे घटनाक्रम के प्रदेश की मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर बयान दिया तो क्या- “आपको कैसे पता कि उसका रेप हुआ, क्या वो प्रेग्नेंट थी, या लव अफेयर का मामला था या फिर वह बीमार थी।”

ममता बनर्जी का ये बयान कितना संवेदनहीन इसे बताने की जरूरत नहीं है। वो बच्ची नौंवी क्लास में थी और नाबालिग थी, फिर भी प्रदेश सीएम को लगता है कि इस मामले में निंदा मात्र करने से पहले ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कहीं उसका लव अफेयर तो नहीं था। क्या यदि लव अफेयर था भी, तो भी लड़की के साथ हुए रेप और उसकी मौत को जस्टिफाई किया जा सकता है?

CM ममता बनर्जी ने ये पूछा भी कैसे: पीड़िता के पिता

अब ममता बनर्जी के इसी बयान की आलोचना जगह-जगह है। बच्ची के पिता का सोचिए क्या हाल हुआ होगा जो न्याय की उम्मीद प्रशासन से लगाए बैठे हैं और उन्हें पूछा ये जा रहा है कि कहीं उनकी 14 साल की बच्ची प्रेगनेंट तो नहीं थी। पिता ने ये सवाल सुन आहत मन से पूछा है, “आखिर मुख्यमंत्री कैसे इस तरह की बातें पूछ सकती हैं कि मेरी बच्ची प्रेगनेंट थी। मैं न्याय चाहता हूँ और ये चाहता हूँ कि जो लोग भी इस अपराध में शामिल हैं उन्हें सजा मिले।” परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें टीएमसी नेता के दबाव में आकर बिन ऑटोप्सी कराए बच्ची का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

‘अगर रेप पीड़िता के लिए बोला है…तो ममता बनर्जी उस पद के नहीं है काबिल’

दिल्ली की निर्भया की माँ ने भी पश्चिम बंगाल की सीएम के बयान पर दुख जाहिर किया है। अपनी बेटी को 2012 में खो चुकीं निर्भया की माँ जानती हैं कि एक रेप पीड़िता का दर्द या उसके माता पिता का दर्द क्या होता है। ऐसे में जब उन्होंने ममता बनर्जी का बयान सुना तो वो हैरान रह गईं। उन्होंने कहा, “एक महिला होने के नाते अगर वह इस तरह की टिप्पणी कर रही हैं तो वह उस पद के काबिल नहीं हैं जिस पर वह बैठी हैं।”

‘ममता बनर्जी को मुँह फिनाइल से धोना चाहिए’ : भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी

इसी तरह अन्य लोग भी हैरानी जता रहे हैं। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने तो पीड़िता के लिए ऐसी बयानबाजी सुन ममता बनर्जी को उनका मुँह फिनाइल से धोने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है, “ममता बनर्जी को अपना मुँह ब्लीचिंग पाउडर और फिनाइल से धोना चाहिए…ऐसे घटिया शब्दों की उम्मीद एक सीएम से नहीं होती।”

पीड़िता के पिता, निर्भया की माँ और भाजपा नेता की तरह सबका यही पूछना है कि महिला होने के नाते और एक राज्य की सीएम होने के बाद ये बाद बनर्जी के मुख से ये सब निकला तो कैसे निकला।

हाथरस रेप केस में ममता बनर्जी ने उठाए थे सवाल

लोगों के सवाल हैं कि जो महिला हाथरस पीड़िता के लिए बंगाल में मार्च निकाल रही थीं वो अब अपने ही राज्य में एक पीड़ित माँ-बाप का विश्वास क्यों नहीं कर पा रहीं। स्थिति लगभग एक ही तरह की तो है। वहाँ हाथरस में भी पीड़ित परिवार अपने लिए न्याय माँग रहा था और यहाँ नादिया गैंगरेप केस की पीड़िता के पिता भी अपनी मृत बेटी के लिए इंसाफ माँग रहे हैं। फिर सवाल ये है कि प्रतिक्रिया देने में ममता बनर्जी का ऐसा दोहरा रवैया क्यों?

क्या रेप पीड़िता के लिए संवेदनाएँ इस आधार पर उमड़ती हैं कि यूपी में भाजपा सरकार है तो वहाँ हुए हाथरस पीड़िता के लिए अपना समर्थन देना है और अगर रेप पीड़िता टीएमसी शासित बंगाल की है तो उसके चरित्र पर प्रश्नचिह्न लगाना है।

पीड़ित परिवार के लोग खुलकर टीएमसी नेता समर गोला का नाम लेकर कह रहे है कि उनके दबाव में बच्ची का देह संस्कार करना पड़ा लेकिन उनके विरुद्ध कार्रवाई कोई नहीं। समर गोला के बेटे ब्रज गोला और उसके साथी प्रभाकर पोद्दार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है क्योंकि वे इस मामले में मुख्य दोषी हैं।

मामले की जाँच अब भी चल रही है। पीड़ित परिवार के दावों की भी जाँच हो रही है और अन्य पक्ष भी जाँचे जा रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के बयान से अगर लोग हैरान हैं तो सिर्फ इसलिए क्योंकि सीएम ने अपने सवाल से उस बच्ची के चरित्र पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है जो अब इस दुनिया में ही नहीं है और जिसके माता-पिता अपनी बेटी के साथ हुए रेप का इल्जाम ममता बनर्जी की ही पार्टी के नेता के बेटे पर लगा रहे हैं।

अंत में ममता बनर्जी ने 11 अप्रैल 2022 को मिलन मेला के कार्यक्रम में पीड़िता के लिए क्या कहा उसे पूरा पढ़ लीजिए। ममता बनर्जी कहती हैं,

“एक सामान्य इंसान की तरह मैं ये कहती हूँ कि आखिर ये सबूत कैसे मिलेगा कि बच्ची का बलात्कार हुआ या वो प्रेगनेंट थी या वजह कोई और थी… जैसे किसी ने उसे पीटा या किसी बीमारी से वह मर गई। प्रेम प्रसंग तो पक्का था। उसका परिवार जानता था और पड़ोसी भी जानते थे। अब अगर एक लड़का और लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं तो मैं उन्हें सजा कैसे दे दूँ… ये उत्तर प्रदेश नहीं हैं। मैं लव जिहाद के नाम पर वैसा यहाँ नहीं कर सकती”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

संभल में घरों से निकले हथियार, छतों से पत्थरबाजी करने वाली औरतें भी गिरफ्तार: 2 मृतकों के शरीर में मिली वो गोलियाँ जो पुलिस...

संभल में मुस्लिम भीड़ की हिंसा में कुल 28 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिसमें DSP और SP के PRO भी शामिल हैं। एक कांस्टेबल के सिर में गंभीर चोट है।

60% मुस्लिम, कॉन्ग्रेस के हुसैन परिवार का दबदबा… कुंदरकी जैसी ही है सामागुरी में BJP की जीत भी: असम-मेघालय में NDA का क्लीन स्वीप

असम की सामागुरी सीट पर बीजेपी को मिली जीत खास चर्चा का विषय रही। यह सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र में आती है और इसे कॉन्ग्रेस का गढ़ माना जाता था।
- विज्ञापन -