Tuesday, December 24, 2024
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हाथ-पैर-गर्दन काट सबको जला दिया, पिताजी की हड्डियाँ तक नहीं मिली: संभल लौटे बनवारी लाल के पुत्र, बताया- घास-फूस पर आटा लपेट पुतला बनाया, फिर किया अंतिम संस्कार

विनीत गोयल ने बताया कि उनको अपने पिता की अस्थियाँ तक नहीं मिली थी। गोयल ने बताया कि अपने पिता के चश्मे के एक हिस्से सहारे उन लोगों ने यह पता किया था कि उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि दंगे के एक माह के बाद उन्होंने फूल-पत्तों पर आटा लपेटकर उनका सांकेतिक दाह संस्कार किया था।

संभल में 1978 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों की बर्बरता अब सामने आ रही है। इस दंगे में 180 से ज्यादा लोग मरे थे। दंगे में संभल के बड़े व्यापारी बनवारी लाल गोयल की भी हत्या की गई थी। उनके हाथ-पैर और गला काट कर जला दिया गया था। बनवारी लाल गोयल के बेटे विनीत गोयल अब वापस संभल लौटे हैं। उन्होंने बताया है कि किस तरह दंगाइयों के चलते वह अपने पिता की अस्थियाँ तक नहीं पा सके और उन्हें सांकेतिक रूप से उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा।

विनीत गोयल ने कैमरे पर उस दंगे की सच्चाई बताई है। गोयल ने बताया कि उनका संभल में तब बहुत बड़ा एक अहाता था, जिसमें व्यापार होता था। दंगाइयों ने ट्रैक्टर लगाकर उस अहाते का गेट तोड़ दिया था। गोयल ने बताया कि उनके रसोइये हरद्वारी लाल ने यह सब पूरा माजरा देखा था। वह एक ड्रम में छुपे हुए थे। यहीं पर उनके पिता बनवारी लाल भी बाकी लोगों के साथ छुपे हुए थे। यह सभी दंगों के चलते दूसरी मंजिल की कोठरी में थे। उन्होंने बताया कि दंगाइयों को जब यह बात पता लगी तो वह बनवारी लाल समेत सबको नीचे ले आए।

विनीत गोयल के अनुसार, हरद्वारी लाल ने देखा था कि बनवारी लाल के मुस्लिम दंगाइयों ने हाथ-पैर काट दिए। उनकी पूरी दुकान और अहाते में पेट्रोल और मिट्टी का तेल डाल दिया गया और आग लगा दी गई। यहाँ पर टायरों में आग लगाई गई और विनीत गोयल के पिता समेत बाकी लोगों को इसी आग में झोंक दिया गया। इसी आग में जलकर सारे लोग मारे गए। किसी के शरीर तक नहीं बचे थे।

विनीत गोयल ने बताया कि इस कारण से उनको अपने पिता की अस्थियाँ तक नहीं मिली थी। गोयल ने बताया कि अपने पिता के चश्मे के एक हिस्से के सहारे उन लोगों ने यह पता किया था कि उनकी मौत हो गई। दंगे के एक माह के बाद उन्होंने फूल-पत्तों पर आटा लपेटकर उनका सांकेतिक दाह संस्कार किया था। विनीत गोयल के साथ के लोगों ने बताया कि संभल में हालात हमेशा ही खराब रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीस कमेटी की बैठक में अच्छी-अच्छी बातें कही जाती थीं जबकि बाहर आकर कुछ भी नहीं बदलता था।

विनीत गोयल ने जो कुछ कैमरे पर बताया, कुछ वैसी ही बात हाल ही में ऑपइंडिया को मिली एक इंटरनल रिपोर्ट में भी लिखी हुई थी। यह रिपोर्ट संभल में हुए दंगों पर प्रशासन ने तैयार की थी। रिपोर्ट के अनुसार, बनवारी लाल गोयल को मुस्लिम दंगाइयों ने पकड़ा और कहा कि तुम इन पैरों से पैसे लेने आए हो और उनके पैर काट दिए। फिर कहा कि तुम इन हाथों से पैसे लेने आए हो और हाथ भी काट दिए। इसके बाद गर्दन काट कर उनकी हत्या कर दी गई। इस दौरान मुस्लिम दंगाइयों के सामने बनवारी लाल गिड़गिड़ाते रहे कि मुझे काटो मत, गोली मार दो।

इसके बावजूद भी उनकी मुस्लिम दंगाइयों ने एक ना सुनी और 24 लोगों समेत हत्या कर दी। विनीत गोयल के परिवार की मुश्किलें यहीं नहीं खत्म हुई। दंगे के बाद भी उन लोगों को न्याय नहीं मिल सका। इस दंगे का मामला 2010 में गवाह ना होने चलते बंद हो गया था। गवाहों पर किस तरह का दबाव रहा होगा इसे इस बात से समझा जा सकता है कि बनवारी लाल के बेटे विनीत गोयल के कारोबारी साझेदार रहे प्रदीप अग्रवाल के भाई की वसीम ने गोली मारकर हत्या कर दी।

उसने साथ ही धमकी दी कि यदि उसके खिलाफ किसी ने एफआईआर करवाई तो उसकी भी हत्या कर दी जाएगी। उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। दंगे में किसी को सजा ना हो इसके लिए बनवारी लाल के परिवार पर डॉक्टर शफीकुर रहमान बर्क की ओर से भी दबाव डाला गया था। बर्क संभल से समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं। फिलहाल उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क इस सीट से सपा के सांसद हैं। न्याय ना मिलने और लगातर प्रताड़ना के चलते 1993 में बनवारी लाल गोयल के परिवार ने संभल छोड़ दिया था और दिल्ली चले आए थे।

विनीत गोयल ने संभल लौट कर डीएम और एसपी से मुलाक़ात की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा है कि अगर दंगे में मारे गए उनके पिता को न्याय मिल जाता है, तो यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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