Saturday, July 27, 2024
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मुस्लिम डिलीवरी बॉय से खाना लेने से इनकार तो FIR, इस्लामी संगठन ने जानकारी कर दी पब्लिक

ग्राहक अजय ने सोमवार की रात को स्विगी के ऍप के इस्तेमाल से शहर के फलकनुमा इलाके के ग्रैंड बावर्ची रेस्त्रां से चिकन-65 का ऑर्डर दिया था। आर्डर के लिए विशेष इंस्ट्रक्शन में अजय कुमार ने लिखा, "बहुत कम मसाले और कृपया डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के लिए हिन्दू का ही चयन करिएगा। सारी रेटिंग इसी के आधार पर होगी।"

हैदराबाद में मुस्लिम डिलीवरी बॉय से खाना लेने से इंकार करने पर एक आदमी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की जा रही है। शाह अली बांदा पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता 32 वर्षीय मुदस्सिर उमर है। पुलिस ने कहा है कि वह शिकायत की जाँच कर रही है, और अभी तक FIR नहीं लिखी गई है।

हैदराबाद के आलियाबाद में रहने वाले ग्राहक अजय कुमार ने सोमवार (21 अक्टूबर, 2019) की रात को स्विगी के ऍप के इस्तेमाल से शहर के फलकनुमा इलाके के ग्रैंड बावर्ची रेस्त्रां से चिकन-65 का ऑर्डर दिया था। आर्डर के लिए विशेष इंस्ट्रक्शन में अजय कुमार ने लिखा, “बहुत कम मसाले। और कृपया डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के लिए हिन्दू का ही चयन करिएगा। सारी रेटिंग इसी के आधार पर होगी।” उन्होंने ऑर्डर का ऑनलाइन पेमेंट किया था।

लेकिन जब मुदस्सिर ने पूरा पता जानने के लिए फ़ोन किया तो नाराज़ अजय कुमार ने डिलीवरी लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने खाना स्वीकार करने से इंकार कर दिया और ऑर्डर कैंसिल कर रिफंड माँगा। अपनी रिपोर्ट में हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि इसको लेकर उनकी स्विगी के कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बहस हुई, जिसे स्विगी के कस्टमर केयर सेंटर ने रिकॉर्ड कर लिया। इसके अनुसार कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने अजय कुमार को बताया कि उन्हें कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर ₹95 भरने पड़ेंगे, जो उनके ऑनलाइन पेमेंट की राशि से काटे जाएँगे, और बाकी पैसा रिफंड होगा।

बकौल मीडिया रिपोर्ट्स, अजय ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि वे चार्ज झेल लेंगे, लेकिन खाना मुदस्सिर से नहीं लेंगे। इसके बाद अगले ही दिन (मंगलवार, 22 अक्टूबर, 2019 को) मुदस्सिर मामले को लेकर हैदराबाद के राजनीतिक दल मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के पास चला गया।

इसके बाद एमबीटी के मुखिया अमज़दुलाह खान ने न केवल मुदस्सिर को अजय कुमार के खिलाफ “हिन्दुओं और मुस्लिमों में दूरी बढ़ाने” के लिए आपराधिक शिकायत पुलिस में करने की सलाह दी, बल्कि उन्होंने खुद ही मामले का राजनीतिकरण भी शुरू कर दिया। ट्विटर पर उन्होंने लिखा:

एडिटर्स नोट: हालाँकि यहाँ पर कस्टमर अजय कुमार की इस माँग का समर्थन या बचाव नहीं किया जा सकता है, लेकिन हर समय ‘पत्रकारिता के एथिक्स’ का रोना रोने वाले पत्रकारिता के समुदाय विशेष की भूमिका का विश्लेषण भी ज़रूरी है। न केवल मीडिया ने हिन्दू ग्राहक का नाम, उसका मोहल्ला आदि खुल कर बता दिए, बल्कि द न्यूज़ मिनट ने तो ग्राहक का कस्टमर केयर के साथ कथित वार्तालाप भी प्रकाशित कर दिया है।

पहली बात तो ऐसी संवेदनशील ही नहीं, गोपनीय और निजता कानून से प्रोटेक्टेड जानकारी TNM को मिली कहाँ से? अगर स्विगी ने दिया तो उसने ग्राहक की निजता का उललंघन किया, और अगर नहीं तो इसकी विश्वसनीयता क्या है? इसके अलावा इसके प्रकाशन से साम्प्रदायिक माहौल पर पड़ने वाले असर का भी मसला है।

देश का माहौल वैसे ही कमलेश तिवारी हत्याकांड के बाद से तनावपूर्ण है और एक बड़ी संख्या में हिन्दू असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऊपर से मसला हैदराबाद का है-उस अकबरुद्दीन ओवैसी का गढ़ है, जो हिन्दुओं के सामूहिक हत्याकांड की धमकी का आरोपित है। ऐसे में अगर कमलेश तिवारी की तरह इस हिन्दू ग्राहक के साथ कुछ हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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