राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तकों से लोकतंत्र और विविधता, राजनीतिक दल और लोकतंत्र की चुनौतियों पर अध्याय हटा दिए हैं। यह पाठ कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक ‘डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स’ का हिस्सा था। इसके अलावा, NCERT ने कई विषयों के पाठ्यक्रमों को भी हटाया है।
NCERT का यह कदम महामारी के दौरान पाठ्यक्रम को तार्किक बनाने की अवधि के बाद आया है। उस दौरान इन अध्यायों को अस्थायी रूप से पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया था। अब इन्हें स्थायी रूप से हटा दिया गया है। कक्षा 10 के अन्य जिन विषयों के पाठ्यक्रमों में संशोधन किया गया है, उनमें हिंदी भाषा, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान शामिल हैं।
वैज्ञानिकों एवं शिक्षकों ने कक्षा 10 के पाठ्यक्रम से महत्वपूर्ण अध्यायों को हटाने के कारण लंबी अवधि में इसके पड़ने वाले परिणामों को लेकर चिंता जाहिर की है। अप्रैल में सरकारी निकाय ने कक्षा 9 और कक्षा 10 की विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से चार्ल्स डार्विन के विकास के सिद्धांत को हटाने का भी फैसला किया था।
इसके अलावा, रसायन विज्ञान के पीरियोडिक टेबल को भी हटा दिया गया है। देश में कक्षा 10 तक विज्ञान अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। हालाँकि, अब केवल वे छात्र, जो 11वीं व 12वीं में रसायन विज्ञान का चुनाव करते हैं, वे ही आवर्त सारणी (Periodic Table) के बारे में पढ़ेंगे।
इसके पहले महात्मा गाँधी की हत्या और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के संदर्भों को कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान से हटा दिया गया था। इसको लेकर NCERT की खूब आलोचना हुई थी। इसके अलावा, परिषद ने पाठ्यपुस्तकों से मुगल इतिहास को भी छोटा कर दिया है।
बताते चलें कि NCERT ने नवीनतम पाठ्यक्रमों के तार्किक बनाने (Rationalisation) का काम दिसंबर 2021 से जून 2022 तक किया गया। यह सब छात्रों पर से पाठ्यक्रम के बोझ को हल्का करने के लिए गया था। इसके तहत जिन पाठ्यक्रमों को हटाया गया है, उसका पूरा विवरण यहाँ देखा जा सकता है।
शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए एक संशोधित पाठ्यक्रम जारी किया गया था, जिसमें कक्षा 6 से 12 तक के 30% पाठ्यक्रम को हटा दिया गया था। साल 2014 से NCERT ने तीन बार- साल 2017, साल 2019 और साल 2021 में पाठ्यक्रम संशोधन किए हैं।