Sunday, June 22, 2025
Homeदेश-समाजबिहार में 18 घंटे बाद मिला डाकघर के क्लर्क का लापता बेटा, परिजनों में...

बिहार में 18 घंटे बाद मिला डाकघर के क्लर्क का लापता बेटा, परिजनों में बैठ गया था अपहरण का डर: CCTV में सड़क पर खेलता दिखा था

लापता होने के 18 घंटे बाद पुलिस ने नाबालिग को बरामद किया। वो नशे की हालत में था।

बिहार के गोपालगंज में प्रधान डाकघर के क्लर्क का बेटा लापता हो गया है, जिसके बाद परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई है। घटना नगर थाना क्षेत्र के अधिवक्ता नगर मोहल्ले का है। लापता छात्र की उम्र 13 साल है, जिसका नाम अभिषेक कुमार है। उसके पिता प्रवीण कुमार जिले के मुख्य डाकघर के क्लर्क हैं। लापता छात्र ‘बिहार विकास विद्यालय’ में तीसरी कक्षा का छात्र है। परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए नगर थाने में मामला दर्ज करा दिया है।

बिहार पुलिस ने मौके पर पहुँच कर जाँच भी शुरू कर दी है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खँगाला है, जिसमें अभिषेक दोस्तों के साथ सड़क पर खेलता हुआ नजर आ रहा है। इसके बाद वो अचानक लापता हो गया। शनिवार (18 मार्च, 2023) शाम को बचे के लापता होने के बाद परिजन परेशान हो गए। परिजनों ने मोहल्ले के लोगों के साथ मिल कर उसकी तलाश में खोजबीन की। दूसरे दिन पुलिस ने भी काफी खोजबीन की।

लापता होने के 18 घंटे बाद पुलिस ने नाबालिग को बरामद किया। वो नशे की हालत में था। उसकी बरामदगी काली स्थान गली से हुई है। बिहार में हाल के दिनों में अपहरण के कई मामले सामने आए हैं। लालू यादव और राबड़ी देवी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार में ‘अपहरण उद्योग’ काफी फला-फुला था और फिरौती से लेकर बदले में अक्सर अपहरण की घटनाएँ अंजाम दी जाती थीं। राजद के सत्ता में लौटने के बाद फिर उसी तरह की चर्चाएँ गर्म हैं।

हालाँकि, गोपालगंज की ताज़ा घटना में बच्चा कैसे नशे की हालत में वहाँ पहुँचा – इस संबंध में कुछ साफ़ नहीं हो पाया है। इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में डॉक्टर एसपी सिंह के बेटे विवेक को पुलिस ने भोजपुर जिले से बरामद किया था। उसका शुक्रवार (17 मार्च, 2023) शाम अपहरण हुआ था। अपहरण करने वालों ने डॉक्टर से 30 लाख रुपए की फिरौती माँगी थी। फिरौती के लिए जिस जगह से कॉल आया था। उसकी भी जाँच की जा रही थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अब या तो शांति होगी या होगा सर्वनाश… अमेरिका ने ताबड़तोड़ ईरान पर की एयरस्ट्राइक, परमाणु ठिकानों को तबाह किया: बंकर में छिपा खामेनेई...

अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि ईरान या तो शांति कायम करे या विनाश के लिए तैयार रहे।

भारत की ‘आत्मनिर्भरता’ से किलसे राहुल गाँधी, ‘मेक इन इंडिया’ को बताया ‘असेम्बल इन इंडिया’: आँकड़ों के साथ समझें कॉन्ग्रेस MP ने फैलाया कैसे...

राहुल गाँधी मैन्युफैक्चरिंग पर भ्रम फैलाते पकड़े गए हैं। उन्होंने यह साफ झूठ बोला कि भारत में स्मार्टफोन बनने से कोई फायदा नहीं होता।
- विज्ञापन -