Saturday, June 7, 2025
Homeदेश-समाजजैन समुदाय ने 5000 गज में खोली 'बकराशाला', ₹44 लाख देकर 'कुर्बानी' वाले 400...

जैन समुदाय ने 5000 गज में खोली ‘बकराशाला’, ₹44 लाख देकर ‘कुर्बानी’ वाले 400 बकरे बचाए: कहा- हम अहिंसक, जीवों को भी अपनी पूरी उम्र जीने का हक

'जीव दया संस्था' संस्थान की वजह से दिल्ली से लेकर यूपी तक से ऐसे बकरे बचाए गए जिनके गले पर धागा बँधा था यानी कि वे कुर्बानी के लिए तैयार थे। बकराशाला से जुड़े दिनेश जैन बताते हैं कि ये बकराशाला 10 वर्ष पूर्व शुरू की गई थी। इसे लेकर राजेंद्र मुनि ने जन समाज को प्रेरणा दी थी।

बकरीद के मौके पर एक तरफ मुस्लिम समुदाय ‘कुर्बानी’ देने के लिए कई हजार देकर बड़े से बड़ा बकरा खरीद रहा है, और दूसरी तरफ जैन समुदाय के लोग हैं जो इन बकरों को बचाने के लिए इनपर लाखों खर्च भी कर रहे हैं। इस काम के लिए उन्होंने एक बकराशाला भी खोली हुई है जो कि बागपत के अमीननगर सराय में है। इसका नाम ‘जीव दया संस्था’ है।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट बताती है कि इस बार इस संस्था ने कुर्बानी के लिए बिकने आए 400 से अधिक बकरों की जान बचाई है। इन्होंने बकरीद के लिए जामा मस्जिद, सीलमपुर व गाजीपुर जैसे इलाकों तथा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित गुलावठी बकरा मंडी से इन बकरों की खरीद में करीब 44 लाख रुपए खर्च किए हैं। आगे कुछ दिनों में और 15 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है क्योंकि कुर्बानी सोमवार तक दी जानी है।

जानकारी के अनुसार, जीव दया संस्थान नाम के इस संस्थान के पास इस बकराशाला के लिए अच्छी खासी जमीन है, जो कि 5000 गज में बनी है। इसमें एक साथ अधिकतम 1800 बकरे रखे जाने की क्षमता है। वर्तमान में यहाँ 650 से अधिक बकरे हैं। इन बकरों की इस बकराशाला में खास देखरेख की जाती है। बकराशाला को संचालित करने वाले लोग जैन समाज के हैं। जो भगवान महावीर के जीयो और जीने दो संदेश के प्रति समर्पित हैं। उनका मानना है कि बकरे की अपनी एक उम्र होती है और उन्हें अपनी पूरी उम्र जीने का अधिकार होना चाहिए।

गौरतलब है कि इस संस्थान की वजह से दिल्ली से लेकर यूपी तक से ऐसे बकरे बचाए गए जिनके गले पर धागा बँधा था यानी कि वे कुर्बानी के लिए तैयार थे। बकराशाला से जुड़े दिनेश जैन बताते हैं कि ये बकराशाला 10 वर्ष पूर्व शुरू की गई थी। इसे लेकर राजेंद्र मुनि ने जन समाज को प्रेरणा दी थी।

उन्होंने कहा कि देश में गौशाला बहुत है। आप लोग बकराशाला बनाएँ। दिनेश ने कहा कि पहले ये बकराशाला 800 गज की जगह में शुरू हुई थी। बाद में सहयोग मिला तो ये बकराशाला 5000 गज की जमीन में खोली गई। अभी तक संस्था द्वारा हजारों बकरों की जानें बचाई जा चुकी हैं। वर्तमान में 650 बकरे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंतरिक्ष में 41 वर्ष बाद कदम रखेगा कोई भारतीय: IAF पायलट शुभांशु शुक्ला जा रहे ISS, जानिए क्यों भारत के लिए महत्वपूर्ण है यह...

ले शुभांशु शुक्ला IAF पायलट हैं। वर्तमान में वह ग्रुप कैप्टन के पद पर हैं। एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन में वे पायलट की भूमिका निभा रहे हैं।

महाराष्ट्र चुनाव पर फिर राहुल गाँधी ने फैलाया झूठ, लेकिन ऑपइंडिया के लाई डिटेक्टर टेस्ट में हुए फेल: जानिए उनके दावों का क्या है...

राहुल गाँधी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को 'बड़े पैमाने पर धांधली' का परिणाम बताने की कोशिश की है।
- विज्ञापन -