कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान लाई गई हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी एक बार फिर झूठ सिद्ध हुई है। महाराष्ट्र के नांदेड़ में बम ब्लास्ट के आरोप में पकड़े गए 12 हिन्दुओं को कोर्ट ने निर्दोष करार दिया है। यह सभी बरी कर दिए गए हैं। इनमें से तीन की मौत हो चुकी है। इन सभी को 2006 में कॉन्ग्रेस सरकार ने कथित बम धमाके के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस धमाके में 2 लोगों की मौके पर मौत हुई थी। कोर्ट में यह साबित नहीं हो सका कि यह एक बम धमाका था या सिलेंडर अथवा पटाखों के फटने से हुआ हादसा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छत्रपति संभाजीनगर की एक कोर्ट ने शनिवार (4 जनवरी, 2025) को 2006 नांदेड़ ब्लास्ट मामले में 12 लोगों को बरी किया है। इस मामले में 12 हिन्दू आरोपित बनाए गए थे। इनमें से 2 की धमाके के दौरान ही मौत हो गई थी जबकि 1 की मौत इस मुकदमे के दौरान हो गई थी। बाकी 9 जीवित लोग 2006 के बाद से ही इस मामले में मुकदमा लड़ रहे थे। मामले में यह आरोप सिद्ध नहीं हो पाए कि धमाका एक बम में हुआ था और यह सिलेंडर या ऐसी ही किसी चीज का धमाका नहीं था।
कोर्ट ने इस मामले में राहुल पांडे (मृतक), हिमांशु पानसे (मृतक), नरेश राजकोंडवार (मृतक), लक्ष्मण राजकोंडवार, संजय चौधरी, रामदास मुलगे, डॉ. उमेश देशपांडे, मारुति वाघ, योगेश विडोलकर, गुरुराज टुपतेवार, मिलिंद एकताटे, मंगेश पांडे, राकेश धावड़े को बरी कर दिया है। यह कथित धमाका 4-5 अप्रैल, 2006 को नांदेड़ के पतबंधारे नगर में हुआ था। धमाका लक्ष्मण राजकोंडावार के घर पर हुआ था और इसमें हिमांशु पानसे और नरेश राजकोंडावार की मौत हो गई थी। बाद में मुकदमे के दौरान राहुल पांडे की मौत हो गई थी।
तब महाराष्ट्र और केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार थी। इस मामले में पुलिस ने आरोप लगाया था कि यह धमाका बम बनाने के दौरान हुआ है। यह भी दावा हुआ था कि यहाँ से एक ज़िंदा बम भी बरामद हुआ था और कुछ गोलियाँ बरामद हुई थी। इस मामले में हिन्दुओं के पकड़े जाने के बाद ‘भगवा आतंकवाद’ की थ्योरी गढ़ने की कोशिश हुई थी। यह मामला पुलिस से ATS और फिर CBI को सौंप दिया गया था। तब कॉन्ग्रेस ने इन्हें हिन्दू आतंकी बता कर खूब शोर मचाया था।
इस मामले में 19 साल तक न्याय की लड़ाई लड़ने के बाद अब इन हिन्दुओं को न्याय मिल सका है। इससे पहले यह जेलों में जिन्दगी गुजार चुके थे। इनको अपने पर से आतंकी का ठप्पा हटाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी। कॉन्ग्रेस सरकार में इनके साथ जेलों में सही व्यवहार नहीं हुआ। इनके माध्यम से हिन्दुओं को हिंसक और आतंकी बताने की कोशिश हुई। अब यह सब दावे जमीन पर मुंह के बल गिरे हैं। इस मामले में फैसला आने के बाद भाजपा और VHP के लोगों ने प्रसन्नता जताई है।
Watch: Vishva Hindu Parishad National Spokesperson Vinod Bansal on Nanded Bomb Blast's verdict says, "In the 2007 Nanded bomb blast, two people were killed, and four to five others were injured. After 17 years, the court has delivered its verdict today…Like in the Malegaon… pic.twitter.com/nlPcGGC9Ka
— IANS (@ians_india) January 4, 2025
VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है, “नांदेड़ मामले में कोर्ट का फैसला कॉन्ग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है। उन्होंने इस मामले में को मालेगाँव की तरह हिन्दू आंतकवाद साबित करने का प्रयास किया था। आज सम्पूर्ण कॉन्ग्रेसी कुनबा बेनकाब हुआ है… अब कॉन्ग्रेस को पूरे देश से माफ़ी माँगनी चाहिए। सबसे बड़ा सवाल है कि हिन्दुओं को फंसाने के चक्कर में असल अपराधी बच गए। यह न्यायिक तंत्र पर हमला है।” भाजपा नेता अतुल भट्खालकर ने कहा है कि UPA सरकार के दौरान साजिश के चलते निर्दोष हिन्दू फंसाए गए थे जो अब मुक्त हैं।