Saturday, December 21, 2024
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‘राष्ट्र धर्म के लिए किसी भी हद तक जाऊँगा’: ऑपइंडिया से बोले कश्मीर फाइल्स के प्रोड्यूसर, आमिर खान के ‘लाल सिंह चड्ढा’ से टकराएगी अगली फिल्म

ऐसी कुछ घटनाएँ हुई हैं, जहाँ बॉलीवुड फिल्मों ने हमारी संस्कृति को नीचा दिखाया और जनता की संवेदनाओं को आहत किया। ये सही समय है जब फिल्म निर्माताओं को एहसास होना चाहिए कि लोग अब जागरूक हो गए हैं और उन्हें हमारी संस्कृति और आस्था के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा। हर चीज को बेचने वाला मनोभाव अब नहीं चलेगा।

आपने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखी है और इसे पसंद किया है तो इसमें पैसा लगाने वाले व्यक्ति का नाम भी जान लीजिए उनका नाम है अभिषेक अग्रवाल, जिन्होंने विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म को प्रोड्यूस किया। 41 वर्षीय अभिषेक अग्रवाल निखिल सिद्धार्थ की फिल्म ‘कार्तिकेय 2‘ और रवि तेजा की पैन-इंडिया फिल्म ‘टाइगर नागेश्वर राव’ लेकर भी आ रहे हैं। स्वभाव से विनम्र और जमीन से जुड़े अभिषेक अग्रवाल ने विभिन्न विषयों पर ऑपइंडिया से बातचीत की, जिसे हम आपके समक्ष पेश कर रहे हैं।

‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘कार्तिकेय 2’ के निर्माता अभिषेक अग्रवाल का इंटरव्यू

सवाल: एक फिल्म निर्माता के रूप में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की सफलता के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आए? क्या आप अपने अनुभव साझा करेंगे?

जवाब: एक निर्माता से भी अधिक, एक व्यक्ति के रूप में ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने मुझे अत्यधिक संतुष्टि दी। हर रात में इसी ख़ुशी में बिस्तर पर जाता हूँ कि मैंने अपने कश्मीरी भाइयों की सच्चाई और व्यथा को दिखा कर इस देश और समाज के लिए कुछ किया है। अब पूरा भारत ही मेरा परिवार है। मैं हर उस चीज का समर्थन करूँगा, जो हमारे राष्ट्र के लिए अच्छा होगा। मैं अपने देश, धर्म और संस्कृति के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूँ।

सवाल: आप विवेक अग्निहोत्री के साथ मिल कर ‘द दिल्ली फाइल्स’ का निर्माण भी कर रहे हैं। ये फिल्म किस बारे में है और ये ‘द कश्मीर फाइल्स’ से किस तरह अलग है?

जवाब: ‘द दिल्ली फाइल्स’ के बारे में अभी कुछ भी बात करना काफी जल्दबाजी होगी।

सवाल: ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बनाने से लेकर अब तक विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी के साथ आपके कैसे सम्बन्ध हैं? उनके बारे में आपको क्या पसंद है?

जवाब: मैंने विवेक अग्निहोत्री से संपर्क किया और उन्होंने जीवन को बदल कर रख देने वाली इस यात्रा में सहभागी बनाते हुए मुझमें अत्यधिक विश्वास दिखाया। ये यात्रा कठिन थी, लेकिन विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी का इस दौरान लगातार सपोर्ट मिला। कश्मीर के दिल दहला देने वाले इतिहास को दिखाने में इन्होंने जो ईमानदारी दिखाई, वो प्रेरक और सराहनीय है। दोनों राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हैं और उन्हें जानना, उनके साथ मिल कर काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अब वो मेरे परिवार की तरह हैं।

सवाल: अब आपकी अगली फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ पर आते हैं। इस फिल्म का निर्माण करने के पीछे क्या कारण थे? आपको इस फिल्म के बारे में क्या अच्छा लगा, जिससे आपने इसमें रुपए लगाने का निर्णय लिया?

जवाब: अक्टूबर 2014 में आई ‘कार्तिकेय’ एक सफल फिल्म थी। जब फिल्म के निर्देशक चंदू मोंडेति मेरे पास ‘कार्तिकेय 2’ की स्क्रिप्ट लेकर आए, तो मैं इस फिल्म के स्वरूप के कारण इससे जुड़ना चाहता था। फिल्म ये मेरे ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक बन गया। इस फिल्म में काफी रोमांचक दृश्य हैं, जिसे सभी लोग पसंद करेंगे। ये फिल्म भगवान श्रीकृष्ण और उनकी महानता पर आधारित है। मैं ‘कार्तिकेय 2’ को लेकर हिंदी दर्शकों के पास भी जा रहा हूँ और मुझे विश्वास है कि इसके रोचक विषय के कारण वो इसे पसंद करेंगे।

सवाल: ‘कार्तिकेय 2’ द्वारका और भगवान श्रीकृष्ण के रहस्यों पर आधारित फिल्म है। क्या आपको नहीं लगता कि हमरी संस्कृति और धरोहरों पर कई फ़िल्में बनाई जा सकती थीं। बॉलीवुड ने हमारे वास्तविक इतिहास को नज़रअंदाज़ किया।आप इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?

जवाब: जैसा कि मैंने कहा, ‘कार्तिकेय 2’ मेरे ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है। हमने इसका निर्माण एक बड़े स्तर पर किया है। हमारा देश और हमारा सनातन धर्म समृद्ध संस्कृति, धरोहरों, इतिहास और कथाओं का संगम है। ‘कार्तिकेय 2’ भगवान श्रीकृष्ण के रहस्यों और उस द्वारका नगर पर आधारित है, जो आज अरब सागर में डूबा हुआ है। हमारी संस्कृति से कहानियों को कहने के लिए काफी रिसर्च की आवश्यकता होती है और तथ्यों और आस्था के साथ छेड़छाड़ किए बिना इसे कहने की ज़रूरत होती है। ये कठिन है और इसीलिए इस रास्ते पर कोई नहीं चलता। बॉलीवुड ने ऐसी कहानियों को दिखाने से परहेज किया और अब जब परिदृश्य धीरे-धीरे बदल रहा है, हमारी संस्कृति और विरासतों पर आधारित अन्य कहानियाँ भी देखने को मिल सकती हैं।

सवाल: हाल ही में ‘कार्तिकेय 2’ के मुख्य अभिनेता निखिल सिद्धार्थ ने कहा कि हाल की कुछ बॉलीवुड फिल्मों ने हमारी संस्कृति को नीचा दिखाया। क्या आप उनसे सहमत हैं? लोग बॉलीवुड के हिन्दू विरोधी प्रोपेगंडा से गुस्से में हैं। आपका इस विषय में क्या सोचना है?

जवाब: ऐसी कुछ घटनाएँ हुई हैं, जहाँ बॉलीवुड फिल्मों ने हमारी संस्कृति को नीचा दिखाया और जनता की संवेदनाओं को आहत किया। ये सही समय है जब फिल्म निर्माताओं को एहसास होना चाहिए कि लोग अब जागरूक हो गए हैं और उन्हें हमारी संस्कृति और आस्था के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा। हर चीज को बेचने वाला मनोभाव अब नहीं चलेगा।

सवाल: आप ‘मास महाराजा’ के नाम से जाने जाने वाले रवि तेजा की ‘टाइगर नागेश्वर राव’ नाम की एक बहुत बड़ी फिल्म का निर्माण भी कर रहे हैं। क्या आपको लगता है कि उनके पास क्षमता है कि वो प्रभाष और यश जैसे अभिनेताओं की तरह पैन-इंडिया स्टार बनें?

जवाब: रवि तेजा एक ऐसे अभिनेता हैं, जिन्हें तेलुगू का हर दर्शक प्यार करता है। उन्होंने ‘मास महाराजा’ बनने के लिए जो कड़ी मेहनत और जो प्रयास किए हैं, वो प्रशंसनीय है। हालाँकि, किसी अन्य अभिनेताओं के साथ कोई तुलना नहीं है, लेकिन ‘टाइगर नागेश्वर राव’ रवि तेजा को देश के सभी लोगों के करीब लेकर जाएगी।

सवाल: क्या आप इसे लेकर निश्चित हैं कि हिंदी दर्शक TNR को पसंद करेंगे? इस फिल्म के बारे में आप उन्हें क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: ‘टाइगर नागेश्वर राव’ एक बायोग्राफिकल फिल्म है, जो 1970 के दशक में स्टुअर्टपुरम के अति-कुख्यात चोरों पर आधारित है। इस कहानी में निश्चित रूप से एक वैश्विक आकर्षण है। निर्देशक वामसी ने जिस तरह से स्क्रिप्ट को तैयार किया है, उसमें हमें इस फिल्म को कई भाषाओं में बनाने का आत्मविश्वास दिया। इस फिल्म का बड़ा स्तर और इसमें जो इमोशंस हैं, वो निश्चित रूप से हिंदी बाजार में भी काम करेंगे।

सवाल: रवि तेजा की हाल की फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर उतनी सफल नहीं रही हैं। वो फ़िलहाल करियर के एक बुरे दौर से गुजर रहे हैं। आपको उनमें और TNR में भरोसा होने के क्या कारण हैं?

जवाब: रवि तेजा एक परिपक्व स्टार हैं और उन्हें कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं है। TNR एक ऐसे विषय पर आधारित है, जो रवि तेजा के लिए एकदम नया है और टाइटल रोल को निभाने के लिए वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास दे रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि रवि तेजा ‘टाइगर नागेश्वर राव’ और अपनी अगली फिल्मों के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में वापसी करेंगे।

सवाल: आपने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की बड़ी सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ये कैसा अनुभव रहा? उनके बारे में आपको क्या पसंद है?

जवाब: ये मेरे लिए जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेरी फिल्म की प्रशंसा करना मेरे सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई वर्षों से हमारे देश की बेहतरी के लिए कड़ी मेहनत और प्रयास कर रहे हैं। उनके प्रयासों का ही प्रतिफल है कि भारत ने वैश्विक पटल के केंद्रबिंदु में जगह बनाई है।

सवाल: आपकी अगली फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ और अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ के साथ बॉक्स ऑफिस पर क्लैश कर रही है। दोनों काफी बड़ी फ़िल्में हैं। आपका इस सम्बन्ध में क्या कहना है? आपको लगता है कि बॉलीवुड के साथ लोगों का गुस्सा आपकी फिल्म के लिए सहायक सिद्ध होगा?

जवाब: चूँकि ये एक फेस्टिवल वीकेंड है, कई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर क्लैश होने वाली हैं। दर्शक अच्छी सिनेमा और अच्छे कंटेंट को को गले लगाएँगे। सभी फ़िल्में अलग-अलग जॉनर की हैं, इसीलिए ऐसी कोई प्रतियोगिता नहीं है। मैं उस समय रिलीज हो रही सभी फिल्मों को शुभकामनाएँ देना चाहूँगा।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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