Wednesday, May 1, 2024
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अवैध बालिका गृह चला रहे थे मिशनरी, 26 लड़कियों का कोई अता-पता नहीं: NCPCR अध्यक्ष ने कराई FIR, कहा – हिन्दू बच्चियों को दे रहे थे ईसाइयत की ट्रेनिंग

भोपाल में क्रिश्चियन मिशनरी की ओर से अवैध तरीके से प्राइवेट गर्ल्स हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। यहाँ 68 बच्चियों का नामांकन हुआ है, लेकिन उनमें से 26 बच्चियाँ गायब हैं। इस हॉस्टल को चलाने वाले संचालक अनिल मैथ्यू को इन लड़कियों के बारे में पता नहीं है कि वो आखिर गईं तो गईं कहाँ?

भोपाल में क्रिश्चियन मिशनरी की ओर से अवैध तरीके से प्राइवेट गर्ल्स हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है। यहाँ 68 बच्चियों का नामांकन हुआ है, लेकिन उनमें से 26 बच्चियाँ गायब है। इस हॉस्टल को चलाने वाले संचालक अनिल मैथ्यू को इन लड़कियों के बारे में पता तक नहीं है कि वो आखिर गईं तो गईं कहाँ? इस हॉस्टल में 6 से 18 साल की लड़कियाँ रहती हैं, जिसमें से अधिकांश हिंदू हैं।

ये हॉस्टल भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित परवलिया थाना इलाके में चलाया जा रहा है। इस हॉस्टल में चल रही अनियमितताओं की सूचना जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को मिली, तो उन्होंने गुरुवार (04 जनवरी 2024) को पूरे स्टाफ के साथ छापेमारी की और मौके पर जाकर हॉस्टल को देखा। इस हॉस्टल में तमाम अनियमितताएँ मिली। उन्होंने खुद इसकी सूचना एक्स के माध्यम से सार्वजनिक की।

प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर लिखा, “04 जनवरी 2024 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया। यहाँ की संचालक एनजीओ हाल तक सरकारी एजेन्सी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है, एवं इसने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए, उनको बग़ैर सरकार को सूचना दिए बिना लाइसेंस चलाए जा रहे स्वयं के इस बाल गृह में गुपचुप ढंग से रख कर उनसे ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवाई।”

उन्होंने आगे लिखा, “6 साल से 18 साल तक की 40 से ज़्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं। काफ़ी कठिनाई के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दुर्भाग्य से मध्य प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसी ही एनजीओ से चाइल्ड हेल्पलाइन ठेके पर चलवाना चाहते हैं। मुख्य सचिव को पृथक से नोटिस जारी किया है।”

इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हस्तक्षेप किया है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत कठोर कदम उठाने का आग्रह किया। शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने एवं त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूँ।”

प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इस हॉस्टल में उन लड़कियों को रखा जाता था, तो सड़क और रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू करके लाई गई थी। इनमें कई बच्चियाँ अनाथ थीं। उन्होंने बताया कि जो NGO सरकारी एजेन्सी चाइल्ड लाइन के रूप में बच्चों को रेस्क्यू कर रही थी, उसी ने बच्चों को गुपचुप ढंग से अवैध बाल गृह में रखा था। ऐसी संस्थाओं को चाइल्डलाइन का काम सौंपा जाना ख़तरनाक है। चुनाव के पहले कुछ अकर्मण्य अधिकारियों ने इन्हीं संस्थाओं के हाथ में बच्चों के संरक्षण हेतु चाइल्ड लाइन संचालित करने का काम देने का आदेश कैबिनेट से स्वीकृत करवा लिया था। प्रियंक कानूनगो ने शिवराज सिंह चौहान के एक्स हैंडल पर जवाब देते हुए लिखा, “मुझे विश्वास है कि आप उसको भी वापिस लेने के लिए सरकार को आग्रह करेंगे।”

बता दें कि इस मिशनरी हॉस्टल का उद्घाटन 2020 में हुआ था। ये हॉस्टल विदेशी दानदाताओं की मदद से बना था। हालाँकि ये पता नहीं चल सका है कि इस एनजीओ को विदेशी सहायदा मिलती है या नहीं, लेकिन हॉस्टल के उद्घाटन के समय लगी शिलापट तो साफ-साफ कह रही है कि इसके निर्माण में विदेशी मदद हासिल हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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