भारत की बात
भारतीय दर्शन, परम्परा और सभ्यता से जुड़ी बातें और विचार
स्वामी विवेकानंद का शिकागो संदेश: 3 भविष्यवाणी में 2 पूरे, आखिरी को भी हकीकत बनाने की ओर भारत
127 साल पूर्व 11 सितंबर के दिन ही शिकागो शहर का ‘पार्लियामेंट ऑफ़ रिलीजन’ सभागार में स्वामी विवेकानंद ने अपना वह ऐतिहासिक भाषण दिया था।
दारा शिकोह: ‘धोखे’ से जिसकी 4 लाख की सेना 40000 वाले औरंगजेब से हारी और इतिहास ने जिसके साथ फिर किया ‘धोखा’
दारा शिकोह के एक हाथ में पवित्र कुरान थी और दूसरे हाथ में पवित्र उपनिषद। वो मानता था कि हिन्दू और इस्लाम धर्म की बुनियाद एक है। वो नमाज और...
गद्दार को खदेड़ कर गोली मारने वाले कन्हाई: वो जो भगत सिंह से भी कम उम्र में फाँसी पर चढ़े, जिनका खुदीराम से है...
दोनों के सिर्फ नाम व जन्मदिन ही समान नहीं हैं बल्कि कृष्ण की तरह कनाईलाल ने भी अपने लोगों को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।
मोढेरा सूर्य मंदिर, PM मोदी ने शेयर की जिसकी वीडियो: प्रतिमा पर सबसे पहले पड़ती थी सूर्य की किरणें, गजनी-खिलजी ने किया था खंडित
साल में 2 बार जब Equinox के दिन सूर्योदय होता तो सूर्य की किरणें सबसे पहले यहाँ सूर्य की प्रतिमा के सिर पर स्थित हीरे के ऊपर पड़ती थी।
Pak की 60 टैंकों को उड़ाया, 35 KM सीमा में घुसे: परमवीर तारापोर ने कहा था – ‘मेरा अंतिम संस्कार युद्धस्थल में हो’
अर्देशीर बुरज़ोरजी तारापोर ने पहले ही इच्छा जता दी थी कि मरणोपरांत उनका अंतिम संस्कार इसी युद्ध के मैदान में किया जाए, जिसे पूरा किया गया।
12000 वैष्णव भक्तों के सिर कलम, 48 साल तक भटकते रहे थे भगवान: श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर पर हुए इस्लामी हमलों की दास्ताँ
विजयनगर साम्राज्य ने इस्लामी आक्रान्ताओं के मंसूबों को ध्वस्त कर श्रीरंगम के श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर में प्रतिमा को पुनः स्थापित किया।
उत्तराखंड के देवसलसारी स्थित कोणेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा: अजीत भारती का वीडियो । Ajeet Bharti visits Koneshwar Mahadev Temple
एक दिन भगवान शिव यहाँ पर घूमने आए। उन्हें यह जगह बहुत अच्छी लगी। उन्होंने साधु का वेश बनाकर ग्रामीणों से यहाँ पर बसने के लिए...
‘वहॉं नुकीले पत्थर निकले हैं… तो जमीन को समतल करना पड़ेगा, बैठने लायक करना पड़ेगा’
अजीत झा -
आज NRC और CAA पर जिस तरह भ्रम का माहौल बनाने की कोशिश हो रही। समुदाय विशेष को उकसाया जा रहा। ऐसा ही कभी अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कॉन्ग्रेसियों और वामपंथियों ने किया था। तब संसद में वाजपेयी ने कहा था...
‘मैंने अपनी माँ और भाई को जिंदा जलते देखा’: विभाजन की वो कहानी जिससे आज भी काँपते हैं बेअंत सिंह
स्वतंत्रता विभाजन का दंश भी लेकर आया था। मेरठ के बेअंत सिंह तब केवल 11 साल के थे जब रावलपिंडी में उनकी मॉं और भाई को जिंदा जला दिया गया था।
मणिपुर का शेर बीर टिकेंद्रजीत सिंह: अंग्रेजों ने जिन्हें कहा था ‘खतरनाक बाघ’, दी थी खुली जगह पर फाँसी
बीर टिकेंद्रजीत सिंह को 13 अगस्त 1891 को आम जनता के सामने एक खुली जगह पर फाँसी लगाई ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके।