Wednesday, May 1, 2024
Homeदेश-समाज'मेरे जैसे कश्मीरियों के लिए 370 अब बीती बात': सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से...

‘मेरे जैसे कश्मीरियों के लिए 370 अब बीती बात’: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बोले IAS शाह फैसल, कहा- बुहत पहले वापस ले चुका हूँ याचिका

शाह फैसल ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सितंबर 2022 में अपनी याचिका वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया था।

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच इसी महीने सुनवाई करने वाली है। उससे पहले राज्य के चर्चित आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा है कि अनुच्छेद 370 अब उन जैसे कश्मीरियों के लिए पुरानी बात हो चुकी है। इसको लेकर अब वे पीछे नहीं देख सकते। उन्होंने यह भी बताया है कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए अपनी याचिका भी वे सुप्रीम कोर्ट से काफी पहले वापस ले चुके हैं।

शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा है, “मेरे जैसे कश्मीरियों के लिए 370 अब अतीत की बात हो चुकी है। झेलम और गंगा हमेशा के लिए महान हिंद महासागर में मिल चुकी हैं। अब पीछे नहीं जाया जा सकता है। सिर्फ आगे ही बढ़ना है।”

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में शाह फैसल ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका वे बहुत पहले ही वापस ले चुके हैं। बता दें कि इससे पहले फरवरी 2021 में शाह फैसल ने स्वीकार किया था कि अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के खिलाफ उन्होंने जो कुछ भी प्रयास किए हैं, उसके लिए उन्हें काफी पछतावा है।

ज्ञात हो कि शाह फैसल ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सितंबर 2022 में अपनी याचिका वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया था।

11 जुलाई को होनी है सुनवाई

अनुच्छेद-370 को रद्द किए जाने के मोदी सरकार के फैसले के 4 साल बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने जा रही है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ इस संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता करेंगे। अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ 20 याचिकाएँ दर्ज की गई हैं। 11 जुलाई को सुनवाई के लिए इस मामले को लिस्ट किया गया है। उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ये निर्णय लेगी कि शाह फैसल द्वारा डाली गई याचिका को वापस ली जा सकती है या नहीं।


नौकरी छोड़ बने थे राजनेता, लेकिन फिर वापस लौटे

साल 2009 के यूपीएससी टॉपर शाह फैसल ने कथित असहिष्णुता के नाम पर जनवरी 2019 में सरकारी नौकरी छोड़ते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालाँकि, सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने मार्च 2019 में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी। उनका उद्देश्य विधानसभा चुनाव लड़ना था, लेकिन राज्य में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया और चुनाव नहीं हुआ।

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद शाह फैसल को हिरासत में भी लिया गया था। राज्य के बदले राजनीतिक हालात के बाद उन्होंने अगस्त 2020 में राजनीति छोड़ने की घोषणा कर दी। इसके बाद उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर नौकरी में वापसी के लिए आवेदन किया था। इसी साल अप्रैल में उनकी नौकरी बहाल की गई थी और फिर अगस्त में संस्कृति मंत्रालय में उप-सचिव के रूप में नियुक्ति की गई। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के लोलाब इलाके में जन्मे फैसल श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में मेडिकल की पढ़ाई की है और गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। जब फैसल 19 साल के थे तब साल 2002 में उनके शिक्षक पिता गुलाम रसूल शाह की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

T20 क्रिकेट विश्वकप के लिए भारतीय टीम घोषित: फिनिशर और मजबूत मिडिल ऑर्डर के बिना जीतेंगे कप? इस टीम से आपको कितनी उम्मीदें?

बीसीसीआई ने रोहित शर्मा की अगुवाई में 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की है, जिसकी उप-कप्तानी की जिम्मेदारी हार्दिक पांड्या को दी गई है।

भक्तों से चढ़ावा लेने पर तमिलनाडु पुलिस ने 4 पुजारियों को किया गिरफ्तार: जानिए अंग्रेजों का काला कानून हिंदुओं को कैसे कर रहा प्रताड़ित

तमिलनाडु के एक मंदिर के चार पुजारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने भक्तों द्वारा चढ़ाए गए पैसे को अपने घर ले गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -