Thursday, April 25, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनाई कमिटी, कामथ-नीलकेणि भी शामिल: हिंडेनबर्ग-अडानी जाँच रिपोर्ट 2 महीने में SEBI से माँगी

हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। अडानी के शेयर्स दो-तिहाई से अधिक तक गिर गए हैं। इस उथल-पुथल के कारण शेयर बाजार में भारी बिकवाली की स्थिति बनी हुई थी। इससे भारतीय निवेशकों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को पक्षपाती बताया था।

अंतरराष्ट्रीय एजेंसी हिंडेनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी समूह (Adani Group) को लेकर दी गई रिपोर्ट ने सनसनी फैला दी है। इसको लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर भी है। अब इस मामले में सु्प्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेवानिवृत जज की निगरानी में विशेषज्ञ दल बनाया है। इसके साथ ही SEBI से निश्चित समय में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

दरअसल, अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (2 मार्च 2023) को सुनवाई की। सुनवाई में बनाई समिति हिंडेनबर्ग द्वारा रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जाँच करेगी। इसके साथ ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि बाजार नियामक सेबी (SEBI) अपनी जाँच को दो महीने में पूरा कर रिपोर्ट दे। 

इस समिति का अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे को बनाया गया है। पूर्व जस्टिस सप्रे की अध्यक्षता वाली समिति में प्रख्यात बैंकर केवी कामथ और ओपी भट, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलकेणि, ओपी भट और पूर्व जज जेपी देवधर शामिल होंगे। यह समिति शेयर बाजार के नियामक तंत्र के मौजूदा ढाँचे की समीक्षा करेगी।

इधर, सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को यह भी जाँच करने का निर्देश दिया कि नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। इसके साथ ही SEBI यह भी जाँच करे कि शेयर की कीमतों में हेरफेर किया गया है या नहीं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस जाँच में समिति को केंद्र सरकार, वित्तीय सांविधिक निकायों, सेबी चेयरपर्सन को पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया है। 

बता दें कि अडानी समूह पर हिंडेनबर्ग द्वारा अपनी रिपोर्ट में लगाए को आरोपों की जाँच SEBI पहले से ही कर रही है। इस जाँच को ही दो महीने में पूरा करने और शेयरों की कीमतों में हेरफेर आदि को लेकर जाँच करने के लिए कहा है। गौतम अडानी ने कोर्ट ने निर्देशों का स्वागत किया और कहा कि इससे सच्चाई सामने आएगी।

इसके पहले 10 फरवरी 2023 को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपों के कारण अडानी समूह के शेयरों में गिरावट को देखते हुए निवेशकों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए। कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को समिति बनाने का निर्देश दिया था।

बता दें कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। अडानी के शेयर्स दो-तिहाई से अधिक तक गिर गए हैं। इस उथल-पुथल के कारण शेयर बाजार में भारी बिकवाली की स्थिति बनी हुई थी। इससे भारतीय निवेशकों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को पक्षपाती बताया था।

देश के प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी (Gautam Adani) का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि किसी भारतीय व्यवसायी की वैश्विक उपस्थिति से कोई खुश नहीं हैं। इस तरह की रिपोर्ट तो आनी ही थी। उन्होंने कहा था कि समूह पर लगाए गए अधिकांश आरोप सही नहीं लगते। उन्होंने कहा कि गौतम अडानी की अधिकांश संपत्ति रेग्युलेटेड है। उनकी ज्यादातर कंपनियाँ स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं। उनके सारे रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में हैं।

दरअसल, कुछ समय पहले अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कंपनी को टारगेट करने के आरोप में अमेरिका के न्याय विभाग ने 30 इन्वेस्टमेंट एवं रिसर्च कंपनियों एवं उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ जाँच शुरू की थी। जिन कंपनियों के खिलाफ जाँच शुरू हुई थी, उनमें हिंडेनबर्ग रिसर्च भी शामिल है। ये कंपनियाँ किसी को टारगेट करके उसकी वित्तीय रिपोर्ट जारी करते थे और उसके स्टॉक पर अपना शॉर्ट पोजीशन बनाते थे। जब उस कंपनी का स्टॉक जितना ही, गिरता उतना ही ये लाभ कमाते थे।

गौरतलब है कि हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई आरोप लगाए हैं। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग, अनऑथोराइज्ड ट्रेडिंग, वित्तीय गड़बड़ी, भारी-भरकम लोन सहित कई गंभीर आरोप हैं, जो किसी कंपनी के लिए घातक हो सकता है। इस तरह की रिपोर्ट बाजार में आते ही निवेशकों के बीच आफरा-तफरी मच जाती है और कंपनी के स्टॉक धाराशायी होने लगते हैं।

हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह ने मॉरीशस और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स हेवन में संस्थाओं का उपयोग किया और अपनी कंपनियों की सूचीबद्ध शेयरों को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया। यानी रिसर्च फर्म ने अडानी ग्रुप पर टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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