Sunday, September 29, 2024
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VIDEO: कश्मीर समस्या का हल शिक्षा और नौकरियाँ नहीं हैं – पार्ट 1

इस तीन हिस्से वाली शृंखला में, नितिन गुप्ता (जो कि रिवाल्डो के नाम से भी जाने जाते हैं) कश्मीर समस्या को पुलवामा हमले के आलोक में देख रहे हैं। पहले एपिसोड में वो बता रहे हैं कि ‘शिक्षा की कमी से आतंकवाद फैलता है’ इस सोच का सच क्या है।

किन्नर अखाड़े की भवानी माँ को AAP ने बनाया प्रत्याशी, प्रयागराज से लड़ेंगी चुनाव

दो साल पहले तक शबनम बेगम के नाम से मशहूर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी माँ वाल्मिकी अब चुनावी राजनीति का हिस्सा बन चुकी है। दरअसल, आम आदमी पार्टी ने उन्हें प्रयागराज से लोकसभा का टिकट दिया है। यूपी में ‘आप’ की ओर से भवानी माँ के अलावा 3 और प्रत्याशियों को उतारा गया है।

संजय सिंह ने आज (मार्च 29, 2019) इस बात का ऐलान करते हुए बताया कि ‘आप’ पार्टी संभल, लालगंज और कानपुर देहात सीटों से भी चुनाव लड़ेगी।

भवानी माँ को लेकर खबरें हैं कि वह बीजेपी और अन्य दलों के नेताओं से भी टिकट की माँग कर रही थी। लेकिन उन्हें कहीं से भी मौक़ा नहीं मिला। जिसके बाद वह आप पार्टी से जुड़ीं और उन्हें लोकसभा का टिकट मिला।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार 2010 में भवानी नाथ वाल्मिकी ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया था। 2012 में वह हज यात्रा भी गईं। इसके बाद 2015 में हिंदू धर्म में वापसी की। भवानी नाथ 2016 में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के किन्नर अखाड़े में धर्मगुरु बनीं। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने पिछले साल 2017 में उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी।

भवानी माँ वाल्मिकी के अलावा ‘आप’ ने लालगंज से इंजीनियर अजीत सोनकर, कानपुर देहात से आशुतोष ब्रह्मचारी और संभल से अंजु सैनी को उम्मीदवार बनाया है। बता दें इससे पहले भी आम आदमी पार्टी ने अपने तीन उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से एक का नामांकन रद्द कर दिया गया था।

कॉन्ग्रेस ने वोट पाने के लिए दिया ‘हिन्दू आतंकवाद’ का नारा, हिन्दू समाज से माँगनी होगी माफ़ी: अरुण जेटली

समझौता ब्लास्ट मामले में चारों आरोपियों– स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को 20 मार्च को अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद अरुण जेटली ने कॉन्ग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। अरुण जेटली ने कॉन्ग्रेस द्वारा ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द के प्रयोग पर सवाल उठाए हैं। वित्त मंत्री का कहना है कि कॉन्ग्रेस द्वारा इस शब्द का प्रयोग केवल वोटों के लिए किया गया था।

आज (मार्च 29, 2019) सुबह हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘हिन्दू आतंकवाद’ नारे पर वित्त मंत्री ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू समाज को कलंकित किया गया। समाज ये बात जानता है। उन्होंने पूरे हिन्दू समाज से कॉन्ग्रेस को माफी माँगने को कहा। जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए समाज में हिन्दुओं को आतंकी दर्शाने के लिए यूपीए और कॉन्ग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

अरुण जेटली ने कहा कि एनआईए स्वामी असीमानंद और दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रही। जेटली की मानें तो इस मामले में जिस तरह से 2007 और उसके बाद जाँच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया, उससे साफ़ होता है कि कुछ निश्चित संगठनों को बदनाम करने की कोशिश की गई । उन्होंने कहा कि पूरी जाँच 2007-08-09 में हुई, और 10 साल तक आरोपितों को जेल में रखा गया। चार्जशीट भी फाईल हुई लेकिन जज ने कहा सबूत नहीं हैं। सवाल उठता है जब सबूत नहीं थे तो फिर केस को उलझाकर क्यों रखा गया।

अरुण जेटली ने बताया कि 2007 के बाद से अमेरिका का स्टेट डिपॉर्टमेंट लगातार इस बात की सूचना दे रहा था कि आखिर आतंकी कौन हैं? लेकिन उस पर जाँच करने की बजाए हिन्दू आतंकवाद के नारे को पूरा करने के लिए नकली सबूतों के आधार पर कहानी बनाई गई।

हार्दिक पटेल को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका,नहीं लड़ पाएँगे लोकसभा चुनाव

पाटीदार आंदोलन के नेता और हाल ही में कॉन्ग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले हार्दिक पटेल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल के चुनाव लड़ने के अरमानों पर पानी फेरते हुए उनके खिलाफ फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी है। हालाँकि, हार्दिक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनके पास बेहद कम वक्त बचा है।

बता दें कि, हार्दिक ने 8 मार्च को दायर अपनी याचिका में अपील की थी कि उन पर देशद्रोह के मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी जाए। मगर हाईकोर्ट ने उनकी यह अपील खारिज करते हुए उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद अब हार्दिक पटेल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएँगे। गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले से हार्दिक पटेल के साथ-साथ कॉन्ग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि 12 मार्च को कॉन्ग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल को कॉन्ग्रेस गुजरात के जामनगर से चुनाव में उतारने की तैयारी में थी।

गौरतलब है कि हार्दिक को राज्य के महेसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन स्थानीय भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और तोड़फोड़ के मामले में पिछले साल 25 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने 2 साल के साधारण कारवास की सजा सुनाई थी। उन पर जुर्माना भी लगाया गया था। रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के मुताबिक अगर किसी शख्स को दो साल की सजा मिली है तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है।

‘न्यूट्रल’ पत्रकार सुप्रिया श्रीनेट द्वारा राहुल गाँधी का समर्थन करने पर मिला पुरस्कार, महाराजगंज सीट से लड़ेंगी चुनाव

‘न्यूट्रल’ पत्रकार सुप्रिया श्रीनेट, ईटी नाउ की कार्यकारी संपादक, शुक्रवार को कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। इस बात का ख़ुलासा कॉन्ग्रेस द्वारा जारी की गई चौथी लिस्ट से हुई। चौथी लिस्ट में पार्टी नेतृत्व ने सुप्रिया को उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से तनुश्री त्रिपाठी की जगह चुनाव लड़ने का मौक़ा दिया है।

दिलचस्प बात यह है कि कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल होने वाली सुप्रिया श्रीनेट द्वारा इसी हफ़्ते पत्रकारों की ‘न्यूट्रिलिटी’ और अखंडता पर सवाल उठाए थे। हाल ही में, सुप्रिया श्रीनेट ने RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का साक्षात्कार लिया था और अपने इसी शो में राहुल गाँधी के NYAY कार्यक्रम का समर्थन भी किया था।

आज यह स्वीकार करना अस्वाभाविक नहीं है कि देश में कई पत्रकार हैं जो एक तरफ तो गाँधी परिवार के प्रति सहानुभूति रखते हैं और दूसरी तरफ जनता में ‘न्यूट्रल’ होने का स्वांग रचते हैं। सुप्रिया श्रीनेट का कॉन्ग्रेस के प्रति यह गहरा लगाव एक दिन में तो नहीं बना होगा बल्कि यह प्रक्रिया बहुत पहले से रही होगी।

सुप्रिया श्रीनेट को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले किसी भी राजनीतिक दल की विचारधारा को समझने के लिए अपने टिकट की पैरवी करने या कम से कम निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय लेना चाहिए। अगर सुप्रिया श्रीनेट टिकट की पैरवी कर रही थीं या लंबे समय से कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल होने पर विचार कर रही थीं, तो क्या यह एक पत्रकार के रूप में उनका यह आचरण उन्हें सवालों के घेरे में नहीं घेरता?

एक पत्रकार के रूप में सुप्रिया श्रीनेट की निष्ठा स्पष्ट रूप से संदिग्ध है क्योंकि कॉन्ग्रेस में शामिल होने की उनकी योजना सहज और सरल तो नहीं हो सकती, इसके लिए उन्होंने सोच-विचार कर लंबी योजना बनाई होगी। कॉन्ग्रेस में शामिल होने का रास्ता उन्होंने बहुत पहले से तैयार किया होगा जिसका संबंध हाल में लिए गए साक्षात्कार और राहुल गाँधी की नीतियों का समर्थन करने से नहीं है।

इस बीच, यह जानना भी पेचीदा है कि क्या ईटी नाउ इस तथ्य से अवगत था कि सुप्रिया श्रीनेट का कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रति झुकाव था। अगर ईटी नाउ को उनके कॉन्ग्रेस लिंक के बारे में पता था, तो मीडिया संगठन ने जनता में इसका ख़ुलासा क्यों नहीं किया या सुप्रिया को पत्रकारिता की आड़ में ईटी नाउ स्टूडियो से कॉन्ग्रेस का प्रचार करने से दूर रखने की कोशिश क्यों नहीं की?

पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्पक्षता एक पहलू है। प्रत्येक पत्रकार अपने स्वयं के राजनीतिक विचारों का हक़दार होता है। ऐसे में सुप्रिया श्रीनेट का ये आचरण उन्हें एक नहीं बल्कि अनेकों सवालों के घेरे में ला खड़ा करता है जो अपने प्रोफेशन की आड़ में राजनीतिक सपने को पूरा करने की जुगत में दिखती हैं।

राहुल गाँधी ने युवाओं के लिए की स्टार्टअप योजना की घोषणा, मोदी सरकार पहले से ही दे रही है ये सुविधा

लोकसभा चुनाव नज़दीक आते ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपनी प्रचार रणनीति बदल दी है। अब उन्होंने भाजपा पर झूठे आरोप लगाने के साथ ही लोकलुभावने वादे भी करते नज़र आ रहे हैं। न्यूनतम आय गारंटी योजना का वादा करने के बाद, आज कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने स्टार्टअप व्यवसायों के लिए कुछ वादे किए। उन्होंने स्टार्टअप के लिए चार अहम वादे किए। उन्होंने कहा कि किसी भी नए व्यवसाय के पहले 3 वर्षों के लिए किसी भी नियामक अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा एंजल टैक्स को खत्म कर दिया जाएगा। इसके साथ ही व्यापार द्वारा उत्पन्न की गई नई नौकरियों के आधार पर प्रोत्साहन और कर क्रेडिट दिया जाएगा और बैंक से आसानी से लोन भी मिलेगा।

कॉन्ग्रेस के समर्थक राहुल गाँधी की इस घोषणा को लेकर ऐसे खुश हो रहे हैं, जैसे उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जो कि इससे पहले कभी देश में हुआ ही नहीं। इतना ही नहीं, कॉन्ग्रेस समर्थक राहुल गाँधी की इस घोषणा को क्रांतिकारी सोच के तौर पर भी देख रहे हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि राहुल गाँधी जो अभी वादा कर रहे हैं, मोदी सरकार पहले ही ये सेवा प्रदान कर चुकी है।

स्टार्टअप इंडिया प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई एक बड़ी पहल थी और राहुल गाँधी ने भी वादा किया है, वो सब पहले से ही इसके दायरे में आते हैं। स्टार्टअप इंडिया में पहले से ही एक व्यवसाय शुरू करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस का प्रावधान है। और इसमें वेब-आधारित पोर्टल और मोबाइल ऐप-आधारित इंटरफ़ेस के माध्यम से विभिन्न श्रम और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिए स्व-प्रमाणन की सुविधा उपलब्ध है।

स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत, श्रम कानूनों के बारे में पहले तीन वर्षों में कोई निरीक्षण नहीं किया जाता है। नया व्यवसाय शुरू करने के लिए बस एक वेबसाइट पर पंजीकरण की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रपत्रों के पृष्ठों को भरने और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

वैसे देखा जाए तो मोदी सरकार न केवल राहुल गाँधी द्वारा किए जा रहे वादों को पहले ही पूरा कर चुकी है, बल्कि स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत और जनता को और भी कई लाभ दे रही है। स्टार्टअप व्यवसाय पूर्व अनुभव और न्यूनतम कारोबार की आवश्यकताओं के बिना सरकारी निविदाओं में भाग ले सकते हैं। स्टार्टअप्स को लंबे समय के लिए पूँजीगत लाभ कर से छूट दी जाती है, और ऐसे व्यवसायों के लिए पेटेंट फाइलिंग शुल्क में 80% की कमी का प्रावधान है। इसके साथ ही केवल 90 दिनों में उद्यम को बंद करने के प्रावधान के साथ व्यवसायों को बंद करना भी आसान है।

एक्टर्स बेशर्मी से अपनी सेक्स लाइफ पर बात करते हैं, लेकिन देश के मुद्दों पर कहते हैं ‘माई पर्सनल चॉइस’: कंगना रनौत

कंगना रनौत ने हाल ही में सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पहलाज निहलानी ने उन्हें एक फिल्म ऑफर की थी, जिसमें उन्हें बिना अंडरगार्मेंट्स के फोटोशूट करवाने के लिए कहा गया था।

बॉलीवुड की छुपी हुई सच्चाई पर अक्सर खुलकर अपनी बात रखने वाली कंगना रनौत एक बार फिर से बॉलीवुड स्टार्स पर भड़क गई हैं। पिछले दिनों भी कंगना ‘मणिकर्णिका’ फिल्म को सपोर्ट ना करने पर अन्य बॉलीवुड स्टार्स के साथ रणबीर कपूर और आलिया भट्ट पर भी गुस्सा हो गई थीं। इस बार कंगना ने इन दोनों स्टार्स की आलोचना करते हुए रणबीर और आलिया को ‘बेवकूफ’ कह दिया है।

दरअसल कंगना एक इंटरव्यू में दोनों एक्टर्स के बारे में बात कर रही थीं। उनसे जब रणबीर और आलिया को यंग एक्टर्स को कोट करते हुए सवाल किया गया तो वो बोलीं, “पहली बात तो ये कि वो दोनों यंग एक्टर्स कहलाने के लिहाज से काफी बड़े हो चुके हैं। आलिया 27 साल की हैं और रणबीर की उम्र 37 है। 27 साल की उम्र मेरी माँ के तीन बच्चे थे। इन दोनों ने इंडस्ट्री में काफी काम कर लिया है और ऐसे में उन्हें यंग कहना गलत है।”

साथ ही कंगना ने कहा, “जब एक्टर्स को ऑन कैमरा अपनी सेक्स लाइफ पर चर्चा करने की बात आती है, तो इन एक्टर्स को कोई शर्म नहीं आती है, इंस्टा पर फोटो शेयर करते हैं। लेकिन जब देश के महत्वपूर्ण मुद्दों की बात आती है, तो उनके बारे में बात करने से बचते हैं, कहते हैं कि हमारी पर्सनल च्वॉइस है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि एक स्टार होने के नाते उन्हें यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वो लोगों को एजुकेट करें। लेकिन वो अपनी जिम्मेदारी भूल चुके हैं। कंगना रनौत का पूरा इंटरव्यू नीचे दी गई लिंक पर देख सकते हैं।

चंद्रयान 2 : चुनाव के बीच चाँद की धरती पर पहुँचेगा यान, ISRO की तैयारियाँ चरम पर

बीते कुछ सालों में चंद्रयान-2 के कुछ टेस्ट पूरे न होने के कारण यान को लॉन्च नहीं किया जा सका था। लेकिन अब लगता है इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। बताया जा रहा है कि ISRO इन दिनों चंद्रयान मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में जोरो-शोरों से जुटा हुआ है। अनुमान है कि इसे अगले महीने तक लॉन्च कर दिया जाएगा।

चंद्रयान-2 को पहले 2017 में लॉंच करने का और फिर 2018 में लॉन्च करने का ऐलान किया गया था, लेकिन दोनों ही बार रोवर और लैंडर न होने के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया। लेकिन अभी हाल ही में ISRO के चेयरमैन डॉ के सिवन ने बताया था कि इस अप्रैल में चंद्रयान को लॉन्च करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि अगर अप्रैल में ऐसा नहीं हो पाता है तो जून में इसे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि जिस समय को यान के लॉन्च के लिए चुना गया है, उसी दौरान चुनाव की सरगर्मियाँ भी तेज होंगी ।

बता दें इस चंद्रयान-2 का वजन 3290 किलो होगा। इसमें लगे ऑर्बिटर और रोवर की मदद से चंद्रमा की सतह पर मौजूद मिनरल्स और अन्य पदार्थों के बारे में डेटा एकत्रित किया जाएगा।

ISRO के मुताबिक लैंडर को चंद्रमा के साउथ पोल में उतारा जाना तय हुआ है, जिसके लिए दो जगहों का चयन भी किया गया है। लेकिन इनमें से किसी एक को फाइनल किया जाना है। बता दें कि जिन दो जगहों का चयन किया गया है उनमें से अभी तक किसी भी जगह पर किसी देश का लैंडर नहीं उतरा है।

ISRO की माने तो साउथ पोल की जमीन सॉफ्ट है और रोवर को इधर से उधर मूव करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। रोवर में छह पहिए हैं और इसका वजन 20 किलो बताया जा रहा है। पावर समस्या से बचने के लिए रोवर को सोलर पावर वाले उपकरणों से भी लैस किया गया है। जिससे रोवर की दूरी का सटीक पता लगाने में आसानी होगी।

पहलाज निहलानी मेरे साथ सॉफ़्ट पॉर्न बनाना चाहते थे: कंगना रनौत

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत अपने बेबाक बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं। हाल ही में उन्होंने सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी पर आरोप लगाया। कंगना ने कहा कि पहलाज निहलानी ने मुझे एक फिल्म ऑफर की थी, जिसमें मुझे एक साटिन रोब में बिना अंडरगार्मेंट्स के फोटोशूट करवाने के लिए कहा गया था।

एक इंटरव्यू में कंगना ने बताया, “पहलाज निहलानी ने मुझे आई लव यू बॉस नाम की फिल्म ऑफर की। उन्होंने मुझे एक साटिन का रोब दिया जिसको मुझे बिना अंडरगार्मेंट्स के पहनना था और उस रोब में से पैर बाहर रखना था। फिल्म में मेरा रोल एक जवान लड़की का था, जो अपने उम्रदराज बॉस को रिझाती है।”

कंगना ने कहा कि उन्हें लड़की के पोज़ में अपने बॉस को खुश करने का रोल करना था जो वासना से भरी है। यह सॉफ्ट पोर्न जैसा किरदार था। उन्होंने ये फोटोशूट करवा लिया था, लेकिन फिर उन्हें लगा कि वो ये फिल्म नहीं कर सकतीं, इसलिए उन्होंने फिल्म को बीच में ही छोड़ दिया और गायब हो गई। इसके बाद कंगना ने अपना मोबाइल नंबर तक बदल दिया।

कंगना के इस बयान पर पहलाज निहलानी ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा, “आई लव यू बॉस कभी सॉफ्ट पॉर्न नहीं थी। मैंने उस पिक्चर ऐड पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए और तीन गाने शूट किए। लेकिन मेरे पोस्टर और ऐड के साथ ही उन्हें महेश भट्ट की फिल्म गैंग्स्टर मिल गई। क्योंकि हमने तीन फिल्मों की डील की हुई थी, इसलिए कंगना ने मुझसे निवेदन किया कि मैं उन्हें गैंगस्टर करने दूँ। उन्हें (कंगना को) मेरे साथ नहीं खेलना चाहिए क्योंकि मेरे पास उनके साथ खेलने के लिए बहुत कुछ है।”

ओडिशा की सरकार ने सिर्फ गरीबी-भुखमरी दिया, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान योजना से भी वंचित रखा: PM

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी दौरों पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (मार्च 29, 2019) को ओडिशा के कोरापुट पहुँचे और एक जनसभा को संबोधित किया। यहाँ उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक की बात करते हुए विरोधी दलों को निशाने पर लिया और कहा कि एक तरफ जहाँ पाकिस्तान लाशें गिनने में लगा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ यहाँ के कुछ लोग सबूत माँगने में लगे हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने A-SAT मिसाइल का जिक्र करते हुए कहा कि दो दिन पहले ही, ओडिशा एक ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि का गवाह बना है, जिसने पूरी दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित कराया है। भारत अब अंतरिक्ष में भी चौकीदारी करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ओडिशा तभी मजबूत बनेगा जब यहाँ का आदिवासी, यहाँ का किसान, यहाँ का नौजवान, आगे बढ़ेगा। जब यहाँ और केंद्र में, दोनों ही जगहों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार होगी।

बीजेडी सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते 7 दशकों में जिन्होंने यहाँ सरकारें चलाई हैं, उन्होंने ओडिशा को गरीबी और भुखमरी के अलावा कुछ नहीं दिया। यहाँ की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के लाभ से भी अभी तक ओडिशा की जनता को दूर रखा है। गरीबों और आदिवासियों के नाम पर योजनाएँ बनती हैं, मगर बिचौलिए और दलाल उसका फायदा लूट ले जाते हैं, और असली लाभार्थी हाथ मलता रह जाता है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “किसान सम्मान निधि के तहत देश के जिन 12 करोड़ किसानों को हम सीधी मदद बैंक खाते में दे रहे हैं उनमें से एक भी ओडिशा का किसान नहीं है, क्योंकि यहाँ की सरकार किसानों के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गई है।”

इसके साथ ही पीएम ने कहा, “कोरापुट में तो ऐसी घटनाएँ भी देश ने देखी हैं कि इलाज तो मिला ही नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी अपमानित होना पड़ा है। आपका ये चौकीदार ऐसी व्यवस्थाओं को बदलने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। हमारी सरकार देशभर की बड़ी पंचायतों में अस्पताल खोलने पर काम कर रही है। देशभर में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। गाँव-गाँव में बच्चों और प्रसूता माताओं को टीके लगाने का काम हमने तेज किया है।”

रैली में पीएम ने कहा, “मतदान के दिन जब आप पोलिंग बूथ जाएँगे तो एक स्पष्ट मन बनाकर जाइएगा। आपको ये तय करना है कि आतंक के ठिकानों में घुसकर मारने वाली सरकार चाहिए, या फिर घबराकर बैठ जाने वाली सरकार।”

आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि यह तभी संभव हो पाया है, जब ओडिशा की जनता ने सहयोग और समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि जो सरकारें नक्सली हिंसा पर काबू नहीं पा सकतीं, जो उसके सामने कमजोर नज़र आती हैं, उन्हें क्या सज़ा देनी है, इसका फैसला जनता करेगी।