Wednesday, December 25, 2024
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दीमक-चूहों से बचाने के लिए नोटों पर बोरिक पाउडर छींटता था सौरभ शर्मा, जानिए कैश के बदले क्यों सोने-चाँदी की गिल्ली की करता था डिमांड: लुकआउट नोटिस जारी

सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे। उनकी मौत के बाद साल 2015 में शर्मा को अनुकंपा पर राज्य परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल की नौकरी मिली। इसके बाद बाद साल 2023 में उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और चेक पोस्ट का ठेका लेने लगा। इस जुलाई तक मध्य प्रदेश के 47 चेक पोस्ट थे। इनमें से 23 का ठेका सौरभ शर्मा के पास था।

मध्य प्रदेश के लोकायुक्त की टीम ने 19 और 20 दिसंबर 2024 को RTO (परिवहन विभाग) के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में करोड़ों रुपए कैश सहित भारी मात्रा में सोने के बिस्किट और चाँदी की सिल्लियाँ बरामद हुई थीं। अब तक हुई जाँच में पता चला है कि सौरभ शर्मा रिश्वत में कैश के बजाय सोना और चाँदी लेना ज्यादा पसंद करता था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सौरभ शर्मा नकदी के बदले लोगों से सोने और चाँदी लेना ज्यादा पसंद करता था। ऐसा करने के पीछे उसका मोलभाव का दिमाग काम करता था। वह इसी सोने-चाँदी को बाद में और अधिक दामों पर बेच दिया करता था। दूसरे कारण यह भी थे कि सौरभ शर्मा को नोटों की गड्डियाँ सहेज कर रखने में काफी दिक्कत होती थी। इससे नोटों को खराब होने के झंझट से मुक्ति मिल जाती थी।

कैश के बदले सोने-चाँदी को प्राथमिकता

इसके साथ ही सोने-चाँदी में अधिक कैश को खपाया जा सकता था। जाँच में यह भी पता सौरभ शर्मा ढाई-ढाई लाख रुपए की कीमत के नोटों का बंडल बनाकर रखता था। इन बंडलों के खराब होने को लेकर भी वह काफी चिंता में रहता था। दीमक और चूहों से बचाने के लिए वह बंडलों पर बोरिक पाउडर नाम का केमिकल का छिड़काव करता रहता था। वह नोटों का बंडल बनाने के लिए मशीन रखता था।

एक अनुमान के मुताबिक, सौरभ के ठिकानों से लगभग 234 किलो चाँदी बरामद हुई है। इस चाँदी की कीमत 2 करोड़ रुपयों से अधिक आँकी जा रही है। चाँदी के अलावा, उससे संबंधित 54 किलो सोना भी बरामद हुआ है। कुल मिलाकर अब तक सौरभ शर्मा के अनुमानित 8 करोड़ रुपयों की बरामदगी हो चुकी है। सौरभ शर्मा के बंगले और कार की भी कीमत करोड़ों में आँकी गई है।

लोकायुक्त की जाँच में यह भी निकल कर सामने आया है कि सौरभ शर्मा ने सोने और चाँदी के अलावा पैसों को स्कूल, अस्पताल, होटल, रियल स्टेट आदि कई कारोबारों में लगाया है। उसने अपनी माँ, पत्नी, साली एवं कुछ करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर भी निवेश किए हैं। सौरभ शर्मा के परिवार के अलावा इस नेटवर्क में अब तक उसके 2 करीबियों के नाम सामने आ चुके हैं।

सौरभ शर्मा के दोनों करीबियों के नाम शरद जयसवाल और चेतन गौड़ है। सौरभ शर्मा के घर से एक डायरी भी मिली है। कहा जा रहा है कि इसमें उसके सम्पर्क में रहे कई IAS-IPS अधिकारियों तथा नेताओं के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं। इस डायरी में सालाना 100 करोड़ रुपयों के लेन-देन का हिसाब है। लोकायुक्त की टीम सौरभ शर्मा के बाकी नेटवर्क को खँगालने में जुटी हुई है।

नौकरी से इस्तीफा पर उगाही लगातार जारी

जाँच में यह बात भी सामने आई है कि सौरभ शर्मा ने कुछ दिन पहले अपने तमाम करीबियों को LED टीवी गिफ्ट में दी थी। जाँच एजेंसियाँ सौरभ के विदेश यात्राओं और वहाँ के नेटवर्क को भी खँगालने में जुटी हुई हैं। लोकायुक्त को आशंका है कि सौरभ ने कुछ काला धन दुबई में रियल इस्टेट के काम में भी लगा रखा है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल में सौरभ की जायदाद पाई गई है।

जाँच में यह भी पता चला है कि सौरभ जल्द ही भोपाल के शाहपुर में जयपुरिया स्कूल की एक फ्रेंचाइजी खोलने वाला था। सौरभ ने अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन नाम से एक कम्पनी भी बना रखी है। साल 2021 में बनाई गई इस कम्पनी में सौरभ ने अपने साले को एडिशनल डायरेक्ट बना रखा है। इसी में उसके 2 करीबी शरद और चेतन भी साझेदार हैं।

छापेमारी में सौरभ शर्मा के ठिकानों से परिवहन विभाग की कई मुहरें मिली हैं। कई मुहर तो अधिकारियों के नाम सहित हैं। कार्टन में परिवहन विभाग की चालान काटने वाली कई रसीदें भी मिली हैं। माना जा रहा है कि कॉन्स्टेबल की नौकरी से इस्तीफा देने के बावजूद सौरभ शर्मा का चेक पोस्ट पर उगाही का खेल बदस्तूर जारी था। उसने मध्य प्रदेश के 47 चेक पोस्ट में से 23 का ठेका ले रखा था।

सौरभ की माँ, पत्नी और अन्य करीबियों से पूछताछ के लिए इनकम टैक्स विभाग नोटिस जारी करने जा रहा है। माना जा रहा है कि इन सभी से अगले 2 दिनों के अंदर पूछताछ की जा जाएगी। सौरभ शर्मा और उसके अब तक मिले नेटवर्क के खिलाफ ED ने सोमवार को केस दर्ज कर लिया है। कुछ दिन पहले पहले एक कार लावारिस हालत में मिली थी।

इस गाड़ी में 10 करोड़ रुपए नकद और 54 किलोग्राम सोना मिला था। यह गाड़ी और नकदी एवं सोना भी सौरभ शर्मा से संबंधित है। इसी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत उस पर ये FIR दर्ज की है। सौरभ शर्मा फरार है और माना जा रहा है कि वह दुबई में है। वहीं, कुछ लोग उसके मुंबई में छिपे होने की आशंका जता रहे हैं। इसको देखते हुए लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।

सौरभ शर्मा की नौकरी में धाँधली के आरोप

अब सौरभ शर्मा की नियुक्ति पर भी सवाल उठने लगे हैं। ग्वालियर हाई कोर्ट के वकील अवधेश तोमर ने आरोप लगाया है कि सौरभ की नियुक्ति के दस्तावेजों में भी हेराफेरी की गई थी। उन्होंने आरटीआई के जरिए नियुक्ति के दस्तावेज भी माँगे थे, जो परिवहन विभाग ने नहीं दिए। उन्होंने अभी कहा कि सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा सरकारी नौकरी में है। ऐसे में दूसरे की अनुकंपा नियुक्ति कानून के खिलाफ है।

उन्होंने यह भी कहा कि सौरभ शर्मा की नौकरी कॉन्ग्रेस के एक कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री की सिफारिश पर लगी थी। यही कारण है कि परिवहन विभाग इस फर्जीवाड़े को छिपाना चाहता है और इसके बारे में जानकारी नहीं दे रहा है। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कॉन्ग्रेस सरकार में सौरभ शर्मा की ताकत बढ़ जाती थी और वह अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग तक में दखल देता था।

ट्रांसपोर्टरों और कॉन्ग्रेस ने खोला मोर्चा

सौरभ शर्मा पर हुए खुलासे के बाद ट्रांसपोर्टरों ने RTO आधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कॉन्ग्रेस नामक समूह ने तमाम RTO अधिकारियों की सम्पत्तियों की जाँच कराए जाने की माँग उठाई है। इसी माँग में यह भी शामिल है कि लाइसेंस, फिटनेस और रजिस्ट्रेशन आदि की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए, ताकि उन्हें तंग ना किया जा सके।

वहीं, कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे परिवहन घोटाला बताते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में जाँच कराए जाने की माँग उठाई है। इस संबंध में दिग्विजय सिंह ने PM मोदी को एक पत्र भी लिखा है। उन्होंने भाजपा नेता गोविंद सिंह राजपूत पर भी आरोप लगाया है। हालाँकि, गोविंद सिंह ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बता दें कि सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे। उनकी मौत के बाद साल 2015 में शर्मा को अनुकंपा पर राज्य परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल की नौकरी मिली। उसके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के बाद जाँच से बचने के लिए सौरभ शर्मा ने साल 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और चेक पोस्ट का ठेका लेकर वसूली का खुलेआम धंधा करने लगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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